कोरबा@M4S:एसईसीएल कोरबा क्षेत्र मे कार्यरत कुछ अधिकारियों के द्वारा कामगारों के तमाम कल्याणकारी योजनाओं को साजिश के तहत बाधित किया जा रहा है जोकि उचित नही है इस संबंध मे प्रदेश एटक के कार्यवाहक अध्यक्ष दीपेश मिश्रा ने बताया कि कोरबा एरिया के कुछ अधिकारियों ने मिलकर न सिर्फ श्रमिकों बल्कि उनके परिवार को भी असुरक्षित कर दिया है उनहोंने ने आगे कहा कि बांकी, सुराकछार तथा बलगी के आवासीय कालोनियों मे लगभग 2900 क्वार्टर है जिनका 5 वर्ष पहले डिसेंट हाउस स्कीम के तहत मरम्मतीकरण हुआ था जिसके चलते वायरिंग सिस्टम मे खराबी आ गई थी परंतु फंड के अभाव के चलते उन आवासों का रिवायरिंग नहीं किया गया था जबकि आवासों के मरम्मत के समय के रिवायरिंग जरूरी था परंतु प्रबंधन ने उसे अनदेखा किया जिसका नतीजा सभी 2900 आवासों मे विद्युत शक्ति प्रणाली असुरक्षित हो गई थी कभी भी शॉर्ट सर्किट के तहत जान माल का नुकसान हो सकता था इसे भांपते हुए संबंधित अधिकारियों ने सभी आवासों में नए सिरे से रिवायरिंग के लिए एसईसीएल मुख्यालय में प्रस्ताव भेजा वस्तु स्थिति के गंभीरता को देखते हुए मुख्यालय ने रिवायरिंग के प्रस्ताव को स्वीकृत कर कोरबा एरिया प्रबंधन को 8 माह पूर्व भेज दिया था परंतु संबंधित क्षेत्रीय प्रबंधन के कुछ सक्षम अधिकारियों ने मुख्यालय से स्वीकृत वायरिंग प्रस्ताव के फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया है जबकि ये न सिर्फ कामगारों बल्कि उनके परिवार के सुरक्षा से जुड़ा मामला है दीपेश मिश्रा ने आगे बताया की कोरबा क्षेत्र के अंतर्गत जितनी भी इकाइयां है उनके आवासीय कॉलोनी की हालात भी बहुत ही दयनीय है तमाम नालियां गंदगी से बजबजा रही है यहां के जो सिविल विभाग है उनको इस बारे में जब कहा जाता है तो कहते हैं हम क्या करें क्षेत्रीय प्रबंधन असहयोग कर रहा है इसको सही करने के लिए जरूरी रकम मुहैया नही करती है इस बाबत एटक श्रम संगठन ने 15.5.2024 को औद्योगिक संबंधों के तहत मिटिंग मे समस्त आवासीय कॉलोनी मे बजबजाती नालियों के साफ कराने का मसले को सिविल प्रमुख के समक्ष रखा था तब उसमें क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधक श्री एस.के.पी.शिंदे ने कहा कि मैं भी अपने घरके नाली को खुद पैसा देकर साफ करवाता हूं इसमें सबसे मजेदार बात ये है जब क्षेत्रीय कार्मिक प्रबंधन यह बात बोल रहे थे तब क्षेत्रीय सिविल प्रमुख श्री भानु सिंह यह बात सुनने के बावजूद खामोश बैठे रहे उन्होंने आगे कहा कि प्रबंधन के कुछ गैर जिम्मेदार अधिकारियों ने मेहनतकश कामगारों के हकों को सीधे नुकसान पंहुचाने पर तुले हुए है इस क्रम मे कामगारों के तमाम वैधानिक भुगतान को जानबूझकर प्रबंधन के कुछ अधिकारी रोकने का काम कर रही है इसमें सबसे गंभीर बात यह है कि नो ड्यूज जमा करने के बावजूद रिटायर्ड या त्यागपत्र देने वाले कामगारों का सी.एम.पी.एफ एवं उपदान (ग्रेच्युटी ))भुगतान जबरन रोका जा रहा है जबकि निदेशक कार्मिक एसईसीएल का निर्देश है कि 30 दिन के अंदर ग्रेच्युटी भुगतान करना है पर क्षेत्रीय प्रबंधन को इससे कोई लेना देना नहीं है अंत मे दीपेश मिश्रा ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा कि एटक संगठन प्रबंधन के मजदूर विरोधी रवैया को बर्दाश्त नही करेगा इस कड़ी मे प्रबंधन बांकी, सुराकछार व बलगी के 2900 आवासों मे तुरंत रिवायरिंग कराए तथा सभी इकाइयों के आवासीय कॉलोनी में सिविल से जुड़े कार्य को करें तथा रिटायर्ड या त्यागपत्र देने वाले कामगारों का जो कानूनी बकाया रकम का तुरंत भुगतान करें अन्यथा श्रम संगठन सीधी कार्यवाही करने के लिए बाध्य होगा।