Shwetabh Tiwari: अपने भविष्य के लिए लिख डाली श्वेताभ तिवारी हत्याकांड की पटकथा, भाजपा नेता था मास्टरमाइंड

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उत्तर प्रदेश (एजेंसी) भाजपा नेता ललित कौशिक की सीए श्वेताभ तिवारी से न तो सीधे तौर पर कोई रंजिश थी और न ही कारोबारी प्रतिद्वंद्विता। बावजूद इसके उसने हत्याकांड की ऐसी साजिश रची। जिसे सुलझाने में पुलिस को डेढ़ माह का लंबा वक्त लग गया। पुलिस का दावा है कि इस बहुचर्चित हत्याकांड की पटकथा भविष्य की योजना को ध्यान में रखकर रची गई थी।

शूटर केशव सरन शर्मा और विकास शर्मा ने पुलिस को बताया कि श्वेताभ तिवारी योजना बना रहे थे कि वह सीए का पेशा छोड़कर पूरी तरह से प्रॉपर्टी डीलिंग, होटल, रेस्टोरेंट, रिसोर्ट, आवासीय कॉलोनी बनाएंगे। इसके लिए उन्होंने अपनी पत्नी से भी चर्चा की थी लेकिन ललित कौशिक और विकास ने तो इसने भी आगे की योजना बना ली थी।

ललित कौशिक का खास और भरोसेमंदों से एक प्रॉपर्टी डीलर रेती स्ट्रीट मोहल्ला निवासी विकास शर्मा श्वेताभ तिवारी के साले संदीप ओझा का भी दोस्त है। संदीप ओझा कांठ रोड स्थित लवीना रेस्टोरेंट में पार्टनर हैं और वो ही इसे देखते हैं। यहां अक्सर विकास शर्मा संदीप ओझा के पास बैठता था। संदीप से लंबी चर्चा करने के बाद वह रामगंगा विहार स्थित ललित कौशिक के दफ्तर में जाता था।

विकास शर्मा ने ही ललित को बताया था सीए श्वेताभ तिवारी के पास करीब आठ सौ करोड़ की प्रॉपर्टी है। उन्होंने करीब चालीस करोड़ की कीमती अपनी कंपनी में अपने साले संदीप ओझा को डायरेक्टर बना रखा है। श्वेताभ तिवारी ने मुरादाबाद के अलावा उत्तराखंड के भवाली, नोएडा, दिल्ली, गाजियाबाद और देहरादून में भी प्रॉपर्टी खरीद रखी थी।

उन्होंने सभी पार्टनरों को श्वेताभ तिवारी ने ही एक जगह बांध रखा है। अगर श्वेताभ तिवारी की हत्या कर दी जाएगी तो सभी पार्टनर बिखर जाएंगे और संदीप ओझा भी अगले पड़ जाएंगे। एक दो साल में संदीप को विश्वास में लेकर कंपनियों में शामिल हो सकते हैं। अगर संदीप तैयार नहीं होंगे तो उन्हें डरा धमकाकर कम दामों में उनकी प्रॉपर्टी खरीदी जा सकती है।

इसके बाद भी वह तैयार नहीं होंगे तो जबरन कब्जा कर लेंगे। पुलिस का दावा है कि ललित ने इस साजिश में अपने सबसे खास और भरोसेमंंद केशव सरन शर्मा, खुशवंत सिंह उर्फ भीम और विकास शर्मा को शामिल किया।
कुशांक हत्याकांड में नहीं फंसे तो सीए हत्याकांड के लिए शुरू किया काम
पाकबड़ा के गांव गिंदौड़ा निवासी शूटर केशव सरन शर्मा और विकास शर्मा की ललित कौशिक के दफ्तर में ही हुई थी। इसके बाद ही ललित कौशिक के इशारे पर उसने कुशांक गुप्ता की हत्या की थी। पुलिस इस हत्याकांड को नहीं खोल पाई तो सभी आरोपी फिर से मिलकर नई याजना बनाने लगे थे।
योजना बनाने के बाद ललित कौशिक ने एक बार फिर अपने भांजे के दोस्त और करीबी खुशवंत सिंह उर्फ भीम को अपने साथ मिलाया। उसे जिम्मेदारी दी गई कि शूटर केशव सरन शर्मा को बाइक से दिल्ली रोड पर स्थित सीए के दफ्तर के पास ले जाएगा और वारदात कराने के बाद उसे वहां से लेकर दूसरी जगह पहुंचा दें।

सोनकपुर ओवरब्रिज पर थी सीए की हत्या करने की योजना
केशव सरन शर्मा ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उनकी योनजा था कि वह दफ्तर से ही श्वेताभ तिवारी की गाड़ी का पीछा करेंगे। सोनकपुर के पास पुल पर अंधेरे में ओवरटेक करके कार रुकवा लेंगे और हत्या कर दें। लेकिन दफ्तर के पास ही उन्हें मौका मिल गया था। सीए कॉल आने पर अपने दोस्त व पार्टनर अखिल अग्रवाल की गाड़ी से बात करने के लिए बाहर निकल गए थे। इसी दौरान शूटर को मौका मिला और उसने यहीं गोलियां बरसा दी थीं।
पुलिस ने इन सामान किया बरामद
– एक अवैध विस्टल
– प्वाइंट 32 बोर के छह कारतूस
– एक तमंचा 315 बोर
– एक मोबाइल,
– एक बाइक यामाहा एफजेड एस
– पिट्ठू बैग

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