बिलासपुर@M4S:जियोमाईनटेक संस्थान द्वारा भुवनेश्वर उड़ीसा में आयोजित 23वें वार्षिक जियोमाईनटेक सिम्पोजियम के दौरान मिनी रत्न उपक्रम एसईसीएल को प्रतिष्ठित गोल्डन रेनबो पुरस्कार 2022-23 प्रदान किया गया है। उपरोक्त समारोह में कम्पनी के निदेशक तकनीकी (संचालन) एस के पाल को बेस्ट डायरेक्टर कॉरपोरेट मैनेजमेंट इनोवेटिव लीडरशिप एक्सीलेंस अवार्ड 22-23 भी प्रदान किया गया है। उक्त अवार्ड मुख्य अतिथि माननीय श्री प्रदीप कुमार अमत, कैबिनेट मंत्री, वन एवं पर्यावरण, पंचायती राज एवं पेयजल, सूचना एवं जनसंपर्क, ओडिशा सरकार के करकमलों से प्रदान किया गया।
एसईसीएल को यह पुरस्कार उत्पादन, पर्यावरण संवर्धन, एचआर एक्सीलेंस, स्वच्छ भारत अभियान तथा आपदा प्रबंधन में कुशल प्रदर्शन, मशीनों के रख-रखाव की व्यवस्था,
सीएसआर कार्य तथा सेफ्टी आदि मानकों पर बेहतर कार्यनिष्पादन के लिए प्रदान किया गया है।
विदित हो कि बीते वित्तीय वर्ष में एसईसीएल ने शानदार प्रदर्शन किया है। कम्पनी ने 167 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया जो कि स्थापना से किसी भी एक वर्ष का सर्वाधिक उत्पादन है। एसईसीएल ने वार्षिक आधार पर 24.5 मिलियन टन का ग्रोथ दर्ज किया है जो कि किसी भी एक वर्ष में सर्वाधिक अभिवृद्धि है। इसके साथ कंपनी द्वारा ओबीआर और डिस्पैच में भी नए रिकॉर्ड बनाए गए हैं।
इसके साथ ही गत वित्तीय वर्ष में सीएसआर के अंतर्गत विभिन्न सामाजिक कार्यों के लिए लगभग 45 करोड़ रूपये खर्च किए गए हैं वहीं सतत धारणीय विकास अंतर्गत खदानों से निकले जल के सदुपयोग को प्रोत्साहित किया गया। वर्ष 2022-23 में एसईसीएल द्वारा खदान से निकला लगभग 258.07 लाख किलो लीटर जल सिंचाई और लगभग 28.02 लाख किलो लीटर खान जल घरेलू उपयोग हेतु उपलब्ध कराया गया। इस वर्ष कम्पनी ने 365 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में रिकार्ड 8 लाख से अधिक पौधों का भी रोपण किया है।
समारोह में एसईसीएल निदेशक तकनीकी (संचालन) एस के पाल को बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड भी प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि एसईसीएल की विभिन्न खदानों से उत्पादन बढ़ाने एवं बंद पड़ी खदानों को चालू करने में श्री पाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसी का नतीजा रहा कि वर्ष 2022-23 में पहली बार एसईसीएल द्वारा 3 खदानों को एमडीओ मोड पर संचालित करने के लिए एलओए जारी किया गया। कम्पनी की 6 परियोजनाओं में उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए पर्यावरण स्वीकृति हासिल की गयी जिससे सालाना 9 मिलियन टन से अधिक उत्पादन क्षमता का विस्तार हुआ। कम्पनी ने रामपुर-बटुरा परियोजना की शुरूआत की वहीं आमाडाण्ड, अमगांव, राजनगर ओसी जैसे बंद परियोजनाओं को पुनः शुरू किया गया।
उक्त समारोह में अन्य पुरस्कारों में आर पी साह, क्षेत्रीय महाप्रबंधक, दीपका क्षेत्र को येलो सफायर ओवरआल प्रॉडक्शन ग्लिटर अवार्ड, बी के जेना महाप्रबंधक (पर्यावरण) को ग्रीन एमराल्ड एनवायरनमेंट एक्सलेन्स अवार्ड एवं आर के पटेल, महाप्रबंधक (खनन) को ब्लू एगेट मशीनरी ईक्विपमेंट मैंटेनेंस अवार्ड, प्रदान किया गया।
बीते वर्ष कंपनी की विभिन्न उपलब्धियों के लिए विभिन्न सम्मान भी मिले जिसमें 9वें गवर्नेंस नाउ पीएसयू अवार्ड्स में पर्यावरण और सस्टेनिबिलिटी पुरस्कार, विश्व सीएसआर संस्थान द्वारा सीएसआर उत्कृष्टता पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ जल प्रबंधन के लिए वाटर डाइजेस्ट वर्ल्ड वाटर अवार्ड्स आदि शामिल हैं।