एसईसीएल के अफसरों का थोक में तबादला

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कोरबा@M4S: हाल ही में एसईसीएल के नए सीएमडी हरीश दुहन ने कार्यभार संभाला है। दुहन कंपनी के लक्ष्य को आगे बढ़ाते हुए कोयला खदानों में नए सिरे से अधिकारियों को तैनात कर रहे हैं ताकि टीम को मजबूती प्रदान करते हुए उत्पादन लक्ष्य का हासिल किया जा सके।
कोयला कंपनी के नए सीएमडी हरीश दुहन ने अफसरों का थोक में तबादला किया है। जीएम रैंक के 27, चीफ जनरल मैनेजर रैंक के पांच और सीनियर मैनेजर रैंक के एक अधिकारी का तबादला कर दिया है। एसईसीएल में सीएमडी का पदभार संभालने के बाद दुहन की यह पहली प्रशासनिक सर्जरी है। नए आदेश के तहत कई एरिया के जनरल मैनेजर भी प्रभावित हुए हैं। कोरबा एरिया के जनरल मैनेजर दीपक पांड्या का कंपनी मुख्यालय बिलासपुर तबादला किया गया है। उन्हें जीएम ऑपरेशन की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। कोरबा एरिया में जीएम ऑपरेशन का काम देख रहे राकेश कुमार गुप्ता को कोरबा एरिया जीएम का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। कंपनी ने सरायपाली खदान के सबएरिया मैनेजर सुरेंद्र सिंह चौहान को हटा दिया है और उन्हें जीएम ऑपरेशन कुसमुंडा एरिया बनाया गया है। इसके अलावा कुसमुंडा, दीपका और गेवरा एरिया में कार्यरत कई अधिकारी भी इधर-उधर किए गए हैं। इसमें गेवरा के जीएम (एसएएम) को चिरमिरी एरिया का नया जनरल मैनेजर बनाया गया है। कुसमुंडा में कार्यरत जीएम प्रकाश राय को एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर भेजा गया है। गेवरा एरिया में कार्यरत रमेश बसंत सिधुर को गेवरा एरिया में (एसएएम) का प्रभार दिया गया है। अधिकारियों की तबादले से संबंधित सूची एसईसीएल के कार्मिक महाप्रबंधक सुजाता रानी के हस्ताक्षर से जारी किया गया है। इसके तहत सभी अधिकारियों को नए स्थान पर तबादले के 15 दिन के भीतर कार्यभार ग्रहण करने के लिए कहा गया है। यह तबादला ऐसे समय पर हुआ है जब कंपनी चालू वित्तीय वर्ष में कोयला उत्पादन के लक्ष्य 200 मिलियन टन के पार का इरादा लेकर आगे बढ़ रही है। कंपनी को इस लक्ष्य तक पहुंचाने में गेवरा, दीपका, कुसमुंडा के मेगा प्रोजेक्ट की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रहेगी। इस स्थिति में इन खदानों में काम करने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों पर मुख्यालय की नजर है।  कोयला कंपनी ने कुसमुंडा में हाल के कुछ महीने पहले तबादले पर आए 26 कर्मचारियों को वापस भेज दिया है। इसमें सोहागपुर, जमुना-कोतमा, जोहिला, हसदेव, भटगांव और रायगढ़ क्षेत्र के कर्मी शामिल हैं। इन सभी की केटेगरी 1 व 2 बताई जा रही है। कुसमुंडा में कार्य के दौरान कर्मचारियों ने मूल स्थान पर वापस भेजने की मांग की थी।

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