बिलासपुर@M4S:कोयला खदानों के डिजिटलीकरण के लिए एसईसीएल ने शनिवार को “डिजिटल वार रूम” लॉन्च किया। सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने एसईसीएल मुख्यालय में कोल इंडिया के “प्रोजेक्ट डिजिकोल” की निगरानी और सहायता के लिए एक “डिजिटल वार-रूम” का शुभारंभ किया। डिजिकोल परियोजना उन्नत डिजिटल समाधानों का उपयोग करके कोल इंडिया एवं उसकी अनुषंगी कंपनियों के खनन कार्यों को भविष्य के लिए तैयार करने में मदद करेगी।
विदित हो कोयला खदानों के डिजिटलीकरण के लिए कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने शुक्रवार को “प्रोजेक्ट डिजिकोल” लॉन्च किया है। कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल ने कोलकाता स्थित कोल इंडिया मुख्यालय में इस प्रोजक्ट को लॉन्च किया और प्रोजक्ट की निगरानी और सहायता के लिए एक “डिजिटल वार-रूम” का शुभारंभ किया।
लॉन्च के साथ, डिजिकोल परियोजना कोल इंडिया की 7 कोयला खदानों में लाइव हो गई, जिसमें एसईसीएल में गेवरा, दीपका और कुसमुंडा खदानें और एनसीएल में निगाही, जयंत, दुधीचुआ और खड़िया खदानें शामिल हैं। इस परियोजना को डिजाइन और कार्यान्वित करने के लिए कोल इंडिया ने सलाहकार के रूप में एक्सेंचर को नियुक्त किया है।
इस अवसर पर कोल इंडिया के अध्यक्ष श्री प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि डिजिकोल परियोजना कोल इंडिया में डिजिटलीकरण की दिशा मे एक अहम पड़ाव है। यह परियोजना प्रक्रियाओं को और अधिक सक्षम और बेहतर बनाने में मदद करेगी।
एसईसीएल में डिजिटल वार-रूम का अनावरण करते हुए सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने कहा कि आज के समय में डिजिटलीकरण हर उद्योग के लिए बेहद ज़रूरी हो गया है, कोल इंडिया कि इस परियोजना के अंतर्गत लांच किए गए इस डिजिटल वार रूम की मदद से हमें कोयला उत्पादन बढ़ाने और सप्लाई चेन को और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
एसईसीएल में डिजिटल वार-रूम के शुभारंभ अवसर पर निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.के. पाल, निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एस.एन. कापरी, निदेशक (कार्मिक) देबाशीष आचार्या उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आयोजन के राजशेखर महाप्रबन्धक (योजना/परियोजना) एवं उनकी टीम द्वारा सम्पन्न किया गया।
बता दें “प्रोजेक्ट डिजिकोल” मजबूत सर्वेक्षण और योजना के लिए ड्रोन की तैनाती, एआई/एमएल आधारित ड्रिल और ब्लास्ट डिजाइन, भारी मशीनों की उपलब्धता और उपयोग को अधिकतम करने के लिए आईओटी आधारित फ्लीट मॉनिटरिंग सिस्टम, भूमि अधिग्रहण प्रबंधन जैसे डिजिटल पोर्टफोलियो के माध्यम से कार्य दक्षता को बढ़ावा देते हुए समग्र उत्पादन में सुधार के लिए उद्योग की अग्रणी प्रथाओं को लागू करने में कोल इंडिया की मदद करेगा। इस पहल से कोल इंडिया को वित्त वर्ष 2025-26 तक कोल इंडिया लिमिटेड को 1 बिलियन टन (बीटी) कोयला उत्पादन के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।