कोरबा@M4S:दशहरा-दिवाली सहित त्योहारी छुट्टियों के चलते स्कूलों में पाठ्यक्रम पिछड़ गया है। इधर स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखते हुए निर्देशित किया है कि हर हाल में 10 जनवरी तक स्कूलों में 100 प्रतिशत पाठ्यक्रम पूरा होना चाहिए।
शासन के निर्देशों के अनुसार, हर जिले में प्री-बोर्ड परीक्षा का आयोजन जनवरी 2025 के अंतिम सप्ताह में किया जाएगा। परीक्षा पूरी तरह से पाठ्यक्रम आधारित होगी और इसके लिए प्रत्येक जिले में परीक्षा का समय सारणी जारी करने की जिमेदारी संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों की होगी। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा ब्लू प्रिंट के अनुसार प्रश्न पत्र तैयार किए जाएंगे। साथ ही, प्रश्न पत्र निर्माण समिति के सदस्यों को ब्लू प्रिंट के अनुसार प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि परीक्षा का स्तर और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। साथ ही परीक्षार्थियों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। पिछले वर्ष जिले में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में फेल हो गए थे, जिसे देखते हुए शासन ने प्री-बोर्ड परीक्षा को अनिवार्य करने का फैसला लिया है। परीक्षा जनवरी के अंतिम सप्ताह में होगी, जिसमें पूरे पाठ्यक्रम को शामिल किया जाएगा। स्कूल शिक्षा सचिव के निर्देश पर शिक्षा विभाग के अधिकारी इसकी तैयारियों में जुट गए हैं। यह कदम बोर्ड परीक्षा में बेहतर परिणाम हासिल करने के उद्देश्य से उठाया गया है। जिले की वास्तविक स्थिति यह है कि यहां स्कूल खुले साढ़े चार माह बीत गए हैं, लेकिन अब तक केवल सरकारी स्कूलों में केवल 30 से 50 प्रतिशत ही कोर्स पूरा हो पाया है। ऐसे में अब शिक्षकों पर दबाव है कि वे बचे हुए पाठ्यक्रम को 2 माह में पूरा कराएं। इसके बाद जनवरी के अंतिम सप्ताह में 10वीं और 12वीं कक्षा की प्री-बोर्ड परीक्षा का आयोजन किया जा सके। शासकीय स्कूलों में कक्षा 10वीं और 12वीं के बोर्ड परीक्षा परिणामों में सुधार के लिए राज्य शासन ने आगामी जनवरी माह में राज्य के सभी शासकीय हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में प्री-बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय विद्यार्थियों की परीक्षा तैयारी को बेहतर बनाने और परिणामों की गुणवत्ता में सुधार करने के उद्देश्य से लिया गया है। ऐसे में अब शिक्षकों को पाठ्यक्रम पूरा कराने के लिए 10 जनवरी तक समय दिया गया है।
स्कूलों के सामने दो माह में कोर्स पूरा करने की चुनौती छुट्टियों के चलते स्कूलों में पाठ्यक्रम पिछड़ा
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