कोरबा@M4S: जिले में कई अवैध पैथोलॉजी लैब और कलेक्शन सेंटर संचालित हो रहे हैं। यहां मरीजों का ब्लड, यूरिन सैंपल लेने के बाद उसे जांच कर जो रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा रही है, उसमें पैथोलॉजिस्ट का डिजिटल सिग्नेचर होता है।
इन अवैध कलेक्शन सेंटरों में मरीजों से ब्लड सहित अन्य सैंपल तो ले लिया जा रहा है, लेकिन सैंपल्स को सही तरीके से संरक्षित नहीं किया जाता, जिससे सैंपल खराब होने का भी डर रहता है। इससे मरीजों की सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इन सेंटरों का मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना है, न कि मरीजों के स्वास्थ्य की चिंता करना। संबंधित अधिकारियों की लापरवाही और जांच के अभाव में ये केंद्र फल-फूल रहे हैं। इस पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है, ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रही धोखाधड़ी पर रोक लगाई जा सके और मरीजों की जान को खतरे से बचाया जा सके। यानी संबंधित रिपोर्ट को कंप्यूटर के सहायता से निकाला जाता है। शहर में ऐसे 250 से अधिक लैब और कलेक्शन सेंटर का संचालन हो रहा है। इन सेंटरों को कोई मान्यता नहीं प्राप्त है, फिर भी यहां से टेस्ट और रिपोर्ट्स दिए जा रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए खतरे का कारण बन सकते हैं। जानकारी के अनुसार, एक पैथोलॉजिस्ट ने दर्जनों अवैध कलेक्शन सेंटर चला रखे हैं, जहां से सैंपल एकत्र किए जाते हैं और रिपोर्ट्स 4 से 5 घंटे में जारी कर दी जाती है। रिपोर्ट में डिजिटल सिग्नेचर का इस्तेमाल किया जाता है, जो रिपोर्ट्स वैध होने का भरोसा दिलाता है।
अवैध पैथोलैब व कलेक्शन सेंटरों में दे रहे डिजिटल सिग्नेचर वाली रिपोर्ट
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