कोरबा@M4S: जिले में राखड़ की समस्या ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। खुले में किए जा रहे राखड़ डंप से परेशानी बढ़ गई है। जिसकी कई बार शिकायत पर्यावरण विभाग व प्रशासन तक पहुंच चुकी है। अब सूबे के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने भी राखड़ समस्या को लेकर कड़ा रूख अख्तियार कर लिया है। शुक्रवार को वे राखड़ बांधों के निरीक्षण के लिए निकले। इस दौरान राजस्व मंत्री के साथ प्रशासनिक व विभिन्न संयंत्रों के अफसर भी मौजूद रहे।
कोरबा को प्रदूषण निगल रहा है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। विद्युत संयंत्रों से निकली राख कहां जा रही है, किसके आदेश पर जा रही है। नियमों का पालन हो रहा है अथवा नहीं यह बताने वाला कोई नहीं है। छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल यही जानने और परखने के लिए राखड़ बांधों का निरीक्षण करने निकल पड़े। सबसे पहले वे भारत एल्मुनियम कंपनी के बांध का निरीक्षण करने पहुंचे। बांध पर पहले से ही प्रशासनिक अधिकारी और बालकों के अधिकारी मौजूद थे। इसके अलावा वे अन्य बांधों में भी दस्तक देंगे। लापरवाही मिलने पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए जाएंगे। राजस्व मंत्री के निरीक्षण से लापरवाही बरतने वालों में हडक़ंप मचा रहा।
चेकपोस्ट एरिया में खुले में राखड़ डंप
चेकपोस्ट में खुले स्थान पर राखड़ डंपिंग के बाद हल्की सी भी हवा चलने से राख का गुबार उठकर आसपास क्षेत्र में फैलने लगता है। डंपिंग स्थल के नजदीक ही बालको-कोरबा मुख्य मार्ग है। इसलिए राखड़ के गुबार के बीच से बालको मार्ग में राहगीर भी परेशान होते हैं। वहीं राखड़ परिवहन में लगे वाहनों के चलने से उठने वाले धूल के बीच से आवाजाही करते हैं। आसपास के लोगों का राख से जीना मुहाल हो गया है। डीएसपीएम प्लांट से राखड़ की सप्लाई पाइप लाइन के जरिए पंडरीपानी स्थित ऐश डाइक तक की जाती है। डाइक में राखड़ का भराव ज्यादा होने पर चेकपोस्ट बस्ती के पीछे ढेंगुरनाला के ऊपर बिजली कंपनी ने 5 साल पहले राखड़ भराव की अनुमति ली। पर्यावरण संरक्षण मंडल से 9.352 हेक्टेयर जमीन में सर्शत राखड़ भराव की अनुमति दी। लेकिन राखड़ डपिंग में अब नियमों की अनदेखी की जा रही है।
दिन भर उड़ता है राखड़
चेकपोस्ट बस्ती से सटकर खुले में राखड़ डंपिंग हो रही है।अब गर्मी के सीजन में अंधड़ का दौर शुरू हो गया है। इसके साथ ही क्षेत्र में राखड़ का गुबार उठने लगा है, जिससे चेकपोस्ट समेत पथर्रीपारा व रामपुर बस्ती के लोग परेशान हो रहे हैं। डंपिंग स्थल पर पानी छिडक़ाव के लिए किसी तरह का इंतजाम नहीं किया गया है।डीएसपीएम प्लांट के पिछले गेट से चेकपोस्ट तक राखड़ परिवहन करते हुए डंपिंग किया जा रहा है। इस कारण एक तो सडक़ पर राखड़ वाहन के चलने से दिनभर राखड़ उठता रहता है। वहीं तेज हवा चलने से चेकपोस्ट की ओर से राखड़ उडक़र बस्ती में छा जाता है, जिससे बाहर सुखाए गए कपड़े में भी राखड़ लग जाता है। बर्तनों में राखड़ नजर आता है।
राखड़ ने किया जीना मुहाल, निरीक्षण पर निकले राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल प्रशासनिक सहित संयंत्रों के अफसर भी रहे मौजूद
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