कोरबा@M4S: मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना हो और इस आराधना में काल भैरव की पूजा ना की जाए तो यह पूजा अधूरी मानी जाती। काल भैरव का दर्शन उपरांत मां दुर्गा का दर्शन करने की पौराणिक मान्यता है। काल भैरव का स्वरूप श्वान को माना जाता है। इसी कड़ी में नवरात्रि के पावन अवसर पर एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब कोरबा पुलिस का खोजी डॉग बाघा काल भैरव और मां सर्वमंगला के मंदिर पहुंचा। बाघा ने न केवल मंदिर में उपस्थित होकर श्रद्धा व्यक्त की, बल्कि विधिवत पूजा भी की।
जिला पुलिस बल की एक अहम, कर्तव्यनिष्ठ और ईमानदार इकाई के रूप में शामिल और अक्सर बड़े गंभीर मामलों में पुलिस के लिए खास मददगार ट्रैकर डॉग बाघा ने अपने ट्रेनर सुनील गुप्ता के साथ भैरव बाबा की चौखट पर पहुंचकर माथा टेका। मां सर्वमंगला मंदिर परिसर में स्थित भैरव बाबा के मंदिर पहुंचकर बाघा ने शीश झुकाया। मंदिर के पुजारी ने बाघा के पास पहुंचकर उस पर पुष्प चढ़ाए और उसे रक्षा सूत्र भी बांधा। उन्होंने भैरव स्वरूप बाघा का आशीर्वाद भी लिया और दीर्घायु की कामना भी की। बाघा ने दोनों हाथ जोडक़र भैरव बाबा को नमन किया। इसके बाद बाघा व ट्रेनर ने मॉं सर्वमंगला देवी का भी दर्शन कर आशीर्वाद लिया।श्वान को भैरव बाबा का रूप माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि काल भैरव, देवी के 52 शक्तिपीठों की रक्षा करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव का वाहन श्वान (कुत्ता) है, जो केवल एक पशु नहीं, बल्कि एक पवित्र साथी है जो बाबा के साथ एक गहरे आध्यात्मिक संबंध को दर्शाता है। काल भैरव को भगवान शिव का एक उग्र रूप माना जाता है, और उनकी सवारी एक काला कुत्ता है। हर वर्ष की नवरात्रि में बाघा, काल भैरव और मां दुर्गा की चौखट पर पहुंचकर पूजा अर्चना करता है और यह मंदिर में पहुंचने वाले दर्शनार्थियों के लिए कौतूहल के साथ-साथ श्रद्धा का केंद्र बिंदु भी बना रहता है।
पुलिस खोजी डॉग बाघा ने काल भैरव के दरबार में दी हाजरी ट्रेनर के साथ विधि विधान से की पूजा अर्चना

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