कोरबा@M4S:स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आज कोरबा जिले के प्रवास के दौरान स्व. बिसाहू दास महंत स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय व संबद्ध जिला अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में स्वच्छता बनाए रखने के निर्देश देते हुए कहा कि मरीजों को समय पर उपचार के साथ उचित व्यवहार मिले और उन्हें अस्पताल में गुणवत्ता मूलक भोजन उपलब्ध हो। स्वास्थ्य मंत्री ने मेडिकल कॉलेज में बैठक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों से कहा कि लोग डॉक्टर को भगवान मानते हैं। कुछ समय से डॉक्टरों के प्रति लोगों की सोच बदल रही है, इसलिए चिकित्सकों को चाहिए कि वे मरीजों और आम जनता में अपने विश्वास को बनाए रखें, डॉक्टरों का मरीजों के प्रति जो सेवा भावना होनी चाहिए, वह भी बरकरार रहे। मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि निजी अस्पतालों की अपेक्षा सरकारी अस्पतालों में चिकित्सक, स्टाफ तथा सुविधाएं पर्याप्त होती है, ऐसे में कोई मरीज सरकारी अस्पताल में इलाज कराने की अपेक्षा प्राइवेट अस्पताल की ओर रूख करे, यह अच्छी बात नहीं है। उन्होंने जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में काम करते हुए आवश्यकताओं की जानकारी ली और कमियों को पूरा करने की बात कही।
स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने जिला अस्पताल में निरीक्षण के दौरान निर्देशित किया कि बाहर से उपचार के लिए आने वाले मरीजों को अनावश्यक इधर-उधर भटकना न पड़े। यहां मरीजों को टोकन उपलब्ध कराने के साथ ही डिस्प्ले के माध्यम से उनके क्रम की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में साफ-सफाई रखने के निर्देश देते हुए पेयजल की व्यवस्था भी सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने आपातकालीन कक्ष, बर्न यूनिट, डायलिसिस कक्ष, मनोरोग उपचार कक्ष, सोनोग्राफी कक्ष, प्रसूति कक्ष का अवलोकन किया। महिला वार्ड में निरीक्षण के दौरान उन्होंने मौके पर उपस्थित चिकित्सकों और नर्स को बेहतर उपचार करने के निर्देश देते हुए उनसे चर्चा भी की। अस्पताल में स्वास्थ्य मंत्री ने बाहर से आए मरीजों से भी चर्चा कर उपचार व्यवस्था की जानकारी ली।
मरीजों के साथ हो बेहतर व्यवहार
मेडिकल कॉलेज में चिकित्सकों और अधिकारियों की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देशित किया कि अस्पताल में मरीजों के साथ किसी प्रकार की अभद्रता व अनुचित व्यवहार न हो, उन्हें समय पर आवश्यक उपचार मिले, अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली भोजन भी गुणवत्ता युक्त हो। साफ-सफाई व्यवस्था बेहतर होने के साथ ही किसी प्रकार की गंदगी न हो। अस्पताल में मशीन खराब होने पर उच्च स्तर पर इसकी सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश भी उन्होंने दिए।