मालिक को कुछ और ही मंजूर था
पत्रकारों से बातचीत में हवा सिंह नरवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि बचपन से ही विनय को सेना में भर्ती होने का जुनून था और यही जुनून उसे मां भारती के लिए शहादत तक ले गया। उसे सेना की वर्दी से बहुत प्यार था और घूमने का शौक था। हनीमून के लिए स्विटजरलैंड जाने के सवाल पर कहा कि वहां की टिकटें नहीं मिल पा रही थी, नेवी मुख्यालय ने छुट्टी बढ़ाने के लिए भी मंजूरी दे थी, लेकिन मालिक को कुछ और ही मंजूर था।
कुचला जाए आतंकियों का फन
एक अन्य सवाल पर हवा सिंह ने कहा कि देश की सेना को इसका बदला जरूर लेना चाहिए। नम आंखों से नरवाल ने कहा कि, मोदी जी हम हाथ जोड़ते हैं, इस शहादत का बदला जरूर लेना। देश से उग्रवाद का खात्मा किया जाए, किसी के आगे किसी माता की कोख न उजड़े। जब तक इन आतंकियों का फन नहीं कुचला जाता, हमें शांति नहीं मिलेगी।