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बालको ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर किया मल्टी-स्पेशलिटी स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

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कोरबा@M4S:वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन (आईडीओपी) दिवस के अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य एवं कल्याण को बढ़ावा देने के लिए एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम में जिला न्यायाधीश सत्येंद्र कुमार साहू, विशेष न्यायाधीश जयदीप गर्ग, सिविल जज  डिंपल ने उपस्थित वरिष्ठ नागरिकों से बातचीत की।

हेल्पएज इंडिया के सहयोग से कंपनी ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई स्वास्थ्य जागरूकता सत्र का आयोजन किया। मानसिक स्वास्थ्य सत्र में मनोचिकित्सक ने वृद्धावस्था में डिमेंशिया तथा मेंटल हेल्थ से निपटने का तरीका बताया। वृद्धजनों को महत्वपूर्ण तकनीक जानकारी देने के लिए डिजिटल साक्षरता कार्यशाला तथा संतुलित एवं पोषण आहार की जानकारी दी गई। अतिथियों ने समाज में उनके समर्पण और सेवा की सराहना करते हुए महत्वपूर्ण योगदान के लिए दस वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों या युवाओं के बीच पारस्परिक समझ विकसित करना तथा वरिष्ठ समुदाय की शक्ति और अमूल्य योगदान पर प्रकाश डाला गया।

शिविर में बुजुर्ग सदस्यों के लिए गतिशीलता और दैनिक जीवन को बेहतर बनाने के लिए सहायक उपकरण प्रदान किए गए। इलेक्ट्रोथेरेपी तकनीक का उपयोग करके 33 बुजुर्गों को फिजियोथेरेपी सेवाएँ प्रदान की गईं। इन उपायों से उनकी बीमारियों में कमी एवं स्वास्थ्य लाभ हुआ। कंपनी की द्वि-मासिक मोबाइल फिजियोथेरेपी सेवा समुदाय के बुजुर्ग आबादी को राहत पहुँचा रही है।

बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक राजेश कुमार ने स्वास्थ्य अभियान के प्रभाव पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कंपनी अपने संयंत्र के आसपास के समुदायों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा लक्ष्य इस क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं को बढ़ाना है और इसके साथ दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले लोगों और समुदाय के कमजोर वर्गों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

आरोग्य परियोजना के मल्टी-स्पेशलिटी मेगा हेल्थ कैंप के द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार से महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग लाभान्वित हुए। अपने मोबाइल हेल्थ वैन के तहत कंपनी ने जामबहार और शांति नगर में दो हेल्थ कैंप आयोजित किये। कैंप की मदद से 5 गांव के 360 से अधिक सदस्यों ने स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गईं। कंपनी के सामुदायिक स्वास्थ्य शिविरों में मधुमेह, रक्तचाप जैसी सेवाओं के साथ दंत, आर्थोपेडिक्स, स्त्री रोग, साइकेट्री, मनोवैज्ञानिक और स्किन केयर विभिन्न विशेषज्ञ मौजूद थे।

आरोग्य परियोजना बालको का व्यापक स्वास्थ्य पहल है जो ग्रामीण स्वास्थ्य पोस्ट के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं तथा कुपोषण को कम करने के साथ मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। परियोजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024 में 45 से अधिक समुदायों के 49,963 लोग लाभान्वित हुए हैं। ‘उपचार आपके दरवाजे’ थीम पर संचालित चलित स्वास्थ्य इकाई की मदद से जरूरतमंदों को निःशुल्क परामर्श और चिकित्सा सुविधाएं दी जा रही हैं। वित्तवर्ष 2024 में एमएचवी से लगभग 15600 तथा 8 मल्टी-स्पेशलिटी मेगा हेल्थ कैंप से 1700 लोग लाभान्वित हुए।

सोन नदी में पलटा स्कूल वाहन 15 बच्चो की जान बचाई गई,शार्टकर्ट के चक्कर में हुआ हादसा 

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सक्ती@M4S: सक्ती जिला के हसौद थाना क्षेत्र के पिसौद में हड़कंप मच गया जब  सुबह हुए एक हादसे में स्कूली बच्चों की जान समय पर बचाव कार्य होने से बचा ली गई। सभी बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। हसौद के निजी हैप्पी पब्लिक स्कूल के 15  बच्चों को लेकर जा रहा उक्त वाहन हसौद व पिसौद के बीच सोन नदी के स्टाप डेम में गिर गया। बताया गया कि चालक मुख्य रास्ते को छोड़कर शार्टकर्ट अपनाते हुए संकरा डेम के रास्ते से तेज रफ़्तार से वाहन चलाते जा रहा था कि हादसा हो गया।हादसे में दो बच्चे गंभीर घायल हुए हैं। स्कूल वैन में सवार बच्चे कक्षा नर्सरी से पांचवी क्लास तक के हैं।बताते चलें कि जिले के ज्यादातर स्कूलों मे चलने वाले वाहन की हालत खराब है। स्कूल वाहनों में क्षमता से अधिक ठूंसकर बच्चे बैठाए जाते हैं। वाहनों को लेकर प्रशासन की लापरवाही भी समाने आती रही है। ड्राइव्हर व स्कूल प्रबंधन की भी लापरवाही मानी जा रही है।

प्रभारी मंत्री व जिला पुनर्वास समिति के अध्यक्ष से मिला भूविस्थापितों का प्रतिनिधिमंडल 10 बिंदुओं का ड्राफ्ट सौंपकर भूविस्थापितों की समस्याओं के समाधान की मांग

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कोरबा@M4S:जिला पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन समिति की बैठक से पूर्व उपमुख्यमंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरुण साव जी से ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के एक प्रतिनिधि मंडल ने 10 बिंदुओं का ड्राफ्ट सौपा ।

जिला पुनर्वास व पुनर्व्यवस्थापन की बैठक के लिए प्रवास में आये प्रभारी मंत्री अरुण साव जी को एनटीपीसी के विश्राम गृह कावेरी भवन में ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के प्रतिनिधि मंडल जिसमे सपुरन कुलदीप ,विजयपाल सिंह तंवर , रुद्र दास , अनसुइया राठौर ,केशव नारायण जायसवाल , सन्तोष चौहान , ललित महिलांगे ,जगदीश पटेल ,साहिल राठौर शामिल थे , ने सौजन्य मुलाकात किया और 2010 से 2017 तक जिला पुनर्वास समिति की बैठकों में लिए गए निर्णय और जारी दिशा निर्देशों का पालन नही होने की शिकायत किया । दिए ज्ञापन में कोल इंडिया पालिसी की वैधानिकता पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि छत्तीसगढ़ आदर्श पुनर्वास नीति 2007 के तहत पुनर्वास समिति ने अपने मूल सिद्धान्तो के अनुरूप कार्य नही किया जिससे मूल किसानों और भूमिहीन किसानों के साथ अन्याय हुआ है । एसईसीएल ,एनटीपीसी ,सीएसईबी सहित सभी आद्योगिक संस्थानों में अब केंद्रीय भूअर्जन अधिनियम व पुनर्वास ,पुनर्व्यवस्थापन अधिनियम 2013 प्रभावी होने पर संस्थानों की अपनी पालिसी लागू करना गैर वैधानिक है इसलिए इसका पालन कराने के लिए आवश्यक कार्यवाही किया जाना चाहिए । सन्गठन की ओर से प्रभारी मंत्री व पुनर्वास समिति के अध्यक्ष के साथ ही जिला पुनर्वास व पुनर्व्यवस्थापन समिति के सभी सदस्यों तथा सचिव कलेक्टर को भी ड्राफ्ट सौपा गया है ।

▪️ड्राफ्ट के मसौदे

▪️2017 की जिला पुनर्वास समिति की बैठक के लम्बे अंतराल के बाद आज यह बैठक हो रही है जिसके कारण बहुंत से मुद्दे निराकृत नहीं हुए हैं
हर तीन महीने में इसकी रिपोर्ट प्रकाशित किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए इस से पूरी प्रक्रिया की बेहतर समीक्षा हो सकेगी और आवश्यक पुनर्वास समिति की बैठक छ: महीने अथवा हर साल हो सकेगी जो अब कई-कई वर्षो तक नहीं हो रहे

▪️राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय पुनर्वास समिति का गठन छत्तीसगढ़ राज्य की आदर्श पुनर्वास नीति, 2007 के तहत किया गया है कोरबा की जिला पुनर्वास समिति का जिस नीति के तहत गठन हुआ है वो उस नीति के उद्देश्यों और मार्गदर्शी सिद्धांतों के विपरीत जाकर कोल इंडिया की आर एंड आर पॉलिसी को लागू करने का कार्य किस कानून या प्रावधान के अंतर्गत हुआ यह स्पष्ट होना चाहिए| 2010 की बैठक में कोल इण्डिया पालिसी को लाने का प्रस्ताव आया था किन्तु उससे पहले से 2004 -2009 में अर्जित ग्रामो में इसे कैसे लागू किया गया
कोल इण्डिया पालिसी के कारण छोटे रकबे वाले किसानो को रोजगार से वंचित होना पड़ा है और तुरंत जमीन खरीद कर लोंगो ने रोजगार हासिल किया है जिससे मूल निवासियों को लाभ नहीं मिला,  इसलिए केन्द्रीय सरकार द्वारा पारित भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार 2013 के अनुसार जो कि आज की स्थिति में बेहतर नीति है उसका पालन किया जाए

▪️परियोजना स्तर पर पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन समिति का गठन करने की आवश्यकता:
कोरबा जैसे औद्योगिक क्षेत्र में जहां विश्व के सबसे बड़े खदानों में शामिल होने वाली एसईसीएल की खदाने है और बड़ी क्षमता वाले एनटीपीसी, राज्य सरकार के और निजी पॉवर प्लांट है तो ऐसे में अब तक यहाँ परियोजना आधारित पुनर्वास समिति बनाए जाने की दिशा में कोई कार्य नहीं हुआ है| इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है

▪️वन भूमि पर आश्रित अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासियों के अधिकारों का संरक्षण नहीं हो रहा और अब भी वे उचित प्रतिकर से वंचित है:
जिन लोगों को वन अधिकार एवं आबादी पट्टा के व्यक्तिगत अधिकार पत्रक (पट्टे) मिले है उनका उचित प्रतिकर आज भी लोगों को नहीं मिला है| इसका एक कारण यह भी है कि वन अधिकार के पट्टों के अनुसार रिकॉर्ड ऑफ़ राइट्स दुरुस्त नहीं किया गया है| साथ ही जिन लोगों ने वन अधिकार कानून के तहत दावा प्रक्रिया नहीं कर पाए है ।

▪️आने वाली पीढ़ियों को रोजगार के लिए अपात्र करना न्यायसंगत नहीं है, उन्हें भी रोजगार का अधिकार मिलना चाहिए:
जो जमीन उनके जीवन यापन का मुख्य साधन थी उसका अर्जन असल में पूरी आने वाली पीढ़ी की आजीविका को खतम कर देता है| ऐसे में आने वाली पीढ़ियों को रोजगार के लिए अपात्र करना अन्याय है अत: अर्जन के बाद जन्म लेने वाले अभ्यर्थी को रोजगार की पात्रता दी जाए और रैखिक सबंध की बाध्यता को समाप्त कर परिवार के सहमती से किसी भी एक सदस्य को रोजगार के लिए पात्रता किया जाए

▪️SECL की सभी खदानों की बैकफिलिंग और माइन क्लोसर प्लान की स्थिति का विश्लेषण होना चाहिए:
खनन के पश्चात् ओवर बर्डन की मिट्टी को वापस गड्ढो में भरा जाए और टॉप सौइल से पूरी जमीन को रिक्लेम किया जाए ताकि उस भूमि को किसी उपयोग में पुनः लाया जा सके| इसी जमीन में लोगों को बसने या पुनः आजीविका के उपाय किये जा सकते है जो एक बेहतर विकल्प है जिस पर ध्यान देने की बहुत आवश्यकता है|
कोरबा जिले के अंडरग्राउंड माईन्स धीरे धीरे बंद किये जा रहे हैं | उपरी सतह पर किसान आज भी कृषि कार्य कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं ऐसे समस्त भूमि को मूल खातेदारों को वापसी कराने के लिए उचित प्रबंध करने की आवश्यकता है |

▪️SECL अपनी टेंडर प्रक्रियाओं में आवश्यक बदलाव के साथ यह सुनिश्चित करे कि इसमें 80% तक स्थानीय भू-विस्थापितों को प्राथमिकता दी जाएगी|
छत्तीसगढ़ की पुनर्वास नीति के अनुसार तो रोजगार सभी को मिलना चाहिए जिनकी भूमि का अर्जन किया गया हो| भू-अर्जन कानून में भी कोई कटऑफ संख्या नहीं है, लेकिन अगर यह नहीं हो पा रहा है तो वैकल्पिक रोजगार को बढ़ावा देने का कार्य होना चाहिए जो टेंडर प्रक्रियाओं के माध्यम से हो सकता है| भूविस्थापितों के लिए सभी टेंडरों में आरक्षण और संख्या को बढाने पर भी ध्यान देने की आवश्यकता है | इस पर जिला पुनर्वास समिति को संज्ञान लेना चाहिए|

▪️भूविस्थापित बेरोजगारों का कौशल उन्नयन और स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित कर रोजगार के लिए ज्यादा से ज्यादा अवसर प्रदान करना |
पुनर्वास नीति में यह बात स्पष्ट है कि विस्थापित परिवारों को प्रशिक्षित कर उनके रोजगार के लिए साधन उपलब्ध कराये जायेंगे , पर SECL अथवा जिले के अन्य उद्योगों में इस बात का पालन नहीं किया जा रहा है जमीन अर्जन के बदले मुआवजा प्रदान करते समय कौशल उन्नयन के नाम पर एक राशि जोडकर प्रदान किया जाता है जो पर्याप्त नहीं है | प्रशिक्षण और संस्थान में रोजगार की पूर्णत: गारंटी के लिए कार्य योजना तैयार किया जाना चाहिए |

▪️पुनर्वास ग्रामो और प्रत्यक्ष प्रभावित ग्रामो में शिक्षा ,स्वास्थ ,रोजगार के साथ बुनयादी सुविधाओं में विस्तार
पुनर्वास ग्रामो सहित खनन क्षेत्र के कारण प्रत्यक्ष प्रभावित ग्रामो में सीएसआर अथवा जिला खनिज न्यास निधि के माध्यम से शिक्षा ,स्वास्थ ,रोजगार के साथ बुनयादी सुविधाओं में विस्तार करने की आवश्यकता है | इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से वंचित होने वाले प्रभावितों को मकान बनाने के लिए अनुदान देने पर भी विचार करना चाहिए |
▪️अर्जित होने ग्रामो के मकान व अन्य परिसम्पतियों के मुआवजा में कटौती बंद कर केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड के मार्गदर्शिका का पालन करना|
एस ई सी एल द्वारा जमीन अर्जन करने के बाद 20 साल तक खनन शुरू नहीं किया जाता और इतने दिनों तक जमीन को बंधक रख लिया जाता है , इस बीच ग्रामीणों द्वारा बनाए गए मकान और उनकी परिसम्पतियों की मुआवजा में 60% तक कटौती किया जा रहा है जो कि केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड के मार्गदर्शिका में दिए गए प्रावधानों का उलंघन है | प्रबन्धन द्वारा गलत तरीके से और भयभीत करके मुआवजा प्रदान किया जा रहा है अत: केन्द्रीय मूल्यांकन बोर्ड के मार्गदर्शिका में दिए गए प्रावधानों का पालन कराने हेतु दिशा निर्देश जारी किया जाना चाहिए |

VIRAL:भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ राजीव सिंह मरीजों को भी नहीं बख़्श रहे,ईलाज से पहले सदस्यता जरुरी,सोशल मीडिया में वायरल हो रही तस्वीर

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कोरबा@M4S: भारतीय जनता पार्टी अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाने के लिए इन दिनों सदस्यता अभियान जोर-शोर से चला रही है। पार्टी के पदाधिकारी से लेकर प्रत्येक कार्यकर्ता को जिम्मेदारी सौंपी गई है। मोबाइल युग में तकनीकी का बेहतर इस्तेमाल किया जा रहा है, इसमें कोई संदेह नहीं लेकिन यह कुछ मौके पर चर्चा का विषय भी बन गया है।
दरअसल, कोरबा जिला भाजपा अध्यक्ष डॉ.राजीव सिंह पेशे से दंत चिकित्सक भी हैं। वह अपने क्लिनिक में आने वाले मरीज को भाजपा की सदस्यता दिलाने से नहीं चूक रहे। कुछ ऐसे ही  एक फोटो सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। इसमें कुर्सी पर महिला मरीज उपचार के लिए बैठी है लेकिन उपचार शुरू करने से पहले डॉक्टर साहब उन्हें ऑनलाइन सदस्यता प्रदान कर प्रसन्नचित्त मुद्रा में नजर आ रहे हैं और इसका फोटो भी खिंचवा रहे हैं। अपने मूल पेशे के साथ-साथ पार्टी के प्रति वे जिम्मेदारी तो बखूबी निभा रहे हैं लेकिन उनकी यह कार्यशैली जन चर्चा का विषय बन गई है और कांग्रेसी इस पर खास चुटकी ले रहे हैं।

पोस्ट कुछ इस तरह है: “इनसे मिलिए ये हैं कोरबा भाजपा के जिला अध्यक्ष राजीव सिंह जी भारतीय जनता पार्टी में सदस्य बनाने की ऐसी होड़ मची है की डॉक्टर साहब मरीजों को भी नहीं छोड़ रहे हैं।”

धान खरीदी केन्द्रों मे प्रदेश के सभी डाटा एंट्री आपरेटरों को खाद्य विभाग मे विलय करने की मांग को लेकर  पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने सीएम को लिखा पत्र

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रायपुर@M4S: अविभाजित मध्य प्रदेश  के वरिष्ठ भाजपा नेता व  छत्तीसगढ़ शासन के पूर्व गृहमंत्री  ननकी राम कंवर जी ने धान खरीदी केन्द्रों  (धान उपार्जन केंद्र) मे विगत 17 वर्षों से कार्यरत पूरे प्रदेश में 2739 डाटा एंट्री आपरेटरों को खाद्य विभाग मे विलय कर संविदा वेतनमान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखें है।
18 अक्टूबर से प्रारंभ एक माह से अधिक लगातार अनिश्चितकालीन आंदोलन करने वाले धान खरीदी केन्द्रो में पदस्थ डाटा एंट्री ऑपरेटर के प्रतिनिधि मण्डल जिसमे ऋषिकांत मोहरे,हेमंत कुमार साहू, माखन यादव, तोमल साहू संजय कँवर, मालिक राम, राजकुमार पटेल, गंगाधर राठिया ने 21 अक्टूबर को पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कँवर जी से मुलाक़ात कर अपनी समस्या व मांग से अवगत कराया और बताये की पुरे छत्तीसगढ़ के धान खरीदी केंद्र मे पदस्थ डाटा एंट्री आपरेटरो को कार्य करते हुए 17 वर्ष बीत चुका है और आज तक विभाग तय नही हुआ हैं। वर्ष 2007 मे खाद्य विभाग के आदेश -निर्देश मे सहकारी समितियों मे संविदा पर नियोजित किया गया है एवं वर्तमान समय मे 12 माह संविदा अवधि मे कार्यरत है। संविदा वेतनमान 27 प्रतिशत वृद्धि का लाभ भी प्रदेश के डाटा एंट्री आपरेटरों को नही दिया जा रहा है जबकि प्रदेश के सभी संविदा कर्मचारियों के लिए यह नियम लागु है। सभी डाटा एंट्री आपरेटरो को कार्य करते हुए 17 वर्ष हो चुका है इसके बावजूद सरकार कोई विभाग देने के बजाये आउटसोर्सिंग भर्ती करने की तैयारी में है इस तरह से हम सभी कर्मचारियों के साथ अन्याय हो रहा है, अपनी व्यथा डाटा एंट्री ऑपरेटरों ने पूर्व गृह मंत्री ननकी राम कंवर को सुनाई जिस पर श्री कंवर ने प्रदेश के सभी डाटा एंट्री ऑपरेटरों को 27 प्रतिशत संविदा वेतनमान का लाभ देकर खाद्य विभाग में विलय करने के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखा है।

KORBA:आदिवासी विकास विभांग की पूर्व असिस्टेंट कमिश्नर माया वारियर की मुश्किलें बढ़ी,कलेक्टर ने बनाई 7 सदस्यीय जांच टीम

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कोरबा@M4S:सहायक आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से पूर्व सहायक आयुक्त माया वारियर के कार्यकाल में हुई गड़बड़ी और लगभग तीन करोड रुपए के कार्यों से जुड़ी फाइल/दस्तावेजों के गायब होने के मामले में एक बार फिर जांच बिठा दी गई है। तत्कालीन कलेक्टर ने जांच का जिम्मा जिस टीम को सौपा था, उसकी रिपोर्ट तो आज पर्यंत 15 माह बाद भी नहीं आ सकी है किंतु वर्तमान कलेक्टर अजीत वसंत ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने सात सदस्य जांच टीम का गठन कर दिया है और निर्देशित किया है कि इस मामले की जांच रिपोर्ट जल्द से जल्द उन्हें सौंपी जाए।

कलेक्टर ने साफ किया है कि जो भी जांच में दोषी पाए जाएंगे उन पर विधि सम्मत कार्रवाई करने के साथ-साथ पुलिस FIR भी दर्ज कराई जाएगी, किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

जारी जांच आदेश में कहा गया है कि- संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मद अंतर्गत राशि रु. 627.56 लाख आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास रायपुर से परियोजना प्रशासक, एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना कोरबा को प्रदाय किया गया है। जिसको श्रीमती माया वारियर, तत्कालीन परियोजना प्रशासक, एकीकृत आदिवासी विकास परियोजना कोरबा के द्वारा प्रस्तावित अनुसार आदेश क्रमांक 105 दिनांक 06.06.2022 के द्वारा सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कोरबा, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं अनुविभागीय अधिकारी विद्युत/यांत्रिकी लाईट मशीनरी नलकूप एवं गेट कोरबा को कार्य एजेंसी नियुक्त किया गया है। राशि रू. 627.56 लाख में से रू. 495.79 लाख छात्रावास / आश्रमों के रेनोवेशन एवं सामग्री आपूर्ति हेतु सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कोरबा को कार्य एजेंसी नियुक्त करते हुए राशि प्रदाय किया है, जिसमें की राशि गया रु. 404.00 लाख किया सिविल कार्य हेतु प्रदाय गया है, प्रदाय किये गये राशि में से लगभग राशि रू. 300.00 लाख का व्यय श्रीमती माया वारियर, तत्कालीन सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास कोरबा के कार्यकाल में किया गया है। किन्तु संविधान के अनुच्छेद 275 (1) मद अंतर्गत छात्रावास/आश्रमों में लघु निर्माण / रेनोवेशन कार्यों से संबंधित निविदा अभिलेख, कार्य आदेश, प्राक्कलन, माप पुस्तिका, देयक व्हाउचर, मूल नस्ती एवं अन्य अभिलेख कार्यालय में उपलब्ध नहीं होने के फलस्वरूप उक्त नस्ती के जांच हेतु नीचे लिखे अधिकारियों की टीम गठित की जाती है।

जाँच टीम में  अपर कलेक्टर सहित चार अधिकारी आदिवासी विकास विभाग से:

दिनेश कुमार नाग, अपर कलेक्टर कोरबा।
कार्यपालन अभियंता, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल, कोरबा
परियोजना प्रशासक / सहायक आयक्त, आदिवासी विकास कोरबा।
जिला कोषालय अधिकारी कोरबा।
संतोष पटेल, कनिष्ठ लेखा अधिकारी, आदिवासी विकास कोरबा
रेशमलाल धृतलहरे, सहायक अभियंता, आदिवासी विकास कोरबा।
ऋषिकेश बानी, उप अभियंता, आदिवासी विकास कोरबा

BREAKING NEWS: IAS ट्रांसफर: कोरबा निगम आयुक्त सहित, इन जिलों के कलेक्टर सहित कई आईएएस अफसरों का हुआ तबादला देखें पूरी सूची

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रायपुर@M4S: छत्‍तीसगढ़ सरकार ने आज 10 आईएएस अफसरों का ट्रांसफर कर दिया है। इसमें दो जिलों कलेक्‍टर भी शामिल हैं। सामान्‍य प्रशासन विभाग से जारी आदेश के अनुसार रवि मित्‍तल को जनसंपर्क विभाग का नया आयुक्‍त बनाया गया है। सूजरपुर कलेक्‍टर रोहित व्‍यास का जशपुर तबादला कर दिया गया है, उन्‍हें सीएम के गृह जिले का कलेक्‍टर बनाया गया है।

दूसरी तरफ इस तबादला आदेश के बाद अब कोरबा जिला में निगम आयुक्त की भी कुर्सी खाली हो जाएगी। इसके पहले जिला पंचायत सीईओ संबित मिश्रा का भी तबादला कर दिया गया। उनके स्थान पर शासन ने नई पदस्थापना नहीं दी है प्रभारी सीईओ के तौर पर निगम आयुक्त प्रतिष्ठा ममगाई प्रभार संभाल रही थीं। अब निगम आयुक्त का भी तबादला कर दिए जाने से और उनके स्थान पर नई पदस्थापना नहीं होने से जिला सीईओ व निगम आयुक्त की कुर्सी खाली हो जाएगी। देखना होगा कि इन दोनों महत्वपूर्ण पदों पर शासन किनकी पदस्थापना कब तक करता है।

 

पोर्न देखने की आदी पत्नी ने पति को कहा ‘हिजड़ा’, हाईकोर्ट ने सुनाया तलाक का फैसला

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चंडीगढ़(एजेंसी):पंजाब एवं हरियाणा  हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में माना कि पत्नी द्वारा पति को नपुंसक (ट्रांसजेंडर) कहना क्रूरता है यह तलाक का ठोस आधार है।

न्यायमूर्ति सुधीर सिंह और जसजीत सिंह बेदी की खंडपीठ एक पारिवारिक अदालत द्वारा 12 जुलाई को अपने पति के पक्ष में दिए गए तलाक के फैसले के खिलाफ पत्नी की अपील पर सुनवाई कर रही थी।

पीठ ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा, जो पति की मां की गवाही से प्रभावित था। पति की मां ने  बताया कि उसकी बहू अक्सर उसके बेटे को नपुंसक कहकर अपमानित करती थी और उस पर ट्रांसजेंडर बच्चे को जन्म देने का आरोप लगाती थी।

‘अपमानजनक टिप्पणी क्रूरता’

अदालत ने कहा कि किसी व्यक्ति की लिंग पहचान पर सवाल उठाने के उद्देश्य से की गई ऐसी अपमानजनक टिप्पणी क्रूरता है। पीठ ने अपने फैसले में कहा कि प्रतिवादी-पति को नपुंसक (ट्रांसजेंडर) कहना और उसकी मां को ट्रांसजेंडर को जन्म देने वाली कहना क्रूरता है।

पति ने अपनी पत्नी पर पोर्न देखने और मोबाइल गेमिंग की लत होने का आरोप लगाया। दावा किया गया कि उसने उनके अंतरंग जीवन के बारे में अनुचित मांगें रखीं और उसकी शारीरिक फिटनेस को कमतर आंका।

इसके विपरीत, पत्नी ने इन आरोपों से इनकार किया और तर्क दिया कि उसे गलत तरीके से उसके वैवाहिक घर से निकाल दिया गया और उसके ससुराल वालों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया।

कोर्ट ने खारिज की महिला की अपील

उसने दावा किया कि उन्होंने उसे नशीली दवाइयां दीं और उस पर हावी होने के लिए रहस्यमयी प्रथाओं का इस्तेमाल किया, जिसका उसके पति और ससुराल वालों ने खंडन किया। दंपति के बीच छह साल के अलगाव को उजागर करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि विवाह पूरी तरह से टूट चुका था।

यह निष्कर्ष पारिवारिक न्यायालय के फैसले की पुष्टि करता है कि विवाह को जारी रखना अस्थिर था। इसी के साथ कोर्ट ने महिला की अपील खारिज कर दी।

साल 2017 में हुई थी शादी

इस जोड़े की शादी दिसंबर 2017 में हुई थी। तलाक की याचिका में पति ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी देर रात तक जागती थी और अपनी बीमार मां से ग्राउंड फ्लोर से पहली मंजिल पर लंच भेजने के लिए कहती थी।खुलासा किया गया कि वह किसी और से शादी करना चाहती थी। इसके जवाब में, पत्नी ने आरोपों से इनकार किया और इसके बजाय कहा कि उसे उसके पति ने वैवाहिक घर से बाहर निकाल दिया था।

BIG BREAKING: निवेशकों के 9 लाख करोड़ डूबे शेयर मार्केट में किस वजह से आई सुनामी?

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नई दिल्ली(एजेंसी):भारतीय शेयर बाजार में आज भारी गिरावट देखने को मिल रही है। सेंसेक्स 930 अंक और निफ्टी 303 अंक तक गिरकर बंद हुआ। कई स्टॉक में करीब 5 तक गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स टॉप 30 में सिर्फ ICICI बैंक, नेस्ले इंडिया और इन्फोसिस में मामूली तेजी दिखी। बाकी 27 कंपनियों के शेयर लाल निशान में बंद हुए।

भारतीय शेयर मार्केट में आज की गिरावट से निवेशकों की 9 लाख करोड़ की संपत्ति स्वाहा हो गई। स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स 4 फीसदी तक गिर गए हैं। आइए जानते हैं कि भारतीय बाजार में इस सुनामी की वजह क्या है।

कंपनियों के कमजोर तिमाही नतीजे

भारतीय बाजार और कई कंपनियों का मूल्यांकन काफी अधिक है। लेकिन, बहुत-सी कंपनियों के नतीजे उनके वैल्यूएशन को जस्टिफाई नहीं कर रहे। बजाज ऑटो, कोटक महिंद्रा बैंक और आरबीएल बैंक इसकी मिसाल हैं। इन सभी के शेयरों में तिमाही नतीजों के बाद भारी गिरावट देखने को मिली थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज के तिमाही नतीजों से भी निवेशक खुश नहीं दिखे।

विदेशी निवेशकों की बिकवाली

फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) भारतीय शेयर बाजार में लगातार बिकवाली कर रहे हैं। अक्टूबर में अब तक FPI ने भारतीय इक्विटी से रिकॉर्ड 82,479 करोड़ रुपये निकाले हैं। इससे पहले मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान FPI ने 65,816 करोड़ रुपये मूल्य के भारतीय शेयर बेचे थे। हालांकि, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DII) खरीदारी से इस नुकसान की भरपाई हो रही, लेकिन वो अभी नाकाफी दिख रही है।

भारतीय बाजार का ऊंचा वैल्यूएशन

भारतीय शेयर बाजार का मूल्यांकन भी काफी अधिक है। यही वजह है कि विदेशी निवेशक चीन और हांगकांग जैसे बाजारों का रुख कर रहे हैं, जो अपेक्षाकृत सस्ते हैं। चीन के सरकार ने वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज का भी एलान किया है। साथ ही, वहां के केंद्रीय बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में भी कटौती की है। इससे चीन का शेयर बाजार निवेश के लिए और भी ज्यादा आकर्षक बनता जा रहा है। वहीं, भारतीय बाजार डांवाडोल नजर आ रहा है।

वैश्विक बाजारों से कमजोर संकेत

वैश्विक बाजारों से भी काफी कमजोर संकेत मिले। अमेरिकी बाजार की बात करें, तो सोमवार को तीनों प्रमुख सूचकांक में से सिर्फ हरे निशान में बंद हुआ था। वहीं, आज जापान और दक्षिण कोरिया जैसे एशियाई बाजारों में भी 1 फीसदी से अधिक गिरावट दिखी। इससे भारतीय शेयर मार्केट का सेंटिमेंट भी कमजोर हुआ। हालांकि, चीन और हांगकांग के शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुए, जिनके साथ भारत की प्रतिद्वंद्विता है।

रायपुर दक्षिण उपचुनाव:कांग्रेस से आकाश शर्मा को बनाया गया प्रत्याशी 

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रायपुर@M4S: रायपुर दक्षिण उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने आकाश शर्मा को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। आकाश शर्मा वर्तमान में यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। उनका मुकाबला बीजेपी के सुनील सोनी से होगा। रायपुर दक्षिण विधानसभा में १३ नवंबर को वोटिंग होगी।सोमवार को एक ओर जहां आकाश शर्मा के घर में बड़ी संख्या में समर्थक सुबह से ही नाम के ऐलान का इंतजार कर रहे थे। वहीं, दूसरी ओर सोशल मीडिया पर भी उनके लिए बधाई पोस्ट आने लगे थे। सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोगों ने उन्हें नाम घोषित होने से पहले ही बधाई दी।

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