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US PRESIDENT SALERY:अमेरिकी राष्ट्रपति को कितनी मिलती है सैलरी, टैक्स फ्री खर्च, भत्ते सहित पूरी डिटेल यहां से करें चेक

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 नई दिल्ली(एजेंसी): दुनियाभर में अमेरिका को सबसे पावरफुल देश के रूप में जाना जाता है। इसीलिए इस देश के राष्ट्रपति को भी सबसे शक्तिशाली व्यक्ति का दर्जा प्राप्त होता है। अमेरिका में नया राष्ट्रपति चुनने के लिए चुनाव हो रहे हैं। इस देश में राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 वर्ष के लिए होता है। पूर्व परम्पराओं के अनुसार 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के नए राष्ट्रपति पदभार ग्रहण करते हैं।इस बार एक बार राष्ट्रपति रह चुके डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय मूल की कमला हैरिस चुनावी मैदान में हैं। अभी तक इस देश में एक भी महिला राष्ट्रपति नहीं बनी हैं, ऐसे में देखना होगा कि यह परंपरा टूटती है या एक बार फिर से डोनाल्ड ट्रंप देश के राष्ट्रपति पद पर काबिज होते हैं।

कितना मिलता है वेतन

चूंकि अमेरिका को विश्वभर में सबसे शक्तिशाली देश के रूप में जाना जाता है इसलिए आपके अंदर यह जानने की उत्सुकता होगी कि यहां के राष्ट्रपति को कितना वेतन मिलता है। आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति को वेतन के साथ ही, टैक्स फ्री खर्च के लिए रुपये, व्हाइट हाउस में पहली बार प्रवेश के समय, एंटरटेनमेंट खर्च के साथ ही अन्य भत्ते प्रदान किये जाते हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति की सालाना इनकम
  • सैलरी: 3.36 करोड़ रुपये (4.4 लाख डॉलर)
  • खर्च के लिए अतिरिक्त भत्ता: 42 लाख रुपये (50000 हजार डॉलर)
  • टैक्स फ्री खर्च: 84 लाख रुपये (100000 डॉलर)
  • मनोरंजन के लिए खर्च: 42 लाख रुपये (50000 हजार डॉलर)
  • व्हाइट हाउस में पहली बार दिया जाने वाला भत्ता: 84 लाख रुपये (100000 डॉलर)
अन्य सभी सुविधाएं भी होती हैं मुफ्त

अमेरिका के राष्ट्रपति को सालाना वेतन एवं भत्ते के साथ ही व्हाटस हाउस में सारी सुविधाएं फ्री में मिलती हैं। इसके साथ ही उनको सफर/ दूसरे देश के दौरों के लिए लिमोजिन कार, एक मरीन हेलीकॉप्टर और एयर फोर्स वन नामक एक हवाई जहाज मिलता भी मिलता है। इसके साथ ही उनकी सुरक्षा का भी अलग से ख्याल रखा जाता है। 

वर्ष 2001 से अमेरिका में नहीं बढ़ा राष्ट्रपति का वेतन

आपको बता दें कि अमेरिका में राष्ट्रपति का वेतन लास्ट बार जॉर्ज डब्ल्यू बुश के पदभार ग्रहण करने पर बढ़ाया गया था। उससे पहले अमेरिका में राष्ट्रपति का वेतन 200000 डॉलर था। अमेरिका में 1789 के बाद 1873, 1909, 1949, 1969 और 2001 में वेतन में बढोत्तरी की गई थी।

HEALTH TIPS:सर्दियों में इस सस्ते DRY FRUIT को बनाएं अपना बेस्ट फ्रेंड, आसपास भी नहीं फटकेगी थकान और कमजोरी

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 नई दिल्ली(एजेंसी):  मूंगफली में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी हैं। सर्दियों में लोग इसे सिर्फ ऐसे ही नहीं, बल्कि गुड़ के साथ मिलाकर या फिर गजक के तौर पर भी खाते हैं। इस सस्ते ड्राई फ्रूट में आयरन, कैल्शियम, विटामिन ई और जिंक जैसे कई जरूरी तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो एक साथ मिलकर आपको हेल्दी रखने में काफी मदद करते हैं। आइए इस आर्टिकल में आपको कुछ ऐसी वजहों के बारे में बताते हैं जिनके चलते हर व्यक्ति को अपनी डाइट में मूंगफली जरूर शामिल करनी चाहिए।

पोषक तत्वों का भंडार
मूंगफली में प्रोटीन, ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड, फाइबर, विटामिन (ई, बी कॉम्प्लेक्स), खनिज (कॉपर, फोलेट, फॉस्फोरस, मैंगनीज) जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। देखा जाए तो यह एक ओवरऑल हेल्थ पैकेज है जो शरीर को जरूरी पोषण देता करता है। दिलचस्प बात यह है कि 250 ग्राम मूंगफली आपको 250 ग्राम मीट की तुलना में ज्यादा विटामिन और न्यूट्रिएंट्स देती है।

ब्लड शुगर को बढ़ने से रोके

मूंगफली को सुपरफूड इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। खासतौर से, डायबिटीज के रोगियों के लिए मूंगफली का सेवन बहुत गुणकारी है। बता दें, इसका कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्लड शुगर के स्तर को अचानक बढ़ने से रोकता है। इसके अलावा, मूंगफली में मौजूद मैंगनीज डायबिटीज से जुड़ी कई समस्याओं को कम करने में मदद करता है। मूंगफली एंटीऑक्सीडेंट और न्यूट्रिएंट्स से भरपूर होती है जो हार्ट हेल्थ को दुरुस्त रखने में मदद करते हैं और स्ट्रोक के खतरे को भी कम करते हैं।

मूड को बनाए बेहतर

मूंगफली न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है जो हमारी सेहत के लिए बेहद फायदेमंद हैं। इसमें मौजूद ट्रिप्टोफैन नामक यौगिक चिंता और मूड स्विंग को कम करने में मदद करता है और डिप्रेशन से लड़ने में भी मददगार होता है।
प्रोटीन की कमी करे दूर
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि 100 ग्राम मूंगफली में लगभग 25.8 ग्राम प्रोटीन होता है। यह मात्रा आपके दैनिक प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने में काफी मददगार साबित हो सकती है। इतना ही नहीं, पीनट बटर भी आपको प्रोटीन का अच्छा स्रोत प्रदान करता है और साथ ही आपकी शुगर क्रेविंग्स को भी शांत करता है। लेकिन ध्यान रखें कि मूंगफली और पीनट बटर में कैलोरी की मात्रा भी ज्यादा होती है, इसलिए इन्हें लिमिट में ही खाना चाहिए क्योंकि ज्यादा मात्रा में सेवन करने से वजन बढ़ सकता है।
सर्दी-जुकाम से बचाए
सर्दियों में मूंगफली का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। यह न सिर्फ शरीर को अंदर से गर्म रखती है बल्कि सर्दी-जुकाम से बचाने में भी कारगर है। मूंगफली के नियमित सेवन से फेफड़ों को मजबूती मिलती है और सर्दी-खांसी जैसी समस्याओं से राहत मिलती है। अगर आप इस मौसम में इन समस्याओं से बचना चाहते हैं तो अपनी डाइट में मूंगफली को जरूर शामिल करें।

संसद के शीतकालीन सत्र की तारीख का एलान, 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक चलेगी लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही

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 नई दिल्ली(एजेंसी): संसद के शीतकालीन सत्र की तारीख का एलान हो गया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी जानकारी दी है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होगा। सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण बिलों पर चर्चा की जाएगी।केंद्रीय मंत्री ने एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा केंद्र सरकार की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही को मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि 26 नवंबर को भारतीय संविधान के 75 साल पूरे होने जा रहे हैं। इस खास दिन को संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में मनाया जाएगा।

https://x.com/KirenRijiju/status/1853705110938964072?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1853705110938964072%7Ctwgr%5E9164ac4c9c914540345adecdd5b8d1bf9b5c457d%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fwww.jagran.com%2Fpolitics%2Fnational-parliament-winter-session-begins-on-25th-november-till-20th-december-2024-says-kiren-rijiju-23826411.html

हंगामेदार रहा पिछला सत्र
बता दें कि संसद का पिछला सत्र हंगामेदार रहा था। लोकसभा में वक्फ बोर्ड विधेयक को लेकर जोरदार हंगामा हुआ था। राज्यसभा भी विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामेदार रही थी। हंगामे के चलते संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। 

US ELECTION 2024: ‘गधे’ Vs ‘हाथी’ के बीच मुकाबला, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी

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नई दिल्ली(एजेंसी):अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। पूर्व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार के नेता डोनाल्ड ट्रंप और मौजूदा उपराष्ट्रपति और डेमोक्रेटिक उम्मीदवार की नेता कमला हैरिस के बीच कांटे का मुकाबला चल रहा है। चुनाव की शुरुआत भी हो चुकी है और दोनों बराबरी पर चल रहे हैं। 

इस अमेरिकी चुनाव में एक बात काफी खास है, इसे गधे और हाथियों के बीच का चुनावी मुकाबला कहा जाता है। इसके पीछे की कहानी दिलचस्प है। दरअसल, रिपब्लिकन पार्टी का चिह्न हाथी और डेमोक्रेटिक पार्टी का चिह्न गधा है। यही कारण है कि इस चुनाव को हाथी और गधे के बीच का मुकाबला कहा जाता है। 

यह 1840 में जन्में महान राजनीतिक कार्टूनिस्ट थॉमस नास्ट की ही उपज थी, जिनको इन चुनावी चिह्नों का श्रेय दिया जाता है।   इतिहासकारों ने दावा किया है कि 1840 और 1850 के दशक में न्यूयॉर्क शहर में पले-बढ़े नास्ट को बचपन में बहुत ज़्यादा परेशान किया जाता था। वास्तव में, थॉमस नास्ट द्वारा बनाया गया यह राजनीतिक कार्टून हार्पर वीकली के 1879 के संस्करण से लिया गया था, जो रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टियों के प्रतीक के रूप में हाथी और गधे का शुरुआती इस्तेमाल था।

डेमोक्रेटिक पार्टी का चिह्न बना गधा

अमेरिका की सत्ताधारी डेमोक्रेटिक पार्टी का चुनावी चिह्न गधा है। यह प्रतीक 1828 के चुनावों के दौरान उभरा था, जब एंड्रयू जैक्सन पार्टी के उम्मीदवार थे। उनके विरोधी उन्हें तब जैकस यानी गधा कहकर बुलाने लगे थे। हालांकि, जैक्सन ने भी इसका जवाब हंसकर दिया और अपमान मानने की जगह इसे अपना लिया। वो गर्व से हर चुनावी रैली में गधे का उपयोग करने लगे। इसके बाद 1879 में कार्टूनिस्ट थॉमस गधे का इस्तेमाल डेमोक्रेट को दर्शाने के लिए करने लगे। धीरे-धीरे गधा डेमोक्रेट का चुनावी चिह्न ही बन गया।

रिपब्लिकन को कैसे मिला हाथी का चिह्न

अमेरिका के विपक्षी दल रिपब्लिकन का चुनावी चिह्न हाथी है। इसकी शुरुआत भी 1870 के दशक में ही हुई थी। इसका श्रेय भी कार्टूनिस्ट थॉमस नास्ट को ही जाता है। उन्होंने 1874 के कार्टून हार्पर वीकली में हाथी को रिपब्लिकन पार्टी के रूप में दर्शाया था। यहीं से रिपब्लिकन को हाथी का चुनाव चिह्न मिला। दरअसल, कार्टूनिस्ट की इसके पीछे की सोच ये थी कि हाथी एक गौरवशाली, मजबूत और स्थिर जानवर है और रिपब्लिकन पार्टी की नीतियां भी ऐसी ही मानी जाती थी।

जब कैनेडी और निक्सन के आगे खड़े हुए गधे-हाथी

गधे और हाथी का किस्सा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी और रिपब्लिकन उम्मीदवार रिचर्ड निक्सन से भी जुड़ा है। 1960 में जब कैनेडी रैली करने ओरेगन राज्य पहुंचे तो उनके सामने कुछ लोग गधे लेकर आए थे। इसके बाद कैनेडी उनके पास पहुंचे और खुशी से उन्होंने गधो को सहलाया। इसी चुनाव में कैनेडी का मुकाबला रिचर्ड निक्सन से था। जब वो एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उन्हें भी हाथी का पोस्टर दिखाया गया, जिसकी उन्होंने तारीफ भी की।

बस्तर ओलंपिक-2024 : बस्तर संभाग के सभी विकासखण्ड एवं जिला स्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन हेतु तिथि जारी

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रायपुर@M4S:बस्तर ओलम्पिक 2024 के तहत संभाग के सातों जिलों में खेल प्रतियोगिता आयोजन के लिए विकासखण्ड एवं जिला स्तरीय प्रतियोगिता हेतु तिथि निर्धारित किया गया है। बस्तर जिले के बकावण्ड विकासखण्ड में 06 से 12 नवम्बर तक हाई स्कूल मैदान बकावण्ड, बास्तानार विकासखण्ड में 06 से 09 नवम्बर तक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मिनी स्टेडियम किलेपाल, दरभा विकासखण्ड में 07 से 12 नवम्बर तक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मांझीगुड़ा छिंदपाल, तोकापाल विकासखण्ड में 07 से 11 नवम्बर तक हाई स्कूल मैदान तोकापाल में प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। इसी तरह लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड में 07 से 11 नवम्बर तक हाई स्कूल मैदान उसरीबेड़ा, बस्तर विकासखण्ड में 08 से 12 नवम्बर तक लालबहादुर शास्त्री मैदान बस्तर और जगदलपुर विकासखण्ड के अंतर्गत 09 से 14  नवम्बर तक मिनी स्टेडियम बिलोरी में विकासखण्ड स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। बस्तर जिले में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन 21-22 नवम्बर को क्रीड़ा परिसर धरमपुरा, इंदिरा प्रियदर्शनी स्टेडियम जगदलपुर और खेलो इंड़िया हॉकी प्रशिक्षण केंद्र पंडरीपानी में आयोजित की जाएगी।
इसी तरह जिला कोंडागांव के अंतर्गत विकासखण्ड कोण्डागांव में 07 से 14 नवम्बर तक विकास नगर स्टेडियम, खेलो इंडिया सेंटर बड़े कनेरा एवं टाउनहॉल, विकासखण्ड फरसगांव में 08 से 14 नवम्बर तक आदर्श विद्यालय फरसगांव मैदान, विकासखण्ड केशकाल में 08 से 14 नवम्बर तक प्रियदर्शनी स्टेडियम सूरडोंगर केशकाल, विकासखण्ड माकड़ी में 08 से 14 नवम्बर तक आदर्श विद्यालय फरसगांव मैदान और विकासखण्ड बडे़राजपुर में 08 से 14 नवम्बर तक विश्रामपुरी खेल मैदान में खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिता का आयोजन 20-21 नवम्बर को विकास नगर स्टेडियम, खेलो इंडिया सेंटर बड़े कनेरा एवं टाउनहॉल कोंड़ागांव मुख्यालय में किया जाएगा।
जिला दंतेवाड़ा के अंतर्गत विकासखण्ड दंतेवाड़ा में 08 से 13 नवम्बर तक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दंतेवाड़ा ग्राउंड, विकासखण्ड गीदम में 08 से 13 नवम्बर तक जावंगा खेल मैदान, विकासखण्ड कुआकोण्डा में 08 से 13 नवम्बर तक हितावारा खेल मैदान कुआकोण्डा और विकासखण्ड कटेकल्याण में 08 से 13 नवम्बर तक गाटम एवं परचेली खेल मैदान में आयोजित की जाएगी। साथ ही जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन 20-21 नवम्बर को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दंतेवाड़ा ग्राउंड में किया जाएगा।
नारायणपुर जिले के अंतर्गत विकासखण्ड नारायणपुर में 09 से 11 नवम्बर तक क्रीड़ा परिसर मैदान तथा विकासखण्ड ओरझा में 14 से 16 नवम्बर तक क्रीड़ा परिसर मैदान परेड ग्राउंड में तथा जिला स्तरीय प्रतियोगिता का आयोजन 19-20 और 24 नवम्बर को क्रीड़ा परिसर मैदान, परेड  ग्राउंड, ऑफिसर्स क्लब, विश्वदिप्ती स्कूल एवं फुटबॉल ग्राउंड बंगलापारा नारायणपुर मुख्यालय में आयोजित की जाएगी। जिला सुकमा के अंतर्गत विकासखण्ड सुकमा में 10 से 15 नवम्बर तक मिनी स्टेडियम, हड़मा मिनी स्टेडियम सुकमा में, विकासखण्ड कोंटा में 10 से 15 नवम्बर तक मिनी स्टेडियम कोंटा और विकासखण्ड छिंदगंढ़ में 10 से 15 नवम्बर तक मिनी-इंडोर स्टेडियम छिंदगढ़ में आयोजित की जाएगी। जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन 21-22 नवम्बर को मिनी स्टेडियम, हड़मा मिनी स्टेडियम सुकमा में किया जाएगा।
जिला कांकेर के अंतर्गत विकासखण्ड कांकेर में 11 से 14 नवम्बर तक विष्णुप्रसाद शर्मा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खेल मैदान गोविंदपुर, विकासखण्ड चारामा 11 से 14 नवम्बर तक शहीद वीर नारायण सिंह स्टेडियम चारामा, विकासखण्ड नरहरपुर में 13 से 16 नवम्बर तक उन्मुक्त खेल मैदान नरहरपुर, विकासखण्ड भानुप्रतापपुर 13 से 16 नवम्बर तक वन विद्यालय भानुप्रतापुर, विकासखण्ड दुर्गकोंदल मेें 13 से 16 नवम्बर तक उन्मुक्त खेल मैदान दुर्गकोंदल, विकासखण्ड अंतागढ़ में 13 से 16 नवम्बर तक उन्मुक्त खेल मैदान अंतागढ़ और विकासखण्ड पखांजुर में 13 से 16 नवम्बर तक उन्मुक्त खेल मैदान पखांजुर में आयोजित की जाएगी। कांकेर जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन 21 से 23 नवम्बर तक शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नरहरदेव विद्यालय कांकेर, इंडोर स्टेडियम, सेंट माईकल खेल मैदान और कन्या क्रीड़ा परिसर कांकेर में आयोजित किया जाएगा।
जिला बीजापुर के अंतर्गत विकासखण्ड बीजापुर में 18 से 21 नवम्बर तक मिनी स्टेडियम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स-एजुकेशन सिटी बीजापुर, विकासखण्ड भोपालपटटनम में 11 से 14 नवम्बर तक मिनी स्टेडियम, हाई स्कूल मैदान बैडमिंटन क्लब भोपालपट्टनम, विकासखण्ड उसूर में 11 से 14 नवम्बर तक मिनी स्टेडियम आवापल्ली में किया जाएगा। इसी तरह विकासखण्ड भैरमगढ़ में 18 से 21 नवम्बर तक मिनी स्टेडियम-बैडमिंटन क्लब भैरमगढ़ में आयोजित की जाएगी। जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन 25-26 नवम्बर को मिनी स्टेडियम, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स-एजुकेशन सिटी बीजापुर मुख्यालय में किया जाएगा।

विशेष लेख : छत्तीसगढ़ वन विभाग द्वारा देवगुड़ी स्थलों के संरक्षण और संवर्धन से सांस्कृतिक धरोहर की हो रही है पुनर्स्थापना

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आलेख: लक्ष्मीकांत कोसरिया, उप संचालक, जनसम्पर्क

रायपुर:मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने देवगुड़ी को संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए उन स्थलों के संरक्षण और संवर्धन के लिए विशेष प्रयासों पर जोर दिया है। उन्होंने संबंधित विभागों को इस दिशा में प्रभावी कदम उठाने और स्थानीय समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। देवगुड़ी के संरक्षण से न केवल सांस्कृतिक धरोहर को संजोने में मदद मिलेगी बल्कि इससे क्षेत्रीय पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।

छत्तीसगढ़ में सैकड़ों देवगुड़ी वनसमृद्ध जनजातीय क्षेत्रों में स्थित हैं। ये स्थल जनजातीय समुदायों द्वारा पूजनीय हैं एवं राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और पारिस्थितिक संपदा का अभिन्न हिस्सा हैं। स्थानीय जनजातीय देवताओं के निवास स्थल होने के कारण ये पारंपरिक अनुष्ठानों और त्योहारों का केंद्र हैं, साथ ही ये जैव विविधता के अनूठे केंद्र भी माने जाते हैं।


छत्तीसगढ़ की देवगुड़ी में भंगाराम, डोकरी माता गुड़ी, सेमरिया माता, लोहजारिन माता गुड़ी, मावली माता गुड़ी, माँ दंतेश्वरी गुड़ी और कंचन देवी गुड़ी जैसे नाम शामिल हैं। ये सभी देवगुड़ी स्थानीय जनजातीय समुदायों की आस्थाओं में विशेष स्थान रखती हैं और प्रत्येक का अपना विशिष्ट महत्व है।

छत्तीसगढ़ वन विभाग संयुक्त वन प्रबंधन, कैंपा, छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड एवं राज्य वन अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से इन पवित्र देवगुड़ियों के संरक्षण में सक्रिय रूप से प्रयासरत है। अब तक विभाग द्वारा 1,200 से अधिक देवगुड़ी स्थलों का दस्तावेजीकरण और संरक्षण किया जा चुका है, ताकि इन पारिस्थितिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव, आईएफएस ने कहा कि मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय और वन मंत्री  केदार कश्यप  छत्तीसगढ़ के वनसमृद्ध जनजातीय क्षेत्रों से संबंध रखते हैं। उनके नेतृत्व में वन विभाग देवगुड़ी स्थलों के संरक्षण के लिए समर्पित है। ये प्रयास राज्य में सतत् वन प्रबंधन और जैव विविधता संरक्षण के हमारे व्यापक मिशन के अनुरूप हैं।

देवगुड़ी के उपवन पारिस्थितिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। ये दुर्लभ, संकटग्रस्त, और स्थानीय वनस्पति प्रजातियों का आश्रय स्थल हैं, जहाँ इनका संरक्षण भी सुनिश्चित होता है। ये स्थल मृदा अपरदन को रोकने में सहायक भी हैं। जनजातीय समुदायों का मानना है कि इन पवित्र स्थलों की रक्षा देवताओं द्वारा की जाती है, इसलिए यहाँ पेड़ काटना, शिकार करना या किसी जीव को हानि पहुँचाना वर्जित है। इन उपवनों से जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक पहचान गहराई से जुड़ी हुई है और ये उनकी पारंपरिक प्रथाओं को जीवित रखते हैं। मड़ई, हरेली, और दशहरा जैसे त्योहारों पर यहाँ विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं, एवं नवविवाहित जोड़े यहाँ आकर स्थानीय देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

देवगुड़ी स्थलों की पर्यावरणीय और सांस्कृतिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए वन विभाग द्वारा यहाँ विशेष भूनिर्माण कार्य किए गए हैं, जिनमें पगडंडियों का निर्माण, बाड़बंदी, और पर्यावरण के अनुकूल संरचनाएँ शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड के अध्यक्ष  राकेश चतुर्वेदी ने कहा कि वन विभाग स्थानीय जनजातीय के सहयोग से देवगुड़ी के संरक्षण एवं संवर्धन में सक्रिय रूप से प्रयासरत है। इस पहल के अंतर्गत बड़ी संख्या में स्थानीय वनस्पति प्रजातियों का रोपण किया जा रहा है और पारंपरिक त्योहारों का पुनर्जीवन किया जा रहा है।
राज्य जैव विविधता बोर्ड के सदस्य सचिव  राजेश कुमार चंदेले आईएफएस ने बताया कि इन उपवनों की जैव विविधता को पुनर्जीवित करने के लिए वन विभाग द्वारा साल, सागौन, बांस, हल्दू, बहेड़ा, सल्फी, आंवला, बरगद, पीपल, कुसुम बेल, साजा, तेंदू, बीजा और कई औषधीय पौधों जैसी देशी प्रजातियाँ लगाई गई हैं। उन्होंने कहा कि ये स्थल सांप, मोर, जंगली सुअर और बंदरों जैसे विविध वन्यजीवों के लिए समृद्ध पारिस्थितिक आवास प्रदान करते हैं। साथ ही जनजातीय समुदायों के बीच गैर विनाशकारी कटाई प्रथाओें को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

राज्य जैव विविधता बोर्ड के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नीतू हरमुख ने बताया कि छत्तीसगढ़ के देवगुड़ी स्थलों को राष्ट्रीय जैव विविधता प्राधिकरण के लोक जैव विविधता पंजिका में आधिकारिक रूप से पंजीकृत किया जा रहा है। साथ ही इन पवित्र उपवनों की जैव विविधता का दस्तावेजीकरण करने के लिए शोध कार्य किए जा रहे हैं। हालाँकि, शहरीकरण, परंपरागत विश्वासों में कमी, अतिक्रमण, खरपतवार, पशुओं की चराई, और जलाऊ लकड़ी का संग्रह जैसी चुनौतियाँ इन उपवनों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही हैं। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ वन विभाग इनकी जैव विविधता और सांस्कृतिक महत्ता को संरक्षित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

रायपुर : लोगों को लुभा रहा छत्तीसगढ़ विधानसभा के नए भवन का मॉडल

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राज्योत्सव में लोक निर्माण विभाग के स्टॉल में प्रदर्शित किया गया है नए विधानसभा भवन और पॉवर हाउस फ्लाई ओवर का मॉडल

रायपुर@M4S:नया रायपुर में निर्माणाधीन छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन का विहंगम दृश्य लोगों को रोमांचित कर रहा है। नया रायपुर के डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी उद्योग एवं व्यापार परिसर में आयोजित तीन दिवसीय राज्योत्सव में लोक निर्माण विभाग के स्टॉल में नए विधानसभा भवन और भिलाई के पॉवर हाउस में निर्मित फ्लाई ओवर के मॉडल को प्रदर्शित किया गया है। स्टॉल में इन दोनों निर्माणों से संबंधित जानकारियां भी दर्शाई गई हैं। यहां हाल के वर्षों में लोक निर्माण विभाग द्वारा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में निर्मित प्रमुख भवनों, सड़कों और पुलों को भी प्रदर्शित किया गया है।

नया रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा का नया भवन 52 एकड़ में 273 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है। इसके सदन में सदस्यों की बैठक क्षमता 200 होगी। नए विधानसभा भवन के एक विंग में विधानसभा सचिवालय, दूसरे में विधानसभा का सदन, सेंट्रल-हॉल, विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का कार्यालय तथा तीसरे विंग में मंत्रियों के कार्यालय होंगे। यहां 500 दर्शक क्षमता का ऑडिटोरियम भी बनाया जाएगा। 700 कारों की पार्किंग क्षमता वाले परिसर में डेढ़-डेढ़ एकड़ को दो सरोवरों का निर्माण भी प्रस्तावित है। राज्योत्सव में इसके मॉडल को आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

राज्योत्सव स्थल पर लोक निर्माण विभाग के स्टॉल में प्रदर्शित पॉवर हाउस, भिलाई का फ्लाई ओवर राष्ट्रीय राजमार्ग-53 पर रायपुर-दुर्ग फोरलेन सड़क पर निर्मित है। 1660 मीटर लंबे और 16 मीटर ऊंचे इस फ्लाई-ओवर के नीचे भी एक फ्लाई ओवर गुजरता है जो भिलाई-नंदिनी मार्ग पर है। इस फ्लाई ओवर के पास तीन अलग-अलग ऊंचाईयों… एक सड़क और दो फ्लाई ओवर पर आवागमन देखा जा सकता है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने राज्य अलंकरण, सम्मान एवं पुरस्कारों के लिए चयनितों के नामों की घोषणा की

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उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राज्योत्सव के समापन समारोह में प्रदान करेंगे पुरस्कार और सम्मान

रायपुर@M4S:उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज रायपुर के महंत घासीदास संग्रहालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित प्रेस-कॉन्फ्रेंस में राज्य अलंकरण, सम्मान और पुरस्कारों के लिए चयनित व्यक्तियों और संस्थाओं के नामों की घोषणा की। राज्य शासन के 16 विभागों द्वारा 35 अलंकरण, सम्मान और पुरस्कार दिए जा रहे हैं। इसके लिए चार संस्थाओं एवं 38 व्यक्तियों का चयन किया गया है।

उप राष्ट्रपति  जगदीप धनखड़ 6 नवम्बर को नया रायपुर में राज्योत्सव के समापन समारोह में ये पुरस्कार और सम्मान प्रदान करेंगे। उप मुख्यमंत्री  अरुण साव ने राज्य शासन और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की ओर से राज्य अलंकरण, सम्मान एवं पुरस्कारों के लिए चयनित सभी व्यक्तियों और संस्थाओं को बधाई दी है।

PDF:राज्य अलंकरण, सम्मान एवं पुरस्कारों के लिए चयनितों के नामों की घोषणा की

BUS ACCIDENTS:बस दुर्घटनाओं में हर साल जा रही दस हजार लोगों की जान, यही गलती करता है हर ड्राइवर

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नई दिल्ली(एजेंसी):खतरनाक रास्ता, खटारा वाहन, अकुशल चालक और क्षमता से अधिक भार..उत्तराखंड के अलमोड़ा में बस दुर्घटना में 36 लोगों के जान गंवाने की घटना अपने देश में सड़क सुरक्षा की मूलभूत कमियों-कमजोरियों की ओर ही ध्यान दिलाती है। बसें प्राय: दुर्घटना की शिकार होती हैं और यह संख्या बढ़ रही है।

करीब 10 हजार लोगों की मौत
सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, ड्राइवरों के अपने वाहनों पर नियंत्रण खो देने के कारण दुर्घटनाओं की संख्या 2022 में पांच प्रतिशत से अधिक बढ़ गई। ऐसे हादसों में 9,862 लोगों की जान चली गई। 2023 के आंकड़े अगले सप्ताह जारी किए जाने के आसार हैं और यह संख्या दस प्रतिशत तक बढ़ चुकी है।
ड्राइवर पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं

मंत्रालय दुर्घटनाओं के इन मामलों को रन आफ द रोड श्रेणी में रखता है यानी किसी वाहन का अनियंत्रित होकर हादसे का शिकार होना। इसमें वाहनों का पहाड़ी इलाकों में खाई में गिरना भी शामिल है, जैसा कि उत्तराखंड में हुआ। सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ अनुराग कुलश्रेष्ठ कहते हैं कि यह दुर्घटना दुखद है, लेकिन इसके कारण वही हैं जो पहले भी जाने-समझे जा चुके हैं। हमारे ज्यादातर ड्राइवर पूरी तरह प्रशिक्षित ही नहीं हैं और सुरक्षा के जो सामान्य मानक हैं, उन पर ध्यान नहीं दिया जाता।

ओवरलोडिंग से बढ़ जाता है जोखिम
  • अगर उत्तराखंड में दुर्घटना की शिकार हुई बस में क्षमता से अधिक यात्री थे तो स्पष्ट है कि इससे बस को चलाने में संतुलन और उसके संवेग पर असर पड़ेगा। हर बस सिटिंग कैपेसिटी यानी उसमें उपलब्ध सीटों को ध्यान में रखकर डिजाइन की जाती है। जितनी अधिक ओवरलोडिंग होगी, उतना ही जोखिम अधिक होगा।
  • 2022 में बसों से जुड़ी पांच हजार से अधिक दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 1798 लोगों की जान चली गई। अगर वाहनों की श्रेणी के आधार पर दुर्घटनाओं को देखा जाए तो बसों का प्रतिशत 40.9 है और उनमें जान गंवाने वालों का प्रतिशत 28.7।
  • उत्तराखंड की दुर्घटना के संदर्भ में शुरुआती तौर पर यह सामने आ रहा है कि चालक को झपकी आ जाने के कारण उसने अपने वाहन से नियंत्रण खो दिया। यह पहलू नया नहीं है, लेकिन इससे निपटने के उपाय नहीं हो पा रहे हैं-न तो तकनीकी स्तर पर और न ही मनोवैज्ञानिक रूप से।
मनोवैज्ञानिक समस्या से जूझते

अनुराग कुलश्रेष्ठ के मुताबिक, सड़क सुरक्षा के लिए काम कर रहे उनके संगठन ने पिछले साल गुरुग्राम में सौ से अधिक ड्राइवरों के स्वास्थ्य और उनके मनोवैज्ञानिक स्तर की जांच की थी तो उनमें से आधे से अधिक ब्लड प्रेशर अथवा किसी मनोवैज्ञानिक समस्या से जूझते पाए गए थे। उनके लिए काम की स्थितियां ही पेशेवर रूप से उपयुक्त नहीं हैं।

 

ऐसे में उनके लिए उत्तराखंड जैसी जोखिम वाली जगहों पर वाहनों को चलाना स्वाभाविक रूप से खतरनाक होगा। समस्या यह भी है कि ऐसे लोग भी वाहन यहां तक कि व्यावसायिक वाहन चला रहे हैं जिनके पास वैध लाइसेंस नहीं है। लगभग 12 प्रतिशत दुर्घटनाएं ऐसे वाहन चालकों के कारण ही होती हैं।

BJP KORBA:भाजपा मंडलों के चुनाव अधिकारी घोषित देखें पूरी सूची

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कोरबा@M4S:कोरबा जिले में  संगठन चुनाव हेतु संगठन जिला चुनाव अधिकारी राजा पांडेय के निर्देशानुसार जिला अध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह ने भारतीय जनता पार्टी जिला कोरबा (छ.ग.) कोर कमेटी की बैठक भाजपा कार्यालय कोरबा मे आहुत की ।

आज की बैठक में मुख्य रूप से जिला चुनाव अधिकारी राजा पांडेय, सहायक चुनाव अधिकारी संजय भावनानी, सहायक चुनाव अधिकारी गोपाल मोदी की उपस्थिति में संम्पन्न हुई। बैठक में सर्व सहमति से विचार विमर्श कर मंडल चुनाव अधिकारियों एवं सहयोगियों के नाम पर निर्णय लिया गया ।

बैठक में प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष डॉ.राजीव सिंह, कैबिनेट मंत्री एवं प्रदेश उपाध्यक्ष लखनलाल देवांगन, पूर्व मंत्री ननकी राम कंवर, कटघोरा विधायक प्रेम चंद पटेल, पूर्व जिला अध्यक्ष जोगेश लांबा , अशोक चावलानी, राजेन्द्र पांडेय महामंत्री संतोष देवांगन, टिकेश्वर राठिया, आरिफ खान, हित्तानंद अग्रवाल, डॉ. आलोक सिंह उपस्थित रहे। बैठक में सभी की सर्व सहमति से निर्णय की सूची प्रदेश संगठन चुनाव अधिकारी खूबचंद पारख को अनुमोदन हेतु प्रेषित किया गया तथा उनके अनुमोदन के बाद सूची मीडिया में जारी की गई है। यह जानकारी जिला मीडिया प्रभारी मनोज मिश्रा ने दी है।

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