नई दिल्ली(एजेंसी):शारदीय नवरात्र का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि शारदीय नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना और व्रत करने से परिवार के सदस्यों को माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन की सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिलती है। धार्मिक मत है कि शारदीय नवरात्र के दौरान नौ देवियों को प्रिय भोग लगाने से पूजा सफल होती है। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में आइए जानते हैं किस दिन भोग (Maa durga ke 9 bhog) में क्या शामिल करना चाहिए।
पहला दिन
शारदीय नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना करने का विधान है। मां शैलपुत्री को गाय के घी से बना हलवा और रबड़ी का भोग लगाएं।
दूसरा दिन
शारदीय नवरात्र का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी को समर्पित है। मां ब्रह्मचारिणी के भोग में शक्कर और पंचामृत को शामिल करें। इससे जातक को दीर्घायु का वरदान प्राप्त होता है।
तीसरा दिन
शारदीय नवरात्र का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है। मां चंद्रघंटा को दूध से बनी चीजों का भोग अर्पित करें। इससे धन लाभ के योग बनते हैं।
चौथा दिन
शारदीय नवरात्र के चौथे दिन मां कुष्मांडा की उपासना करने का विधान है। मां कुष्मांडा को मालपुआ का भोग लगाना चाहिए। इससे मां कुष्मांडा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पांचवा दिन
शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाएं। इससे व्यक्ति के बिजनेस और करियर में उन्नति होती है
छठा दिन
शारदीय नवरात्र के छठे दिन दिन मां कात्यायनी की उपासना की जाती है। मां कात्यायनी को शहद और फल का भोग लगाना चाहिए। इससे जातक को धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
सातवां दिन
शारदीय नवरात्र के सातवें दिन मां कालरात्रि को समर्पित है। मां कालरात्रि को गुड़ से बनी चीजों को अर्पित करना चाहिए। इससे बिगड़े काम पूरे होते हैं।
आठवां दिन
शारदीय नवरात्र के आठवें दिन महागौरी को नारियल का भोग लगाना शुभ माना जाता है। इससे जातक की सभी मुरादें पूरी होती हैं।
नौवें दिन
शारदीय नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा-अर्चना की जाती है। मां सिद्धिदात्री को पूड़ी, खीर या हलवा का भोग लगाएं। इससे जातक पर मां की कृपा सदैव बनी रहती है।