कोरबा@M4S:कोरबा में एनटीपीसी की 2600 मेगावाट पॉवर प्लांट से निकलने वाले राख का उपयोग हाइवे की सड़क बनाने किया जा रहा है,प्रबंधन के पुराने राखड़ डेम को राइजिंग कर राख डाला जा रहा है, इसी तरह कंपनी की खली पड़ी डिण्डोल भांठा की जमीन पर नए राखड़ डेम बनने के लिए तैयारी की जा रही है, इसके लिए प्रदेश सरकार को पत्राचार शुरू किया गया है,ये बाते एनटीपीसी के परियोजना प्रमुख सम्मेलन कक्ष में शुक्रवार को पावर सेक्टर परिचय कार्यक्रम में कम्पनी के मुख्यप्रबंधक अश्वनी कुमार त्रिपाठी ने कही,एनटीपीसी का देश के विकास में अहम् योगदान है,आज एनटीपीसी देश के आलावा अन्य देशो में भी बिजली उत्पादन कर विश्व में सातवे सबसे बड़ी पावर कम्पनी बन गई है,एन टी पी सी के जी एम ने बताया कि एनटीपीसी पर्यावरण अनुकूल गुणवत्ता युक्त बिजली बनाने के लिए प्रतिबद्ध है,सीएसआर के माधयम से संचालित की जा रही गतिविधियों पर भी प्रकाश डाला .उन्होंने कहा कि पावर प्लांट से निकलने वाली राख से निपटने एसईसीएल की बंद खदानों में भरने की बात कही,नए राखड़ बांध के लिए डिण्डोल भांठा के रिक्त भूमि का उपयोग किया जायेगा, एनटीपीसी को राखड़ बांध बनाने हेतु लगभग चार सौ एकड़ जमीन की जरूरत है। हसदेव नदी के इस पार पर्याप्त जगह नहीं मिलने की वजह से दूसरी तरफ कोड़ियाघाट में राखड़ बांध बनाने का निर्णय लिया है,एन जी टी के निर्देश के तहत 2020-2021 तक राखड़ का सौ प्रतिशत उपयोग करने की बात कही है, इससे पूर्व अपर महाप्रबंधक ( मानवसंसाधन ) सिद्धार्थ शंकर दास ने सभी मीडियाकर्मियों का स्वागत किया . कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुतिकरण के माध्यम से एनटीपीसी कोरबा से सम्बंधित जानकारी साझा की गई . कार्यक्रम में कोरबा के मीडियाकर्मियों के साथ एनटीपीसी के महाप्रबंधक ( प्रचालन एवं अनुरक्षण ) ,एम रघुराम महाप्रबंधक ( तकनिकी सेवाएं ) ,वाई .एम बासवराजु ( चिकित्सा ) डॉ बीके मिश्रा, कॉर्पोरेट कमुनिकशन हेड आशुतोष नायक और एनटीपीसी के अधिकारीगण उपस्थित रहे .
NTPC देश के आलावा अन्य देशो में भी बिजली उत्पादन कर विश्व में सातवे सबसे बड़ी पावर कम्पनी : मुख्यप्रबंधक अश्वनी कुमार त्रिपाठी
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