कोरबा@M4S:एनटीपीसी कोरबा की विकलांग पुनर्वास केंद्र द्वारा तो कई लोग लाभान्वित हुए हैए लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैए जो इस सहायता को भुला नहीं पाते हैए और इसके बदौलत उन्हे जीवन जीने की नई राह मिल जाती है ऐसी एक महिला है कृष्णा राठोरए जिन्होने उनकी आप बीती बयां किया है। कृष्णा राठौर एक सामान्य महिला थीए भरा पूरा परिवार थाए निजी संस्थान में नौकरी कर रही थी। एक दिन ऑफिस जाते वक़्त एक ऐसी दुर्घटना का शिकार हुई और ऐसा लगा जैसे जिंदेगी मेरे लिए खत्म हो गई। इस दुर्घटना में मुझे अपनी दाहिनी पैर गवानी पड़ी। शुरुवात में जीवन जीना बहुत कठिन लग रहा खाए एक गृहिणी होने के नाते घारके सारे जिम्मेदारियाँ मुझे लेनी चाहिएं लेकिन इस दुर्घटना के बाद मैं खुद दूसरों पर निर्भर हो गई। वैशाखी के सहारे धीरे धीरे चलने लगी। फिर मुझे एनटीपीसी की विकलांग पुनर्वास केंद्र ;छथ्छक्त्ब्द्धके बारें में पता चला। मैं पहली बार यहाँ आई तो मेरा कौनसेललिंग किया गया उसके बाद जीवन जीने का मुझे नया नजरियाँ मिलाए और मुझे यह एहशश हुआ की सिर्फ मैं ऐसी अकेली दुर्घटना मे शिकार नहीं हुआ हूँए रोज ऐसे हजारों लाखों लोग दुर्घटना का शिकार होते हैए फिर भी जीवन में आगे बढ्ने के लिए होसला रखते है और सफल भी होते है। ऐसे कई सफल विकलांग लोगों की उदाहरण भी मुझे दिखाया गयाए तभी जाके मुझमें यह एहशश हुआ की जो हुआ वो एक दुर्घटना था लेकिन इसके लिए खुद हमेशा अवसाद ग्रस्त रहने से तो सब ठीक नहीं होगा। फिर मेरा कृत्रिम अंग मुझे मिलाए सच कहूँ तो उसको पहने के बाद मुझे ऐसा लगा की जैसे मेरा पुराना पैर वापस मिला। अब मैं आसानी से सभी कम काज कर सकती हूँ।
कृष्णा राठौर सिर्फ ऐसी अकेली महिला नहीं ऐसे बहुत दिव्यांग्जन है जिन्हों ने एनटीपीसी कोरबा की विकलांग पुनर्वास केंद्र ;छथ्छक्त्ब्द्ध की मदत से अपनी अक्षमता को मिटा कर नई शीरे से अपनी जिंदेगी की शुरुवात की है। नैगम सामाजिक दायित्व के सहयोग से संचालित यह केंद्र सिर्फ कृत्रिम अंग प्रदान नहीं करता हैए यह केंद्र दिव्यङ्ग लोगों की कौनसेललिंगए जरूरत मुताविक ऑपरेशनए स्व रोजगाजए व्यावसायिक प्रशिक्षणए दिव्यङ्ग पहचान पत्रए रेल रियायत प्रमाण पत्रए बस पास आदि बनवाने में सहायता प्रदान किया जाता है। यह केंद्र की माध्यम से दिव्यंगों को कृत्रिम अंगए वैशाखीए मोटोरीज़ेड त्रि.साइकलए श्रवण यंत्र आदि प्रदान किया जाता है।हल ही मैं स्वतन्त्रता दिवस के दिन श्री अश्विनी कुमार त्रिपाठीए कार्यकारी नेदेशक के हाथों छह लोगों को कृत्रिम अंग एवं पाँच लोगों को मोटोरीज़ेड त्रि साइकिल प्रदान किया गया। इस कलेंडर वर्ष में अबतक 22 लोगों को कृत्रिम अंग प्रदान किया गया है एवं 5 लोगों को मोटर चालित त्रि साइकल निशुल्क प्रदान किया गया है।
वर्तमान में एनटीपीसी कोरबा द्वारा संचालित पुनर्वास केंद्र ;NFNDRC छत्तीसगढ़ के कोरबा के आस पास 10 जिला जैसे बिलासपुर जंजगीर.चम्पाए रायगढ़ कोरिया सूरजपुरए सरगुजाए मुंगेलीए कवर्धा एवं बलोद जिला के दिव्यङ्ग लोगों को अपनी मदत से पुनर्वास किया है।
NTPC कोरबा की विकलांग पुनर्वास केंद्र दिव्यागण लोगों के लिए बन रहा है आशा की किरण
- Advertisement -