कोरबा@M4S:माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 30 जून 2018 में बनाई गई कृपांक अंक देने की नीति में संशोधन किया है। इसके अनुसार अब अधिकतम 20 अंक तक कृपांक दिए जाएंगे। अधिकतम तीन विषयों में कृपांक दिया जा सकेगा। इससे अधिक विषयों में अनुत्तीर्ण होने पर कृपांक का लाभ नहीं दिया जाएगा। किसी भी विषय में कुल अंकों का अधिकतम 10 फीसदी अंक ही कृपांक दिया जाएगा। इसके अनुसार यदि किसी सैद्धांतिक प्रश्न पत्र में 100 अंक हैं तो उसमें 10 अंक कृपांक मिलेगा।बोर्ड परीक्षाओं में 20 अंक तक कृपांक मिलेगा:माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नियम किया जारी, अधिकतम 3 विषयों में कृपांक दिया जाएगा। इसी तरह 80 और 75 अंकों के सैद्धांतिक प्रश्नपत्र में अधिकतम 8 अंक, 70 अंकों वाले पेपर में 7 अंक, 30 और 25 अंकों के सैद्धांतिक और प्रायोगिक प्रश्न पत्र में अधिकतम 3 अंक दिए जाएंगे। 20 अंकों के प्रायोजना प्रश्न पत्र में अधिकतम 2 कृपांक के रूप में दिए जा सकेंगे। यह कृपांक नीति माध्यमिक शिक्षा मंडल से होने वाली सभी परीक्षाओं में लागू होगी।
अतिरिक्त विषयों में नहीं मिल पाएगा कृपांक
जारी नीति के अनुसार कृपांक सिर्फ नियमित विषयों में ही दिया जाएगा। यदि कोई छात्र अतिरिक्त विषय लेता है और उसमें अनुत्तीर्ण हो रहा तो भी उसे अतिरिक्त विषयों में कृपांक का लाभ नहीं दिया जाएगा। यह सुविधा सिर्फ नियमित विषयों में ही मिल पाएगा। पुरानी नीति में कृपांक के तहत दिए जा रहे अंकों के मापदंड में आंशिक संशोधन किया गया है, ताकि छात्रों को उसकी सही तरीके से लाभ मिल सके। इसे ध्यान में रखते हुए नई कृपांक नीति बनाई गई है।
अब अधिकतम 20 अंक तक दिए जाएंगे कृपांक
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