बिजली बिल को लेकर उपभोक्ताओं को शिकायतें रहती हैं कि समय पर रीडिंग नहीं होने या सही तरह से रीडिंग नहीं होने की वजह से उन्हें परेशानी होती है। कई बार बिजली विभाग के दफ्तर के चक्कर पड़ते हैं। उपभोक्ताओं की यह भी शिकायतें रहती है कि समय पर बिल नहीं दिया जाता है। कई बार उपभोक्ता बेतहाशा बिजली भेजने की भी शिकायतें करते हैं।अब बिजली वितरण विभाग बिजली संबंधी शिकायतों को दूर करने और बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरुआत करने वाली है। मीटर लग जाने के बाद उपभोक्ता मोबाइल की तरह मीटर को भी रिचार्ज करेंगे और बिजली का उपयोग कर पाएंगे। साथ ही बिजली विभाग की हर साल सरकारी व निजी बकायादारों से बिल वसूली से छुटकारा भी मिलेगा।
स्मार्ट मीटरों में मोबाइल की तरह ही एक सिम कार्ड लगा रहेगा। इस सिम के जरिए बिजली खपत की रीडिंग बिजली कंपनी के सर्वर तक अपने आप पहुंच जाएगी। यह प्री-पेड सिम होगा, यानी जितने रुपए का रिचार्ज करवाएंगे, उतनी राशि तक बिजली का उपयोग कर सकेंगे।बैलेंस खत्म होने पर सप्लाई बंद हो जाएगी। हालांकि, तीन दिन पहले रजिस्टर्ड मोबाइल पर मैसेज के जरिए इसकी सूचना आने लगेगी। इन कवायदों के बावजूद कनेक्शन में छेड़छाड़ और बिजली चोरी की आशंका से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता, इसलिए बिजली कंपनी जीपीएस से निगरानी भी करेगी। संदेहास्पद इलाकों में विजिलेंस टीमें फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगी।
उपभोक्ताओं को मिलेगी कई सुविधाएं
मीटर रीडिंग लेने के बाद बिजली बिल के लिए इंतजार करने की झंझट खत्म होगी। सरचार्ज नहीं देना होगा। मोबाइल की तरह रिचार्ज करने पर चलेगा। जितने जरूरत के हिसाब से बिजली का उपयोग होगा उतना ही बिल उपभोक्ता को देना होगा। किसी उपभोक्ता का प्रीपेड बैलेंस रात के समय खत्म होता है, तो तत्काल बिजली बंद नहीं की जाएगी। मीटर रिचार्ज कराने सुबह तक समय दिया जाएगा। सुबह तक इस्तेमाल की गई बिजली बिल राशि रिचार्ज करने के बाद बैलेंस कट जाएगा। स्मार्ट प्री पेड मीटर के लिए उपभोक्ताओं को कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। एक मीटर लगाने पीछे विभाग की ओर से लगभग 6 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। जिसे कंपनी वहन करेगी काम होगा। बकाया राशि किस्तों में जमा करने की सुविधा दी जाएगी। कंट्रोल रूम से स्मार्ट प्री-पेड मीटर के संचालन संबंधी सारे काम किए जाएंगे।
जीपीएस से होगी कनेक्शन की निगरानी
जानकारी अनुसार बिजली उपभोक्ताओं की तीन कैटेगरी बनाई गई है। घरेलू, व्यवसायिक और औद्योगिक। सबसे पहले घरेलू उपभोक्ताओं के घरों में यह स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। उसके बाद व्यवसायिक कनेक्शन में और तीसरे चरण में उद्योगों में स्मार्ट बिजली मीटर लगाए जाएंगे। पहले स्मार्ट प्री-पेड मीटर 25 हजार घरो में लगाए जाएंगे।