NH 149B:दलदलनुमा मार्ग में जान हथेली पर लेकर आवागमन करने की मजबूरी  बसों को लगाना पड़ रहा 8 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा

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कोरबा@M4S:NHAI की बदइंतजामी एवं जिला प्रशासन की उदासीनता ने प्रदेश को सबसे ज्यादा राजस्व और देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम योगदान देने वाला कोरबा जिले के बाशिंदों की जिंदगी खतरे में डाल दी है।  राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 149 बी में शामिल कोरबा -चाम्पा निर्माणाधीन फोरलेन में आवागमन जानलेवा बना हुआ है। बरसात में फर्म द्वारा मरम्मत की अनदेखी किए जाने के कारण मड़वारानी ,बरपाली उरगा में मार्ग कीचड़ से सराबोर है। हालत ऐसे हैं कि बसों ,छोटे वाहन चालकों एवं टू व्हीलर चालकों को 8 किलोमीटर का अतिरिक्त फेरा लगाते हुए पहंदा -तिलकेजा होते हुए सक्ति -तुमान मार्ग में भैसमा से उरगा पहुंचना पड़ रहा। वहीं कीचड़ से अटे बरपाली चौक में स्कूल,कॉलेज के छात्र -छात्राओं ,व्यापारियों , किसानों ,कर्मचारियों समेत आमजनों को भारी वाहनों के आवागमन के बीच जान हथेली पर लेकर रोड क्रॉस करना पड़ रहा। जल्द ही मार्ग का कीचड़ साफकर आवागमन योग्य नहीं बनाया गया तो लोगों का आक्रोश जन आंदोलन का शक्ल ले लेगा।
यहाँ बताना होगा कि राष्ट्रीय राजमार्ग चाम्पा से कटघोरा तक फोरलेन सडक़ के प्रथम चरण में चाम्पा से उरगा 38 किलोमीटर का निर्माण जारी है। करीब 1000 करोड़ के का यह प्रोजेक्ट ढाई साल का है । इस मार्ग पर 56 पुल-पुलिया समेत अंडरपास का निर्माण करना है जिसके लिए बगल से डामरीकृत डायवर्सन सडक़ का निर्माण पहले करना है और उसके पश्चात ही पुलिया का कार्य शुरू किया जाना है। इसके विपरीत फोरलेन के निर्माण में लगी हरियाणा की ठेका कंपनी के ठेकेदार द्वारा अपनी सुविधा देखते हुए गिट्टी वाला डायवर्सन सडक़ बनाकर पुलिया का निर्माण प्रारंभ कर दिया । जबकि नेशनल हाइवे-149बी के एसओपी में उल्लेखित है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट व एसओपी के अनुसार डायवर्टेड मार्ग को डामरीकरण कराया जाना था। इसके कारण डायवर्सन कच्ची सडक़ से गुजरने वाले छोटे-बड़े-मध्यम वाहनों को जहां गर्मी में भारी धूल का सामना करना पड़ा। वहीं अब बरसात में दलदलनुमा मिट्टी में सराबोर यह मार्ग जानलेवा बना हुआ है। भू अर्जन का विवाद जिला प्रशासन द्वारा सुलझा लिए जाने के दावों के बावजूद धीमी गति से निर्माण की वजह से प्रोजेक्ट के समय पर पूरा होने की संभावना जहां खत्म होती नजर आ रही है वहीं बरसात में मड़वारानी, बरपाली ,उरगा में निर्माण में प्रयुक्त किए जाने वाले मिट्टी राखड़ दलदलनुमा कीचड़ में तब्दील हो गई है। बरपाली में स्थिति सबसे ज्यादा खराब है। तहसील कार्यालय होने के साथ साथ यहाँ कॉलेज ,हायर सेकेंडरी स्कूल,एसबीआई ,सहकारी बैंक ,एवं 500 मीटर में रेलवे स्टेशन व दर्जनों व्यापारिक प्रतिष्ठान हैं । जिनकी परेशानी सबसे ज्यादा बढ़ गई है। मुख्यमार्ग में एक एक फीट तक कीचड़ भर आया है । जिसकी वजह से बस पकडऩे बस से उतरने छात्र छात्राओं के कपड़े खराब हो रहे,दुपहिया वाहन चालक कई बार फिसलकर गिर रहे। मालवाहक ट्रेलर के कीचड़ भरे मार्ग में आवागमन करने के दौरान दुपहिया समेत छोटे वाहन चालकों को फिसलन से दुर्घटना का भय सताता रहता है। जिला प्रशासन भी इस जनसमस्या पर मानो शिकायत एवं जन आंदोलन के इंतजार में बैठा है। जल्द ही मार्ग का कीचड़ साफकर आवागमन योग्य नहीं बनाया गया तो लोगों का आक्रोश जन आंदोलन का शक्ल ले लेगा।

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