कोरबा@M4S: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 149 बी में स्थित एवं प्रभावित ग्राम सरईपाली, फरसवानी, देवलापाट, जमनीपाली, पचपेड़ी, कोथारी, नवापारा, नवलपुर, बंजारी, खरहरी, पुरैना, बरपाली व सरगबुंदिया आते हैं। करतला तहसील अंतर्गत निवासरत उक्त ग्रामों के भू-स्वामी किसानों की भूमि अर्जित की गई है जिसे लेकर भू-अर्जन अधिकारी कोरबा द्वारा पारित भू-अर्जन अवार्ड से ग्रामीण व कृषकगण असंतुष्ट एवं असहमत है। प्रेसवार्ता में प्रभावित किसानों ने कहा कि भू-अर्जन पुनर्वासन एवं पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिनियम 2013 पूरे छत्तीसगढ़ में लागू होगा। इसके तहत चांपा, कोरबा, कटघोरा राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 149 ब के चौड़ीकरण निर्माण हेतु करतला तहसील के सरईपाली से सरगबुंदिया तक कोरबा तहसील के पहंदा से उरगा तक पड़ने वाले ग्रामों के किसानों की भूमि अर्जित की गई है। भू-अर्जन प्रक्रिया प्रो-एक्ट, डिस्क्लोजर के अंतर्गत आता है, जिसके कारण भू-अर्जन संबंधी समस्त सूचना, अधिसूचना, आदेश आम नागरिकों को सुलभ होना चाहिए था लेकिन भू-अर्जन अधिकारी एवं परियोजना निदेशक द्वारा भूअधिग्रहण की सूचना एकमात्र हिन्दी एवं अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र में प्रकाशित कराया गया। उसमें से अंग्रेजी समाचार पत्र की एक भी प्रति ग्रामीण क्षेत्रों के प्रभावित ग्रामों में वितरित नहीं होती है। इसी प्रकार हिन्दी समाचार पत्र भी सभी प्रभावित ग्रामों तक नहीं पहुंच पाता। ऐसे में समस्त प्रभावित कृषकों को व्यक्तिगत सूचना के द्वारा सूचित किया जाना था जो कि उन्हें सूचित नहीं किया गया। सूचना के अभाव में प्रभावित भू-स्वामियों को भू-अर्जन अधिकारियों के समक्ष अपना उचित पक्ष रखने के उचित अवसर से वंचित होना पड़ा। भू-अर्जन प्रकरण में पारित अवार्ड को कम्प्यूटर से टाइप कराया गया है लेकिन अवार्ड पारित करने की तिथि हस्तलिखित है जिससे यह प्रतीत होता है कि भू-अर्जन, पुनर्वासन एवं पुर्नव्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता नहीं बरती गई है। 11 जनवरी 2019 को अवार्ड पारित किया गया था तो 1 जनवरी 2020 अर्थात एक वर्ष पश्चात सूचना दिया जाना विधि एवं नियमों के विपरित होने के साथ-साथ उचित प्रतित नहीं होता है।
NH के लिए पारित भू-अर्जन अवार्ड से कृषक असंतुष्ट

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