कोरबा@M4S:30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है। यह स्वयंसिद्ध अबूझ मुहूर्त है, इसमें खरीदारी से लेकर कोई भी शुभ कार्य किया जा सकेगा। अबकी बार अक्षय तृतीया सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी। इसी दिन भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भी है। पुराणों के मुताबिक इसी दिन सतयुग और त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। इसे अबूझ मुहूर्त माना जाता है, इसलिए इस मुहूर्त में विवाह आदि सभी मांगलिक कार्य बिना शुभ मुहूर्त देखे ही किए जा सकते हैं।
खरमास समाप्त होने के बाद 14 अप्रैल से मांगलिक-वैवाहिक कार्यों की शुरुआत हो चुकी है।ज्योतिषियों की मानें तो इस विवाह सीजन में अब अप्रैल से जून तक विवाह के 15 से अधिक मुहूर्त हैं। वहीं कुछ लोग तेज गर्मी के चलते मई-जून में विवाह करने से बचते हैं और जुलाई में शादी करना पसंद करते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाएगा, क्योंकि देव शयन से लगभग एक माह पूर्व से ही विवाह मुहूर्तों पर रोक लग जाएगी। इस वजह से इस बार विवाह मुहूर्त भी कम हैं। वहीं इस बार विवाह मुहूर्त पर चार की जगह पांच माह रोक रहेगी। जुलाई में विवाह नहीं होने से जून के बाद सीधे नवंबर में ही विवाह शुरू होंगे।
शादी-विवाह जैसे मांगलिक कायक्रमों के लिए ग्रह-नक्षत्र और सितारों की स्थिति का बेहद ध्यान से अध्ययन किया जाता है। मांगलिक कार्यक्रमों में शुक्र और गुरु की स्थिति को देखकर ही मुहूर्त निश्चित किए जाते हैं, क्योंकि 12 राशियों के आधार पर अलग-अलग माह में विवाह के शुभमुहूर्त माने जाते हैं। अगर शुक्र और गुरु दोनों ही तारे अस्त होते हैं तो शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यक्रमों के लिए मुहूर्त नहीं निकाला जाता। ज्योतिषाचार्यों ने बताया कि गुरु तारा अस्त होने के चलते इस बार आषाढ़ माह में शादियों के शुभ मुहूर्त नहीं हैं। गुरु तारा 12 जून आषाढ़ कृष्ण प्रतिपदा गुरुवार को पश्चिम दिशा में अस्त होगा, जो 6 जुलाई आषाढ़ शुक्ल एकादशी रविवार यानी देवशयनी एकादशी के दिन ही पूर्व दिशा में उदय होगा। हर बार देखा जाता था कि भड़ली नवमी पर विवाह का अंतिम शुभ मुहूर्त रहता था, जो इस बार नहीं है, लेकिन परंपरा अनुसार भड़ली नवमीं पर भी शादियां होंगी। क्योंकि भड़ली नवमी, अक्षय तृतीया यह ऐसे मुहूर्त माने गए हैं, जिनके लिए किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त निकलवाने की जरूरत नहीं मानी जाती है। 8 जून को विवाह का आखिरी शुभ मुहूर्त रहेगा। इसके बाद देवउठनी एकादशी से शहनाइयां गूंजेंगी।
बाजार में जमकर रौनक
खरमास के समापन के बाद 14 अप्रैल से फिर शादियों का सीजन शुरू हो गया है। अप्रैल में ही विवाह के लिए 8 शुभ मुहूर्त में से 3 शेष हैं। अप्रैल से जून तक बड़ी संख्या में शादियां होगी। शादियों के सीजन से बाजार भी गुलजार हो गया है।सीजन में 500 करोड़ से अधिक के कारोबार का अनुमान है।
शादियों के मुहूर्त
अप्रैल – 25, 29, 30
मई – 1, 5, 6, 8, 10, 14, 15, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 27, 28
जून -2, 4, 5, 7, 8
नवंबर -2, 3, 6, 8, 12, 13, 16, 17, 18, 21, 22, 23, 25, 30
दिसंबर -4, 5, 6