आंशिक अधिग्रहण रदद् कर सम्पूर्ण अर्जन के लिए बाध्य हुयी प्रबन्धन निदेशक मंडल के अनुपस्थिति के विरोध के साथ वार्ता सम्पन्न हुई -एक माह में बाद फिर होगी समीक्षा बैठक

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श्रमशक्ति महाप्रबंधक एवं क्षेत्रीय अधिकारियों तहसीलदार रहे वार्ता में शामिल

ऊर्जाधानी संगठन के 11 सूत्रीय मांगों के साथ ही अन्य मुद्दों पर सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन
कोरबा:ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति के बैनर तले एसईसीएल क्षेत्र के भूविस्थापित किसानों की रोजगार मुआवजा बसाहट और अन्य समस्याओं को लेकर 11 सूत्रीय मांगों पर चरणबद्ध आंदोलन के मद्देनजर एसईसीएल के कुसमुंडा के सभाकक्ष में त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित की गई जिसमें बिलासपुर मुख्यालय से श्रम शक्ति व विभिन्न विभाग प्रमुखों सहित जिले के महाप्रबंधको और तहसीलदार दीपका और संगठन के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद थे । शाम 5 बजे से 9.30 बजे रात्रि तक चले वार्ता के दौरान ज्ञापन के सभी एजेंडा सहित अन्य समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गयी । और एक माह में प्रगति कार्यो पर समीक्षा बैठक करने का निर्णय लिया गया है तथा इसके मध्य एसईसीएल मुख्यालय में सीएमडी सहित सभी निदेशक मंडल की मौजूदगी में बैठक कराने का आश्वासन दिया गया है ।

ऊर्जाधानी भूविस्थापित किसान कल्याण समिति ने मार्च महीने से 5 चरणों मे क्षेत्रवार खदान बन्दी का आंदोलन छेड़ा था और गेवरा दीपका क्षेत्र में सम्पूर्ण खदान के बाद कुसमुंडा में आंदोलन से पूर्व एसईसीएल मुख्यालय की ओर से वार्ता के लिए पत्र जारी होने के आंदोलन स्थगन कर दिया गया और आज वार्ता आयोजित की गई चूंकि इस बैठक में निदेशक मंडल के सदस्यों को भी शामिल होना था किंतु दिल्ली में कोल इंडिया के सारे बोर्ड कमेटी की मीटिंग में जाने के कारण उनकी उपस्थिती नही होने पर हाथो में तख्ती लेकर विरोध दर्ज कराते हुए वार्ता किया गया ।

प्रबन्धन की ओर से बताया गया है कि संगठन के मांगो पर एसईसीएल गम्भीरता से विचार कर रही है । कहा गया कि नवम्बर 2021 एवं समीक्षा बैठक फरवरी 2022 में त्रिपक्षीय समझौते के बाद कई महत्वपूर्ण पालिसी शामिल किए गए हैं पुराने रोजगार के प्रकरणों सहित नए रोजगार प्रदान किये गए । सभी पात्र भूविस्थापित को रोजगार मिलेगा जहां पर संशोधन की आवश्यकता है वहाँ उपाय किया जाएगा । खाता संयोजन का मामला पहले नही आया था इसे बोर्ड में शामिल की जाएगी । अर्जन के बाद जन्म के मामले में रिपीटीशन करने का सुझाव दिया गया । शासन से प्राप्त सभी प्रकार के पट्टो में समस्त सुविधाएं लागू होगी। और वन भूमि शासकीय भूमि पर निर्भर आदिवासी व परम्परागत रूप से रह रहे लोंगो भूमिहीन किसानों को लाभ दी जाएगी । मेगा प्रोजेक्ट में भूविस्थापित परिवारों के लिए लागू बसाहट , ठेका सहित अन्य सभी सुविधाएं कोरबा क्षेत्र और एसईसीएल के दूसरे क्षेत्रों में लागू करने के लिए ड्राफ्ट बनाई जा रही है जो बोर्ड में पारित होने के लिए रखा गया हैं । इसी तरह नए दर पर जमीन का मुआवजा के लिए भी कार्यवाही जारी है ।

▪️रलिया ,भिलाइबाजार का आंशिक अर्जन रदद् कर होगा सम्पूर्ण अर्जन । इस सबन्ध में अधिकारिक स्तर पर आवश्यक कार्य किया गया है और जल्द ही धारा 4 की प्रकाशन होने की संभावना है ।

▪️पूर्व में अर्जित और खदान बन्द होने पर मुलखातेदारों को जमीन वापसी होगी । सीबीए में संशोधन की प्रकिया पूरी हो चुकी है और लोकसभा व राज्य सभा मे स्वीकृत हेतु भेजी गई है । राज्य सरकार को समपर्ण के बाद विधिवत किसानों को उनकी जमीन वापसी किया जाएगा ।

▪️भूविस्थापित बच्चो को मिलेगा उच्च शिक्षा के लिए मदद । कोचिंग सहित आगे की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहयोग तथा कमजोर बच्चों के लिए शिक्षा और रोजगार देने के लिए लाईवलीहुड कालेज के साथ सयुंक्त कार्यक्रम चलाने पर सहमति बनी है ।

▪️महिलाओं के लिए स्वरोजगार योजना । सीएसआर के तहत जिले के चारों क्षेत्रों में मसाला उद्योग, सिलाई केंद्र स्थापित कर महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ा जाएगा और आर्थिक सामाजिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जाएगा ।

ऊर्जाधानी संगठन के अध्यक्ष सपुरन कुलदीप ने बताया कि 11 सूत्रीय मांगों पर 5 चरणों मे आंदोलन की घोषणा की गई थी । और गेवरा तथा दीपका जबरदस्त बन्द से एसईसीएल के अधिकारी और जिला प्रशासन की आपसी बैठक किया गया है जिसमे हमारी मांगो पर गंभीरता से मंथन किया गया था । उसी के अनुरूप कुसमुंडा में आयोजित त्रिपक्षीय वार्ता में सभी मांगो पर सकारात्मक निर्णय लिया गया और एक माह में इस प्रगति होने की आश्वासन के बाद हम एक माह तक इंतजार करेंगे यदि हमें निराशा हुई और प्रबन्धन के द्वारा वादाखिलाफी की जाती है। तो कुसमुंडा से ही हमारा आंदोलन शुरू होगा ।

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