महतारी वंदन योजना से जीवन को मिली नई दिशा:- सुखमत मंझवार
घर के खर्चे चलाने में काम आती है महतारी वंदना योजना की राशि:-राजकुमारी मंझवार
कोरबा@M4S: महतारी वंदन योजना ने वनांचल क्षेत्र की महिलाओं के जीवन में एक नया उजाला लाया है। ग्रामीण इलाकों में रोजगार की कमी और सीमित संसाधनों के बीच जीवन यापन करना कठिन था। इस योजना के माध्यम से उन्हें आर्थिक संबल मिला है, जिससे उनका जीवन बेहतर हुआ है और महिलाओं का आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है।
कोरबा के सुदूर वनांचल और पहाड़ों के बीच बसे बोड़ानाला की रहने वाली सुखमत और राजकुमारी मंझवार का जीवन पहले कई कठिनाइयों से घिरा हुआ था। संसाधनो के अभाव और आर्थिक तंगी ने उनके रोजमर्रा के जीवन को चुनौतीपूर्ण बना दिया था। महतारी वंदन से मिलने वाली आर्थिक सहायता ऐसे परिवार के लिए एक वरदान साबित हुई है। जिसने न केवल उनके जीवन को सरल बनाया, बल्कि उनके परिवार को भी एक नई दिशा दी। अब वह खुद को आत्मनिर्भर महसूस करती हैं।
हितग्राही सुखमत मंझवार ने योजना से मिल रहे लाभ के सुखद अनुभव को साझा करते हुए कहा कि परिवार की आमदनी के नियमित और स्थिर स्रोत नही होने के कारण उनके दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने की समस्या सदैव बनी रहती थी जिससे आर्थिक संकट की समस्या निरंतर उनके परिवार को घेरे रहता था। उनके गांव की खेती जमीन डुबान में चले जाने से खेती की संभावना नही रह गयी थी और उनके पति रोजी-मजदूरी कर परिवार का गुजारा चलाते थे। लेकिन जब महतारी वंदन योजना के तहत उन्हें वित्तीय सहायता मिलने लगी, तो उनके जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आया। इस योजना से मिलने वाली राशि ने उनके घरेलू खर्चों को पूरा करना आसान बना दिया। अब वह न केवल परिवार के खर्चों को सहजता से पूरा कर पाती हैं, बल्कि अपने परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त भी बना रही हैं।
इसी प्रकार लाभार्थी राजकुमारी मंझवार ने बताया कि महतारी वंदन योजना ने महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त किया है, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी नई ऊँचाइयाँ दी हैं। इस योजना ने वनांचल क्षेत्र की महिलाओं को एक नई दिशा दी है, जिससे वे न केवल अपनी बल्कि अपने परिवार की भी खुशहाली के लिए सक्षम बन रही हैं। योजना के माध्यम से 1 हजार रुपये की वित्तीय सहायता हर माह मिलने से राजकुमारी अपने भविष्य के लिए निश्चित रहती है। उसे मुश्किल समय पर किसी से पैसे मांगने की जरूरत नही पड़ती साथ ही
दैनिक जरूरतों, घरेलू उपभोग की चीजों की पूर्ति के लिए किसी पर निर्भर नही रहना पड़ता, वह स्वयं इन चीजों की पूरा करने में सक्षम बन गई है।