LOCKDOWN RETURNS: WHO की चेतावनी, खतरनाक स्थिति अभी आना बाकी

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न्यूयोर्क(एजेंसी):कोरोना वायरस महामारी के चलते पूरी दुनिया में दहशत का माहौल है। हालांकि, अब इस भयावह स्थिति से वापस आने की लोग कोशिश कर रहे हैं। इस बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि वैश्विक एकजुटता के अभाव में कोरोना वायरस की खतरनाक स्थिति आ सकती है। ओरिजोना बार्स और न्यू जर्सी में इनडोर डाइनिंग के साथ अमेरिका के ज्यादा क्षेत्रों में दोबारा खोलने के लिए कदम उठाए जा रहा हैं।

इधर, बढ़ते कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य ने मेलबर्न समेत राज्यभर में चार हफ्ते का लॉकडाउन लगा रहा है। न्यूजीलैंड वर्चुअल फोरम पर साल 2021 में एशिया पैसिफिक इकॉनोमिक को-ऑपरेशन का आयोजन कर रहा है, जबकि टोक्यो कोरोना वायरस की मॉनिटरिंग को रिवाइज कर रहा है। आईएफओ इंस्टीट्यूट के मुताबिक, जर्मनी में निकाले गए वर्कर्स फूल टाइम काम शुरू कर रहे हैं। दोबारा चालू होने के बाद हॉस्पीटलिटी, ट्रांसपोर्ट और रिटेल में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिल रही है।

भारत सरकार ने कोरोना अनलॉक-2 के लिए आज गाइडलाइन्स जारी कर दी है। सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन्स में स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक और कोचिंग संस्थान, अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें, मेट्रो रेल, सिनेमा, जिम, पूल, धार्मिक समारोहों पर लगा रोक 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है। गाइडलाइन के अनुसार देशभर में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू रहेगा। आवश्यक सेवाओं को छूट मिलेगी। सरकार ने अनलॉक-2 में कंटेनमेंट जोन में केवल आवश्यक कामों की इजाजत दी है। जबकि कंटेनमेंट जोन में सरकार ने लॉकडाउन लागू रखने का फैसला किया है।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन्स के अनुसार अनलॉक-2 में सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और धार्मिक समारोह और कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके अलावा सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए सार्वजनिक स्थानों, कार्यस्थलों और परिवहन के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है।

नई गाइडलाइन्स में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश को कंटेनमेंट जोन के बाहर बफर जोन की पहचान कर सकते हैं। जहां नए मामले आने की संभावना है। बफर जोन के भीतर, प्रतिबंधों को आवश्यक माना जाता है जो जिला अधिकारियों द्वारा लगाए जा सकते हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्र में कोरोना की स्थिति के हिसाब से दुकान खोलने की अनुमति दी जा सकती है लेकिन, एक समय में पांच से अधिक लोगों की उपस्थिति नहीं रहनी चाहिए। इसके अलावा सभी को शारीरिक दूरी जरूरी होगा।

सरकार ने भारत बायोटेक द्वारा तैयार की जा रही भारत की पहली COVID-19 वैक्सीन COVAXIN को क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी दे दी है। जल्द ही इसका इंसानों पर ट्रायल शुरू हो जाएगा। बता दें कि भारत में तैयार की जा रही यह कोविड-19 की पहली वैक्सीन है जिसे क्लीनिकल ट्रायल करने की मंजूरी मिली है।

भारत बायोटेक भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से वैक्सीन बनाने में जुटा हुआ है। अब देखना है कि यह वैक्सी क्लीनिकल ट्रायल में असरदायक होती है या नहीं। वर्तमान में दुनिया भार में 100 से अधिक कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट डेवलपमेंट के विभिन्न चरणों में हैं। उन्होंने कहा, महामारी ने वैश्विक एकजुटता के महत्व पर प्रकाश डाला है। साथ ही स्वास्थ्य को एक लागत के रूप में नहीं, बल्कि निवेश के रूप में देखा जाना चाहिए।
ATM से पैसे निकालने पर लगेगा चार्ज
कोरोना वायरस महामारी की वजह से वित्त मंत्रालय ने छूट दी थी कि 30 जून तक किसी भी बैंक के डेबिट या एटीएम कार्ड से किसी अन्य बैंक के एटीएम से नकदी निकालने पर चार्ज नहीं लगेगा। बता दें कि सामान्य तौर पर दूसरे बैंक के एटीएम से एक निश्चित संख्या तक ही पैसे निकाले जा सकते हैं, उसके बाद निकासी पर चार्ज लगता है। लेकिन एक जुलाई 2020 से एटीएम से पैसा निकालने के इस नियम में बदल हो रहा है। एटीएम से पैसा निकालने के लिए सभी ट्रांजेक्शन चार्ज फिर से लागू होंगे। मेट्रो शहर में हर महीने आठ और गैर मेट्रो शहरों में 10 बार से ज्यादा पैसे निकालने पर शुल्क देना होगा।

खाते में न्यूनतम बैलेंस जरूरी
जुलाई से बचत खाते में मिनिमम बैलेंस में छूट का नियम खत्म हो जाएगा। अगर खातों में न्यूनतम बैलेंस नहीं रहता है, तो बैंक इसपर पेनाल्टी वसूल सकेगा। अभी मेट्रो सिटी, शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण इलाकों के हिसाब से अलग-अलग बैंकों में बचत खाते में मिनिमम बैलेंस रखने की लिमिट अलग-अलग है। भारतीय सेटेट बैंक (एसबीआई) के खातों पर मेट्रो शहरों में 3,000, अर्ध-शहरी क्षेत्र में 2,000 और ग्रामीण क्षेत्र में 1,000 रुपये मिनिमम बैलेंस जरूरी है। वहीं एचडीएफसी बैंक में यह राशि क्रमश: 10 हजार, 5 हजार और 2.5 हजार है।
बचत खातों पर पीएनबी की ब्याज दर
पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अपने बचत खाताधारकों को एक जुलाई से कम ब्याज देगा। बचत खातों में मिलने वाली ब्याज दर में 0.50 फीसदी की कटौती की जानी है। ये कटौती एक जुलाई से लागू होगी।

इसके बाद बैंक के बचत खाते पर अधिकतम 3.25 फीसदी का सालाना ब्याज मिलेगा। पीएनबी के बचत खाते में 50 लाख रुपये तक जमा पर तीन फीसदी सालाना और 50 लाख से ज्यादा जमा पर 3.25 फीसदी सालाना की दर से ब्याज मिलेगा।

बदलेगी रसोई गैस सिलिंडर की कीमत
कल से देश में रसोई गैस सिलिंडर की कीमत भी बदल जाएगी। हर माह की पहली तारीख को देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां इसमें बदलाव करती हैं। इसकी कीमत औसत अंतरराष्ट्रीय बेंचमार्क और विदेशी विनिमय दरों में बदलाव जैसे कारक निर्धारित करते हैं। हर राज्य में टैक्स अलग-अलग होता है और इसके हिसाब से एलपीजी के दामों में अंतर होता है। मौजूदा समय में सरकार एक वर्ष में प्रत्येक घर के लिए 14.2 किलोग्राम के 12 सिलिंडरों पर सब्सिडी प्रदान करती है। अगर ग्राहक इससे ज्यादा सिलिंडर लेना चाहते है, तो वे उन्हें बाजार मूल्य पर खरीदते हैं। 

जून में बढ़ी थी सिलिंडर की कीमत
एक जून को 19 किलोग्राम और 14.2 किलोग्राम वाले गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलिंडर के दाम बढ़े थे। आईओसीएल की वेबसाइट से प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाला गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलिंडर 11.50 रुपये महंगा हुआ था। इसके बाद इसकी कीमत 593 रुपये हो गई थी, जो उससे पहले 581.50 रुपये थी। कोलकाता में इसका दाम 584.50 रुपये से बढ़कर 616 रुपये हो गया था, मुंबई में यह 579 रुपये से बढ़कर 590.50 रुपये हो गया था। वहीं चेन्नई में यह मई में 569.50 रुपये का था, जो एक जून को 606.50 रुपये का हो गया था।

अटल पेंशन योजना में बड़ा बदलाव
अगर आप अटल पेंशन खाताधारक हैं तो आपके लिए ये जानना बहुत जरूरी है कि एक जुलाई से सरकार ने अटल पेंशल योजना में क्या बदलाव करने का एलान किया है। एक जुलाई से अटल पेंशन योजना के खातों में से मासिक योगदान का ऑटो डेबिट होना शुरू हो जाएगा।

पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने बैंकों को अटल पेंशन योजना के ऑटो डेबिट को 30 जून तक रोकने का निर्देश दिया था। जिसके आधार पर अब एक जुलाई से ऑटो डेबिट सुविधा एक बार फिर शुरू हो जाएगी। दरअसल अप्रैल में पीएफआरडीए ने कोरोना वायरस को देखते हुए ये फैसला लिया था।

इस स्कीम के तहत ज्यादातर सब्सक्राइबर्स समाज के निचले तबके के हैं और कोरोना के बीच लॉकडाउन की वजह से ये लोग ज्यादा संकट का सामना कर रहे हैं। पीएफआरडीए के हाल ही के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि जुर्माने का ब्याज उस स्थिति में नहीं लगेगा, जब सब्सक्राइबर की पेंशन स्कीम अकाउंट को 30 सितंबर 2020 से पहले नियमित किया जाता है। 

सामान्य तौर पर बैंकों की ओर से योगदान में देरी होने पर जुर्माना इकट्ठा किया जाता है। अटल पेंशन स्कीम के आधिकारित बेवसाइट के अनुसार इसमें 100 रुपये प्रति महीने तक पर एक रुपये प्रति महीने का चार्ज है। इसके अलावा 101 रुपये और 500 रुपये के बीच पर दो रुपये प्रति महीना है।

501 रुपये और 1000 रुपये के बीच योगदान होने पर पांच रुपये प्रति महीने का जुर्माना है। 1,001 रुपये को पार करने पर दस रुपये प्रति महीने का जुर्माना लगेगा। 
सबका विश्वास योजना का नहीं मिलेगा लाभ
सर्विस टैक्स और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क से जुड़े पुराने लंबित विवादित मामलों के समाधान के लिए पेश की गई सबका विश्वास योजना के भुगतान की आखिरी तारीख 30 जून है। एक जुलाई यानी कल से आप इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे। सबका विश्वास योजना टैक्स विवाद की हर परेशानी का समाधान है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 30 जून के बाद वो इस स्कीम की डेडलाइन नहीं बढ़ाएगी।

इस संदर्भ में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्कर बोर्ड (CBIC) ने ट्वीट कर जानकारी दी थी। इस स्कीम के तहत 90,000 करोड़ रुपये के 1.9 लाख डिक्लेरेशन फाइल किए गए हैं। अगर 30 जून 2020 तक भुगतान नहीं किया तो योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

किसान सम्मान निधि में पंजीकरण 
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत मोदी सरकार की तरफ से हर साल किसानों को 2000 रुपये की तीन किस्तों में 6000 रुपये दिए जाते हैं। अब तक पांच किस्तें किसानों को भेजी जा चुकी हैं। योजना में 30 जून तक पंजीकरण करा सकते हैं। अगर 30 जून तक वह ओवदन कर देते हैं और उनका आवेदन स्वीकार हो जाता है तो जुलाई में आपको 2000 रुपये मिलेंगे और साथ में अगस्त में भी आपको दूसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये और मिल जाएंगे।
म्यूचुअल फंड की खरीद पर लगेगी स्टांप ड्यूटी
एक जुलाई से म्यूचुअल फंड खरीदने पर निवेशकों को उस पर स्टांप ड्यूटी भी देनी होगी। चाहे आप सिस्टेमेटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) और सिस्टेमेटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) के जरिए भी म्यूचुअल फंड में पैसा लगा रहे हो, तब भी आपको स्टांप ड्यूटी देनी होगी।

हालांकि म्यूचुअल फंड की निकासी पर निवेशकों को स्टांप ड्यूटी नहीं देनी होगी। यह स्टांप ड्यूटी डेट और इक्विटी सभी तरह के म्यूचुअल फंड पर लगेगी। स्टाम्प ड्यूटी लगने का असर सबसे ज्यादा डेट फंड पर देखने को मिलेगा। 

म्यूचुअल फंड की खरीद पर 0.005 फीसदी की दर से स्टांप ड्यूटी लगेगी। इसके अलावा म्यूचुअल फंड की यूनिट्स को डीमैट अकाउंट से ट्रांसफर करने पर 0.015 फीसदी की स्टांप ड्यूटी लगेगी। स्टांप ड्यूटी के लगने से 90 दिन और इससे कम अवधि वाले होल्डिंग पर ज्यादा असर पड़ेगा।

डिविडेंड रिइंवेस्टमेंट के लिए स्टांप ड्यूटी डिविडेंड की राशि पर टीडीएस घटाने के बाद लगेगी। डिविडेंड खरीदने पर स्टांप ड्यूटी खरीद की राशि पर लगेगी जो ट्रांसफर चार्ज से कम होगी। उदाहरण के लिए समझें कि मान लीजिए आपने एक लाख रुपये की राशि की खरीद की है और उस पर 100 रुपये ट्रांजेक्शन चार्ज लगा तो शुद्ध खरीद की लागत हो गई 1,00,100 रुपये लेकिन स्टांप ड्यूटी सिर्फ खरीद की राशि यानि कि एक लाख रुपये पर लगेगी 1,00,100 पर नहीं और 0.005 की दर से इसका खर्च पांच रुपये होगा।

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