कोरबा@M4S:आज के दौर में जहां युवाओं को सबसे ऊर्जावान, फिट और हेल्दी माना जाता है, वहीं बदलती जीवनशैली और खानपान की आदतों ने उन्हें भी गंभीर बीमारियों के घेरे में ला खड़ा किया है। इसका सबसे बड़ा कारण बदली लाइफस्टाइल ही है।
जिले में चिकित्सकों के मुताबिक एक वक्त था जब शुगर, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां उम्र के ढलान के साथ शुरू होती थी, लेकिन अब व्यस्तता के चलते लोगों की जीवनचर्या ही बदल गई है। ऐसे में वृद्ध ही नहीं, बल्कि युवा वर्ग भी शुगर जैसे गंभीर रोग से ग्रसित हो रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार ओपीडी में हर रोज बड़ी संख्या में मरीज बीपी के पहुंच रहे हैं। इसमें बुजुर्ग के अलावा युवा वर्ग के लोग शामिल हैं। डॉक्टरों के अनुसार बीपी होने के कई कारण है। अनियमित जीवन शैली, तनाव अधिक होना तथा पर्याप्त नींद नहीं लेना भी आमंत्रण है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो स्थिति साफ दिखाई देगी। रोज 20 से 25 नए मरीज शुगर की जद में आ रहे हैं। जिसमें इस बीमारी की चपेट में युवा से लेकर बुजुर्ग आ रहे है। लोग लाइफ स्टाइल में बदलाव सहित मेडिसिन आदि से वह अपने आपको फिट रख सकते है। चिकित्सकों के अनुसार 18 साल से ऊपर के युवाओं को भी 2 या 5 साल में एक बार बीपी का टेस्ट अवश्य करना चाहिए। साथ ही 40 साल से ऊपर वालों को साल में एक बार चेक कराना ही चाहिए। यह इंटरनेशनल गाइडलाइन है।
हाइपरटेंशन के ये कारण
लाइफ स्टाइल: लोगों की सुविधा भोगी जीवन शैली, खासतौर से शहरी इलाके में इससे ज्यादा लोग चपेट में आ रहे हैं।
अनुवांशिकी: इसके अलावा यह बीमार अनुवांशिकी भी होती है। माता-पिता के अलावा दोनों परिवार में किसी अन्य को होना भी कारण है।
नशा: नशा लेने वालों में हारपरटेंशन के ज्यादा मामले आ रहे हैं। इसमें तंबाकू, शराब सहित सभी तरह के नशा शामिल है।
जागरूकता: लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की कमी है। इसे समझ ले तो आधे से ज्यादा केस में दवा की जरूरत नहीं पड़ेगी।
तनाव ज्यादा व नींद की कमी: इसे हाइपरटेंशन का बढ़ा कारण माना जा रहा है। पारिवारिक वजह तनाव की एक बड़ी वजह है।
ब्लड प्रेशर की श्रेणियां
श्रेणी सिस्टोलिक डायस्टोलिक
सामान्य 120 से कम 80 से कम
बड़ा हुआ 120-129 तक 80 से कम
हाई स्टेज-1 130-139 तक 80-89 तक
हाई स्टेज-2 140 या ज्यादा 90 या ज्यादा