बिजलीकर्मियों की हड़ताल श्रम न्यायालय ने किया अवैध घोषित

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रायपुर@M4S: श्रम न्यायालय रायपुर ने बिजलीकर्मियों के संगठन छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संघ के 10 मार्च के प्रस्तावित एक दिवसीय सामूहिक अवकाश व विरोध प्रदर्शन को अवैध घोषित कर दिया है। न्यायालय ने आज 7 मार्च की शाम को जारी आदेश में संघ व्दारा प्रस्तावित 10 मार्च को एकदिवसीय सामूहिक अवकाश तथा 17 मार्च से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन निषेधित किया है।

छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी के मुख्य अभियंता (मानव संसाधन) श्री एएम परियल ने बताया कि माननीय श्रम न्यायालय – 01 रायपुर, श्रीमती विभा पांडेय के कोर्ट में संघ के 10 मार्च के एक दिवसीय सामूहिक अवकाश व विरोध प्रदर्शन तथा 17 मार्च से क्षेत्रीय व मुख्यालय स्तर पर अनिश्चितकालीन सामूहिक धरना प्रदर्शन पर स्थगन देने की अपील की गई थी। पॉवर कंपनी ने छत्तीसगढ़ औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 10 (4) के अंतर्गत वाद प्रस्तुत किया, जिसमें बताया गया कि प्रस्तावित हड़ताल से विद्युत आपूर्ति बाधित होगी तथा सामान्य जनजीवन प्रभावित होगा और जनसामान्य को समस्याओं से जूझना पड़ेगा। इससे अपूरणीय क्षति होने की आशंका है।

श्रम न्यायालय ने मामले की त्वरित सुनवाई करते हुए हड़ताल को अवैध घोषित किया है। पॉवर कंपनी के मानव संसाधन विभाग ने परिपत्र जारी करके विद्युत आपूर्ति जैसी लोकोपयोगी व अत्यावश्यक सेवा में कार्य की निरंतरता को बनाये रखने की अपील की है। परिपत्र में कहा गया है कि यदि कर्मचारी प्रदर्शन या हड़ताल में शामिल होता है तो छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के अनुसार यह कदाचरण की श्रेणी में आएगा और उन पर अनुशासनात्मक कार्रवार्ई की जाएगी

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