कोरबा@M4S: राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के डीएसपीएम संयंत्र में बार-बार खराबी आने का सिलसिला बना हुआ है। जिससे अधिकारियों का टेंशन बढ़ी हुई है।
डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ताप विद्युत संयंत्र की 250 मेगावाट क्षमता की एक नंबर इकाई के बार- बार बंद होने से उच्च प्रबंधन चितिंत हो उठा है। विद्युत उत्पादन कंपनी के कोरबा पूर्व स्थित 500 मेगावाट के डीएसपीएम संयंत्र में 250-250 मेगावाट की दो इकाई लगी हैं। इसमें एक नंबर इकाई के टरबाइन में खराबी आने से पिछले माह 26 दिन के लिए बंद हो गई थी। अप्रैल के द्वितीय सप्ताह में इस इकाई को चालू किया गया, पर 15 दिन के अंदर इकाई तीन बार बंद हो चुकी है। इससे इकाई के मेटेनेंस पर सवाल उठने लगे हैं। शनिवार को इकाई बंद होने पर रायपुर मुख्यालय से एमडी एसके कटियार कोरबा पहुंचे थेद्य। रविवार को संयंत्र का निरीक्षण करने के साथ ही उन्होंने अधिकारियों के साथ इकाई में आ रही खराबी के संबंध में चर्चा की। बताया जा रहा है कि इस दौरान अधिकारियों से स्पष्ट कह दिया कि संयंत्र में पर्याप्त स्टाफ है और इनके सहारे ही संयंत्र को चलाना है। इसलिए आपसी सामंजस्य बना कर काम किया। ताकि इकाई में बार- बार खराबी न आए। उन्होंने कहा कि इस संयंत्र ने कई रिकार्ड बनाए हैं और राष्ट्रीय स्तर पर स्थान बनाया है। इसलिए पुन: इस स्थान पर काबिज होना है, तो बेहतर ढंग से इकाइयों का परिचालन करना होगा। एमडी कटियार ने एचटीपीपी संयंत्र का भी निरीक्षण कर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
मांग पहुंच चुकीहै 5700 मेगावाट
गर्मी में बिजली की मांग बढ़ जाती है और इस वर्ष अधिकतम मांग 5700 मेगावाट तक पहुंच चुकी है। हालांकि वर्षा होने की वजह से राज्य में बिजली की मांग में कमी आई है। बढ़ी हुई मांग को पूरा करने के लिए कंपनी ने पंजाब से 200 मेगावाट एक्सचेंज के तहत बिजली ली है। डीएसपीएम संयंत्र के बार- बार बंद होने से परिचालन पर सवाल उठने लगे हैं।
KORBA NEWS:विद्युत संयंत्र में बार-बार आ रही खराबी, बिजली उत्पादन हो रहा प्रभावित
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