कोरबा@M4S:कोल इंडिया अपने अनुषंगी कंपनियों के उत्पादन प्रदर्शन के आधार पर टॉप 35 खदानों की सूची तैयार करती है। अब तक के उत्पादन में एसईसीएल की तीन मेगा परियोजनाओं में टॉप 3 में जगह बनाए हुई है। तीनों खदानों कोरबा जिले की हैं। इन खदानों में विश्व की सबसे बड़ी कोयला खदान गेवरा, कुसमुंडा और दीपका मेगा परियोजना शामिल हैं। एसईसीएल की कुल 5 खदानें सूची में है, जिनमें मानिकपुर और रायगढ़ की छाल ओपन कास्ट शामिल है।
कोल इंडिया की सुपर 35 खदानों की सूची में पहले स्थान पर गेवरा ओपनकास्ट है। दूसरे स्थान पर कुसमुंडा ओपन कास्ट है। तीसरे स्थान पर दीपका ओपन कास्ट ने जगह बनाई है। इसके अलावा सूची में कोरबा एरिया की मानिकपुर ओपन कास्ट भी शामिल है। 32वें पायदान पर मौजूद मानिकपुर खदान से लक्ष्य से अधिक कोयला उत्पादन किया जा चुका है। इसके अलावा एसईसीएल की एक अन्य खदान रायगढ़ की छाल ओपन कास्ट है। सूची में छाल ओसी का 31वां स्थान है। इसके अलावा सर्वाधिक खदानें महानदी कोलफिल्ड की है। सुपर 35 में एमसीएल की 13 खदानों ने जगह बनाई है। टॉप थ्री के बाद चौथे व पांचवे स्थान पर एमसीएल की एलबीएल इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट व भुबनेश्वरी ओपन कास्ट माइन शामिल है। एमसीएल के अलावा सूची में एमसीएल की 8, सीसीएल की 4, ईसीएल और बीसीसीएल की 2-2 और डब्ल्यूसीएल की 1 खदान शामिल है। वित्तीय वर्ष में किए गए कोयला उत्पादन के आधार पर टॉप 35 खदानों की सूची अपडेट होती है। अब तक की स्थिति में कोरबा जिले की मेगा परियोजनाओं ने अपना सर्वश्रेष्ठ पायदान कायम रखा है। गत वर्ष के कोयला उत्पादन में जिले की तीनों मेगा परियोजनाओं ने बेहतर प्रदर्शन किया था। टॉप 35 की सूची में एसईसीएल की तीनों खदानें टॉप 3 में शामिल थी। इस बार भी गेवरा, कुसमुंडा और दीपका ने अपना प्रदर्शन बरकरार रखते हुए सूची में अपनी जगह सुरक्षित रखी है। माना जा रहा है कि ऐसा ही प्रदर्शन होता रहा तो टॉप 3 में तीनों खदानें बरकरार रहेंगी। हालांकि एमसीएल की खदानों से मुकाबला बना रहेगा।
कोल इंडिया की सुपर 35 लिस्ट में कोरबा की खदानों का दबदबा कायम मेगा परियोजनाओं ने टॉप 3 में बनायी है जगह
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