नई दिल्ली(एजेंसी):कोलकाता में डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के आरोपी संजय रॉय का नार्को टेस्ट नहीं होगा। मामले की जांच कर रही सीबीआई को नार्को टेस्ट की अनुमति नहीं मिली। जांच एजेंसी ने बंगाल की सियालदाह कोर्ट में आरोपी के नार्को टेस्ट के लिए याचिका दायर की थी। हालांकि, संजय ने खुद इसकी इजाजत देने से मना कर दिया, जिसके बाद अदालत ने इसकी मंजूरी नहीं दी।
आरोपी संजय रॉय ने नहीं दी अनुमति
दरअसल, सीबीआई संजय रॉय का पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद अब नार्को एनालिसिस टेस्ट कराने की तैयारी की थी। लिहाजा, जांच एजेंसी ने नार्को टेस्ट की अनुमति के लिए सियालदह कोर्ट में अपील की थी। इसके तहत शुक्रवार को आरोपी को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, लेकिन उसने मजिस्ट्रेट के सामने नार्को टेस्ट के लिए अपनी सहमति नहीं दी, जिसके बाद कोर्ट ने सीबीआई की अर्जी को खारिज कर दिया।
नार्को टेस्ट से खुलता रेप और हत्या का राज!
नार्को टेस्ट कराने का उद्देश्य यह जांचना था कि क्या आरोपित संजय रॉय सच बोल रहा है। नार्को एनालिसिस टेस्ट से एजेंसी को उसके बयान की पुष्टि करने में मदद मिलती
सीबीआई के अधिकारी के मुताबकि नार्को एनालिसिस टेस्ट के दौरान व्यक्ति के शरीर में सोडियम पेंटोथल नाम की दवा इंजेक्ट की जाती है, जो उसे सम्मोहन की स्थिति में ले जाती है और उसकी कल्पना को बेअसर कर देती है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों में आरोपी सही जानकारी देता है।
व्यक्ति की सहमति जरूरी
बता दें कि नियमों के मुताबिक, नार्को टेस्ट के लिए आरोपी व्यक्ति की सहमति लेना भी जरूरी होता है। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि नार्को एनालिसिस, ब्रेन मैपिंग और पॉलीग्राफ टेस्ट किसी भी व्यक्ति की सहमति के बिना नहीं किए जा सकते।