नई दिल्ली(एजेंसी):यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा परिणाम की चर्चा हर साल देश भर में होती है। परिणाम, जब भी घोषित किए जाते हैं तो अमूमन हर कोई जानना चाहता है कि किस राज्य के और किस बैकग्राउंड के कैंडिडेट्स ने इस एग्जाम में टॉप किया है या फिर सफल हुए हैं। लेकिन कभी आपने सोचा है कि सबसे पहले इस परीक्षा में किसने सफलता पाई थी। कौन था देश का पहला आईएएस अफसर। इसके साथ ही कब शुरू हुई थी यूपीएससी की पहली परीक्षा। आइए जानते हैं।
अंग्रेजों ने की थी इस परीक्षा की शुरुआत
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की शुरुआत यूं तो अंग्रेजी के द्धारा की गई थी। उन्होंने साल 1855 में इसकी शुरुआत की थी, उस वक्त तक इस सेवा पर ज्यादातर ब्रिटिश हुकुमत का ही ज्यादातर अधिकार था।
1922 में भारत पहली बार आयोजित हुई परीक्षा
देश के सर्वोच्च प्रशासनिक पदों पर सेवाएं देने का मौका देने वाली संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा (CSE) की शुरुआत देश में साल 1922 में हुई थी। पहले इस परीक्षा को इंडियन इंपेरियल सर्विस के नाम से जाना जाता था। हालांकि, बाद में यह परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग के नाम से जानी जाने लगी।
सत्येंद्र नाथ टैगोर थे पहले भारतीय
देश के पहले IAS अफसर का नाम सत्येंद्र नाथ टैगोर थे। सत्येंद्र नाथ कोलकाता से ताल्लुक रखते थे। वह प्रेजिडेंसी कॉलेज के छात्र थे। आईएएस अफसर के परिवार में उनकी पत्नी जनांदनंदनी टैगोर, बेटा सुरेंद्र नाथ टैगोर और बेटी इंदिरा देवी थी।
कोलकाता से ताल्लुक रखते थे टैगोर
पहली बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस बनने वाले सत्येंद्र नाथ टैगोर एक कवि भी थे। उन्होंने बांग्ला और इंग्लिश में कई किताबें भी लिखीं थीं। सत्येंद्रनाथ टैगोर का जन्म 1 जून 1842 को कोलकाता में हुआ था। सत्येंद्रनाथ टैगोर, रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) के बड़े भाई थे। सत्येंद्र नाथ टैगोर के बाद चार अन्य भारतीयों ने भी इस परीक्षा में सफलता पाई थी।