कोरबा@M4S: कोरबा सांपों की नगरी बनती जा रही है। इसके लिए वन विभाग इनके संरक्षण की दिशा में भी काम कर रहा है। किंग कोबरा रहवास क्षेत्र बनाया जा रहा है। मगर इस रहवास क्षेत्र पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि केंद्र सरकार की प्रस्तावित कोल ब्लॉक नीलामी की सूची में किंग कोबरा का रहवास क्षेत्र भी शामिल है।
कोयला मंत्रालय द्वारा कॅमर्शियल माइनिंग के सातवें दौर के तहत 103 कोल ब्लॉक्स को नीलामी के लिए सूचीबद्ध किया गया है। इन खदानों की नीलामी 24 जुलाई से प्रारंभ होगी। नीलामी की सूची में छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में स्थित छह कोल ब्लॉक्स सम्मिलित हैं। इनमें दो कोल ब्लॉक ऐसे हैं, जो किंग कोबरा का रहवास क्षेत्र है।
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कोल ब्लॉक्स के अस्तित्व में आने से वन्य जीव संरक्षण के तहत संरक्षित प्राणियों की सूची में आने वाला किंग कोबरा खतरे में पड़ जाएगा। सूचीबद्ध किए गए कोल ब्लॉक में 23 छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित हैं। इन 23 में छह कोल ब्लॉक्स बरपाली- करमीटिकरा, बताती कोल्गा ईस्ट, बताती कोल्गा नॉर्थ ईस्ट, जिल्गा बरपाली, कोरकोमा, फतेहपुर साउथ कोरबा जिले में है। ये सभी कोल ब्लॉक्स कोरबा वन मंडल क्षेत्र में स्थित हैं।इसमें बताती कोल्गा ईस्ट और बताती कोल्गा नॉर्थ ईस्ट कोल ब्लॉक उस इलाके में समाहित, जो किंग कोबरा यानी नागराज के रहवास के लिए जाना जाता है। प्रस्तावित उक्त दोनों कोल ब्लॉक्स के दायरे में ग्राम कोल्गा, सराईडीह, मदनपुर, चचिया, पसरखेत, धौराभाठा स्थित है। बीते 10 सालों से इस क्षेत्र में किंग कोबरा का मूवमेंट बना हुआ है। 15 फीट तक लंबाई वाले किंग कोबरा देखे गए हैं।
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कई दफे इसे रेस्क्यू कर घने जंगल में छोड़ा गया है। बताती कोल्गा ईस्ट कोल ब्लॉक का 67 फीसदी एरिया वन क्षेत्र है। जबकि बताती कोल्गा नॉर्थ ईस्ट कोल ब्लॉक का 70 प्रतिशत क्षेत्र वन आच्छादित है। दोनों कोल ब्लॉक के दायरे में ही किंग कोबरा बहुतायत संख्या में उपलब्ध हैं। किंग कोबरा वन्य जीव संरक्षण के तहत संरक्षित प्राणियों में आता है। कोरबा वन मंडल द्वारा किंग कोबरा की मौजूदगी को देखते हुए पसरखेत बेल्ट को संरक्षित करने का काम कर रहा है। यदि इस इलाके में कोयला खदानें शुरू होती हैं तो वन के साथ वन्य प्राणी भी प्रभावित होंगे। न केवल किंग कोबरा बल्कि अन्य प्रजातियों के सांपों की भी यहां बड़ी संख्या में मौजूदगी है। यह पूरा क्षेत्र हाथियों के मूवमेंट वाला भी है। कोल्गा और पसरखेत के ग्रामीण प्रस्तावित कोयला खदानों का विरोध कर रहे हैं। सर्प मित्र कहते हैं किंग कोबरा का व्यवहार अन्य सांपों से अलग होता है। वे झाडिय़ों में पत्तों का ढेर रूपी घोसला बनाकर रहते हैं। इस क्षेत्र में कोयला खदानों के शुरू होने से किंग कोबरा सहित अन्य वन्य प्राणियों पर खतरा मंडराएगा। राज्य सरकार को चाहिए कि इस इलाके में कोल ब्लॉक्स न खुलने दे।