Retirement Planning करते वक्त इन बातों का रखें ध्यान, बुढ़ापे में नहीं होगी पैसों की किल्लत

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नई दिल्ली(एजेंसी):उम्र के साथ तजुर्बा बढ़ता है, शक्ति नहीं। आप अपने युवा अव्स्था में पैसे कमाने के लिए जिस तरह तेजी और शक्ति के काम करते हैं उस तरह आप एक वक्त के बाद नहीं कर सकतें क्योंकि शरीर में उम्र बढ़ने के साथ-साथ उर्जा कम होती जाती है।ऐसे में जरूरी है कि आप सही से अपनी रिटयारमेंट की प्लानिंग करें ताकि जब आप काम ना कर पाएं तो उस वक्त आपके पास पैसे की कमी ना हो और आपकी इनकम आती रहे। सामान्य तौर पर एक व्यक्ति 60 की उम्र के बाद रिटायर होता है, लेकिन उसके बाकी के जीवन के लिए खर्च बढ़ जाते हैं। आज हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि आपको अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग करते वक्त किन चीजों का ख्याल रखना चाहिए।

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जरूरी चीजों पर दें ध्यान

रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए आपको सबसे पहले अपने स्वास्थ्य के बारे में सोचना चाहिए क्योंकि वृद्धावस्था में शरीर में कई तरह की बिमारी घर कर लेती है, जिसके लिए जरूरी है कि आप अपने हेल्थकेयर के बारे में सोचें। साथ-साथ ही साथ यह भी सोचें की आपके रिटायरमेंट तक महंगाई का क्या हाल होगा, क्या आपने जो अपना रिटायरमेंट फंड बनाया है वो उस वक्त आपके खर्च वहन कर पाएगा, इसके बारें में जरूर सोचना चाहिए।

इसके अलावा अगर आप भविष्य में होने वाले खर्च जैसे अपने बच्चों की शिक्षा और उनकी शादी के खर्च के लिए भी फंड इक्ट्ठा करें।

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इन दो तरह से करें प्लानिंग

रिटायरमेंट प्लानिंग करते वक्त आप यह ध्यान में रखें की आपको पैसे से पैसा बनाना है। यानी आपको निवेश किए पैसों को कंपाउंडिंग की पावर के जरिए हर दिन अपने फंड को बढ़ना है। आप अपने फंड को व्यवस्थित निवेश योजना (Systematic Investment Plan(SIP)) के जरिए बढ़ा सकते हैं। आप अपने निवेश का एक बड़ा हिस्सा एसआईपी के डाल कर अपने पैसों को कंपाउंडिंग की पावर से बढ़ा सकते हैं।

इसके बाद आपका अगल टारगेट रिटायरमेंट के बाद अपने मासिक खर्च को पूरा करने का होना चाहिए। इसके लिए आप सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान यानी SWP में निवेश कर सकते हैं। एसडब्ल्यूपी के जरीए आप अनुशासित तरीके से हर महीने निकासी करते हैं। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आप अपने म्युचुअल फंड को महीने की किसी एक तारीख पर एक तय राशि डेबिट करने की अनुमति देनी होगी जिसके बाद उतना पैसा आपके खाते में आ जाएगा।

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कंपाउंडिंग से कैसे मिलेगा फायदा?

SWP के जरिए फंड की निकासी के बाद आपके पास जो फंड बचेगा उसके उपर भी आपके पैसे बढ़ते रहेंगे जिससे आपको फायदा होगा। कम पैसे को ज्यादा बनाना ही कंपाउंडिंग की ताकत होती है।

टैक्स में मिलता है लाभ

SWP से पैसा निकासी के बाद आपके मूलधन और आपके लाभ का एक हिस्सा आपको लौटा दिया जाता है जिसपर कोई टैक्स नहीं देना होता है। लेकिन अगर आप किसी इक्विटी या हाइब्रिड फंड पैसे निकाल रहे हैं तो आपको प्रॉफिट पर 10 फीसदी का टैक्‍स देना होता है।

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