नई दिल्ली(एजेंसी):सनातन धर्म में जन्माष्टमी (Janmashtami 2020) का विशेष महत्व है। श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। जन्माष्टमी को भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार 12 अगस्त 2020 को पड़ रहा है। जन्माष्टमी के दिन लोग श्रीकृष्ण को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए उपवास रखते हैं। जन्माष्टमी पर उनके बाल-गोपाल के लिए झूले भी सजाए जाते हैं।
आज हम आपको बता रहे हैं श्रीकृष्ण के जीवन से जुड़ी कुछ अनजानी और रहस्यमयी बातें, जिन्हें हर कान्हा भक्त को पता होना चाहिए।
1. कहते हैं कि भगवान कृष्ण की परदादी ‘मारिषा’ और सौतेली मां रोहिणी (बलराम की मां) ‘नाग’ जनजाति की थीं।
2. भगवान श्रीकृष्ण के धनुष का नाम शारंग और चक्र का नाम सुदर्शन था। वह लौकिक, दिव्यास्त्र व देवास्त्र इन तीनों ही रुपों में कार्य कर सकता था।
3. भगवान श्रीकृष्ण अंतिम वर्षों के अलावा कभी भी 6 महीने से ज्यादा द्वारिका में नहीं रहे।
4. कहते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी शिक्षा उज्जैन के संदीपनी आश्रम में कुछ ही महीनों में पूरी कर ली थी।
5. भगवान कृष्ण के रथ का नाम जैत्र था। उनका सारथी दारुक/बाहुक था। उनके अश्वों (घोड़ों) के नाम शैव्य, मेघपुष्प, बलाहक और सुग्रीव थे।
6. कहते हैं कि भगावन कृष्ण ने दो नगरों की स्थापना की या करवाई थी। द्वारका (पहले कुशावती) और पांडव पुत्रों से इंद्रप्रस्थ (पहले खांडवप्रस्थ)।
7. कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने केवल 16 वर्ष की आयु में विश्वप्रसिद्ध चाणूर और मुष्टिक जैसे मल्लों का वध किया था।
(नोट-इस आलेख में दी गई जानकारियां धार्मिक आस्थाओं और लौकिक मान्यताओं पर आधारित हैं, जिसे मात्र सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर प्रस्तुत किया गया है।)