एसिडिटी या अपच जैसी समस्या
आमतौर पर ज्यादा खाने या भारी खाने की वजह से ऐसा फील होता है और इसलिए लोग इस गंभीरता से नहीं लेते हैं। हालांकि, हर बार यह सिर्फ खाने की वजह से नहीं होता है। हाई यूरिक एसिड होने की वजह से भी एसिडिटी या अपच जैसी समस्या हो सकती है। दरअसल, जब किडनी सही तरीके यूरिक एसिड को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती, तो पेट पर इसका असर होने लगता है और एसिडिटी, अपच, पेट के ऊपरी हिस्से में सूजन, हल्का मतली जैसी समस्या होने लगती है।
मूड स्विंग और ब्रेन फॉग
अक्सर तनाव, नींद की कमी और मानसिक तौर पर थके होने की वजह से मूड स्विंग और ब्रेन फॉग जैसी समस्या देखने को मिलती है। हालांकि, यह भी शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड का संकेत हो सकता है। हाई यूरिक एसिड अक्सर ब्रेन में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को प्रभावित कर सकता है। यानी कि यह शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर शारीरिक ही नहीं मानसिक सेहत पर भी असर पड़ता है, इसलिए इन लक्षणों को आम समझ अनदेखा न करें।
पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन
आमतौर पर शरीर में विटामिन बी12 की कमी, डायबिटीक न्यूरोपैथी या पिंच हुई नस की वजह से पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होता है। हालांकि, कई बार यह हाई यूरिक एसिड की वजह से भी हो सकता है। यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोड़ों के आस-पास की नसों को परेशान कर सकते हैं, खासकर पैरों में। इसकी वजह से कभी-कभी झुनझुनी, सुन्नता या जलन होती है।
स्किन में खुजली और रेडनेस होना
स्किन एलर्जी के तरह नजर आने वाले त्वचा पर कुछ लक्षण भी हाई यूरिक एसिड का संकेत देते हैं। ड्राई स्किन और स्किन में खुजली या दाने भी हाई यूरिक एसिड की वजह से हो सकते हैं। कई बार शरीर में इसका स्तर बढ़ने पर कभी-कभी त्वचा के नीचे क्रिस्टल जमा हो सकते हैं, जिससे स्किन पर छोटे, खुजली वाले लाल धब्बे या उभार हो सकते हैं।
हल्का बुखार और शरीर में दर्द
लोग अक्सर इसे हल्का वायरल बुखार, एक्सरसाइज के बाद होने वाली तकलीफ या मौसम से जुड़ी थकान समझ सकते हैं। हालांकि, ऐसा भी हाई यूरिक एसिड की वजह से हो सकता है। दरअसल, हमारा इम्यून सिस्टम यूरिक एसिड क्रिस्टल को आक्रमणकारी की तरह मानता है, जिसकी वजह से हल्का बुखार और शरीर में दर्द हो सकता है।