कोरबा@M4S:गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर (कोनी ) का बीएड एवं बीए का फर्जी अंकसूची प्रस्तुत कर शासन की आंखों में धूल झोंककर व्याख्याता (एलबी )के पद पर सेवाएं दे रहे करतला विकासखण्ड के हाईस्कूल लबेद में पदस्थ व्याख्याता एल.बी.लक्ष्मीनारायण राजवाड़े को आखिरकार 3 साल की लंबी जांच एवं आरोप सिद्ध पाए जाने के बाद संचालक लोक शिक्षण संस्थान (डीपीआई)ने शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया है। डीपीआई की इस कार्रवाई के बाद संबंधितों में हड़कम्प मचा है ।
विकासखंड करतला के शासकीय हाई स्कूल लबेद में पदस्थ व्याख्याता (एल.बी.) लक्ष्मी नारायण राजवाड़े के विरुद्ध फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने की शिकायत प्राप्त हुई थी । गुरु घासीदास विश्वविद्यालय कोनी बिलासपुर (छग)द्वारा वर्ष 2008 में लक्ष्मी नारायण राजवाड़े पिता घासीराम राजवाड़े को प्रदाय किए गए बी एड की अंक सूची का सत्यापन कराने हेतु कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा कुल सचिव गुरु घासीदास विश्वविद्यालय कोनी बिलासपुर को 16 मार्च 2020 को पत्राचार किया गया था,कार्रवाई नहीं होने पर 9 मई 2023 स्मरण पत्र प्रेषित किया गया था। उक्त पत्र के परिप्रेक्ष्य में कुल सचिव गुरु घासीदास विश्वविद्यालय कोनी बिलासपुर का 17 मई 2023 को पत्र प्राप्त हुआ। जिसके अनुसार व्याख्याता (एल.बी.) लक्ष्मी नारायण राजवाड़े को वर्ष 2008 में प्रदाय किए गए बीएड की अंकसूची उक्त विश्वविद्यालय से जारी होना नहीं पाया गया। इसी तरह गुरु घासीदास विश्वविद्यालय कोनी बिलासपुर द्वारा लक्ष्मी नारायण राजवाड़े पिता घासीराम राजवाड़े को प्रदाय किए वर्ष 2003 में प्रदाय किए गए बीए की अंकसूची तथा वर्ष 2005 में प्रदाय किए गए एम.ए.(संस्कृत)की अंकसूची का सत्यापन कराने कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा द्वारा 19 फरवरी 2024 को कुल सचिव गुरु घासीदास विश्वविद्यालय कोनी बिलासपुर को पत्र प्रेषित किया गया था। उक्त पत्र के परिप्रेक्ष्य में कुल सचिव गुरु घासीदास विश्वविद्यालय कोनी बिलासपुर का 19 अप्रैल 2024 को पत्र प्राप्त हुआ। जिसके अनुसार व्याख्याता (एल.बी.) लक्ष्मी नारायण राजवाड़े को वर्ष 2003 में प्रदाय किए गए बीए की अंकसूची उक्त विश्वविद्यालय से जारी होना पाया गया,लेकिन 2005 में व्याख्याता (एल.बी.) लक्ष्मी नारायण राजवाड़े को प्रदाय किए गए एम.ए.(संस्कृत)की अंकसूची उक्त विश्वविद्यालय से जारी होना नहीं पाया गया। जिसके संदर्भ में श्री राजवाड़े को अभिलेख सहित अपना पक्ष रखने के लिए 5 जून ,15 जुलाई ,1अगस्त एवं 13 सितंबर को अंतिम अवसर प्रदान करते हुए सुनवाई तिथि 4 अक्टूबर 2024 में निर्धारित की गई थी। उक्त तिथि में श्री राजवाड़े उपस्थित हुए और लिखित प्रतिवाद प्रस्तुत कर अन्य तिथियों में उपस्थित नहीं हो पाने के लिए क्षमा मांगा गया एवं उनके विरुद्ध की गई शिकायत को असत्य एवं निराधार होना बताया गया।
फर्जी बीएड, बीए की अंकसूची के सहारे डेढ़ दशक तक की नौकरी की जांच में खुली पोल लबेद के व्याख्याता को डीपीआई ने किया बर्खास्त

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