कोरबा@M4S:कोरबा से विभिन्न स्थानों तक चलने वाली ट्रेनों के लेटलतीफी का सिलसिला जारी है। ट्रेनों की लेटलतीफी से यात्री खासा परेशान हो चले हैं। परेशान यात्रियों का गुस्सा आज कोरबा रेलवे स्टेशन में फूट पड़ा। रेलवे स्टेश में स्थित यार्ड मास्टर के केबिन में यात्रियों ने जमकर हंगामा किया। यार्ड मास्टर ने ट्रेनों की कंट्रोलिंग पावर नहीं होने की बात कहते हुए अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लिया। मगर इस दौरान परेशान यात्रियों के हंगामे के कारण रेलवे स्टेशन में गहमा-गहमी भरा माहौल बना रहा। उल्लेखनीय है कि कोरबा से चलने वाली यात्री ट्रेनें अपने निर्धारित समय से कई घंटे विलंब से चल रही है। कोरबा से सुबह 8.15 बजे छूटने वाली लोकल ट्रेन 13 नवंबर को दोपहर लगभग 1 बजे बिलासपुर पहुंची थी, जबकि यह ट्रेन के रायपुर पहुंचने का समय है। बिलासपुर पहुंचने का समय सुबह 10.20 बजे है। इसके पूर्व भी ट्रेन एक से डेढ़ घंटे विलंब से चल रही है। कुछ दिनों पूर्व शुरू हुई हसदेव एक्सप्रेस की लेट लतीफी से यात्री खासा परेशान है। रात्रि 10 बजे कोरबा पहुंचने का समय निर्धारित है लेकिन यह ट्रेन 11 से 12 बजे तक कोरबा पहुंच रही है। यही हाल कोरबा से चलने वाली अन्य यात्री ट्रेनों का भी है। छत्तीसगढ़ व शिवनाथ एक्सप्रेस भी विलंब से चल रही है। ट्रेनों की लेटलतीफी से सबसे अधिक परेशानी दैनिक यात्रियों को हो रही है जो हर रोज सरकारी कार्यालय एवं अन्य स्थानों पर नौकरी कर रहे हैं। जिन यात्रियों को चांपा, बिलासपुर व रायपुर से अन्य ट्रेन पकडऩी होती है उनके सामने ट्रेन छूटने की स्थिति पैदा हो गई है। यही कारण है कि आज यात्रियों का गुस्सा रेल कर्मचारियों पर फूट पड़ा। अब देखना होगा कि रेलवे द्वारा यात्रियों को परेशान करने का यह क्रम कब तक चलता रहेगा।