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कोरबा@M4S:आगामी कुछ माह में प्रदेश में विधान सभा चुनाव होने हैं। चुनावी साल में पड़ने वाले त्योहारों में सियासी रंग चढ़ेगा। चुनावी महासमर में इस वर्ष आस्था और भक्ति का रंग सर चढ़कर बोलेगा। कृष्ण जन्माष्टी में इसका नजारा दिख चुका है। गणेश चतुर्थी, दुर्गा नवमी, दशहरा, दीवाली तक यह सिलसिला लगातार चलेगा। भक्ति और आस्था के रंग के जरिए सियासतदारों का लक्ष्य लोगों को साधना और समर्थन प्राप्त करना भी है।
चुनाव के नजदीक आते ही आरोप-प्रत्यारोप और जिंदाबाद के नारों के साथ ही गलियों और सड़कों में भक्ति की गूंज भी दूर तक सुनाई देगी। नेता भी इस बार खुलकर खर्चा करने का मन बना चुके हैं। इसकी वजह से समितियों को राजनीतिक पार्टियों से चंदा भी जमकर मिलेगा। झांकियों में भी भव्यता नजर आने वाली है। राजनीतिक पार्टियां इस बात को बखूबी समझती है कि आस्था और भावनाओं को जोड़कर लोगों के दिलों में जगह बनाई जा सकती है, लिहाजा पंडालों के आस-पास इस बार ज्यादा से ज्यादा मंच बनाए जाएंगे। यहां जनप्रतिनिधियों का आना-जाना लगा रहेगा। शहर में कई ऐसे स्थान तय किए जा रहे हैं, जहां चुनावी साल में पहली बार मूर्तियों की स्थापना होगी। गणेश चतुर्थी के 11 दिन और दुर्गा नवमी के नौ दिनों तक भक्ति का रंग यादगार रहने वाला है। मूर्तियों की स्थापना से लेकर विसर्जन को लेकर बड़ी तैयारियां जिलेभर में देखी जाएगी। पंडालों में जिस तरह से मूर्तियां बनाई जा रही है कि इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि गणेश और दुर्गा प्रतिमाओं का रंग भी छत्तीसगढ़ियां रंग में रंगने वाला है। समितियों की ओर से थीम बताकर प्रतिमाएं बनाई जा रही है। इस बार झांकियों में भी खेत,खलिहान, तीज-त्यौहार और छत्तीसगढ़ी कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इसरो के चंद्रयान और आदित्य एल-1 अभियान की कामयाबी भी झांकियों में नजर आने वाली है।
चुनाव के नजदीक आते ही आरोप-प्रत्यारोप और जिंदाबाद के नारों के साथ ही गलियों और सड़कों में भक्ति की गूंज भी दूर तक सुनाई देगी। नेता भी इस बार खुलकर खर्चा करने का मन बना चुके हैं। इसकी वजह से समितियों को राजनीतिक पार्टियों से चंदा भी जमकर मिलेगा। झांकियों में भी भव्यता नजर आने वाली है। राजनीतिक पार्टियां इस बात को बखूबी समझती है कि आस्था और भावनाओं को जोड़कर लोगों के दिलों में जगह बनाई जा सकती है, लिहाजा पंडालों के आस-पास इस बार ज्यादा से ज्यादा मंच बनाए जाएंगे। यहां जनप्रतिनिधियों का आना-जाना लगा रहेगा। शहर में कई ऐसे स्थान तय किए जा रहे हैं, जहां चुनावी साल में पहली बार मूर्तियों की स्थापना होगी। गणेश चतुर्थी के 11 दिन और दुर्गा नवमी के नौ दिनों तक भक्ति का रंग यादगार रहने वाला है। मूर्तियों की स्थापना से लेकर विसर्जन को लेकर बड़ी तैयारियां जिलेभर में देखी जाएगी। पंडालों में जिस तरह से मूर्तियां बनाई जा रही है कि इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि गणेश और दुर्गा प्रतिमाओं का रंग भी छत्तीसगढ़ियां रंग में रंगने वाला है। समितियों की ओर से थीम बताकर प्रतिमाएं बनाई जा रही है। इस बार झांकियों में भी खेत,खलिहान, तीज-त्यौहार और छत्तीसगढ़ी कला और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी। इसरो के चंद्रयान और आदित्य एल-1 अभियान की कामयाबी भी झांकियों में नजर आने वाली है।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए पहुंचेंगे नेता
इस धार्मिक उत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए नेता लोगों से रू-ब-रू होंगे। इसके लिए प्रदेशभर के कला, संस्कृति और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए टीमों से बातचीत शुरू हो चुकी है। गरबा उत्सव अलग रंग में दिखेगा। इवेंट की फंडिंग के लिए कई नेता आगे आ रहे हैं।