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नई दिल्ली(एजेंसी): गर्मियों में ठंडा-ठंडा खीरा खाने का मजा ही कुछ और होता है। सलाद हो या रायता, खीरा हर प्लेट में ताजगी भर देता है, लेकिन अगर वही खीरा कड़वा निकल जाए, तो सारा स्वाद बिगड़ जाता है और कई बार पाचन पर भी बुरा असर पड़ सकता है।क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि अगर खीरे के कड़वेपन को खरीदने से पहले ही पहचाना जा सके, तो कितना अच्छा हो? तो लीजिए, हम लाए हैं आपके लिए 5 आसान ट्रिक्स (Simple tricks to avoid bitter cucumber), जिनसे आप बाजार में ही पहचान सकते हैं कि खीरा मीठा और फ्रेश है या कड़वा और खराब।
रंग और बनावट से पहचानें
जब भी खीरा खरीदें, उसका रंग ध्यान से देखें।
अगर खीरा बहुत गहरे हरे रंग का और चमकदार है, तो वो फ्रेश होता है।
अगर उसका रंग हल्का पीला, सफेद या धब्बेदार हो रहा है, तो वो खीरा ज्यादा पका या खराब हो सकता है और अक्सर ऐसा खीरा कड़वा भी होता है।
खीरे के सिरों पर ध्यान दें
खीरे का अगला और पिछला सिरा, यानी दोनों किनारे देखने बहुत जरूरी हैं।
अगर सिरा बहुत सख्त या सूखा लग रहा है, तो वो खीरा ज्यादा पुराना हो सकता है।
ताजे खीरे के सिरे हल्के नम और नरम होते हैं।
याद रखें, कई बार खीरे का कड़वापन सिरों में ही ज्यादा होता है।
जब भी खीरा खरीदें, उसका रंग ध्यान से देखें।
अगर खीरा बहुत गहरे हरे रंग का और चमकदार है, तो वो फ्रेश होता है।
अगर उसका रंग हल्का पीला, सफेद या धब्बेदार हो रहा है, तो वो खीरा ज्यादा पका या खराब हो सकता है और अक्सर ऐसा खीरा कड़वा भी होता है।
खीरे के सिरों पर ध्यान दें
खीरे का अगला और पिछला सिरा, यानी दोनों किनारे देखने बहुत जरूरी हैं।
अगर सिरा बहुत सख्त या सूखा लग रहा है, तो वो खीरा ज्यादा पुराना हो सकता है।
ताजे खीरे के सिरे हल्के नम और नरम होते हैं।
याद रखें, कई बार खीरे का कड़वापन सिरों में ही ज्यादा होता है।
उंगलियों से दबाकर देखें
खीरा खरीदते समय हल्के से उसे उंगलियों से दबाएं।
अगर खीरा बहुत सख्त या बहुत मुलायम लग रहा है, तो समझ जाइए कि कुछ गड़बड़ है।
एक अच्छा खीरा हल्का सा टाइट और क्रिस्पी फील देगा।
बहुत सख्त खीरा भी कड़वा निकल सकता है क्योंकि वो ज्यादा पक चुका होता है।
छोटे और पतले खीरे चुनें
ज्यादातर लोग सोचते हैं कि बड़ा खीरा ज्यादा अच्छा होगा, लेकिन हकीकत इसके उलट है।
बड़े और मोटे खीरे अक्सर ज्यादा पके होते हैं और इनमें कड़वाहट होने की संभावना बढ़ जाती है।
हमेशा छोटे, पतले और एक जैसे आकार वाले खीरे चुनें – ये ताजगी और स्वाद में बेहतर होते हैं।
सूंघ कर भी लगाएं अंदाजा
जी हां, खीरे को सूंघना भी एक पुरानी लेकिन कारगर ट्रिक है।
एक फ्रेश खीरे से हल्की सी मिट्टी जैसी खुशबू आती है।
अगर खीरे से कोई तीखी या अजीब गंध आ रही हो, तो हो सकता है वो कड़वा या खराब हो।
अगर घर आ जाए कड़वा खीरा तो…
अगर फिर भी कड़वे खीरे से बच नहीं पाए, तो इन्हें छीलने के बाद सिरों को काटकर हल्का सा रगड़ें। इससे कड़वाहट काफी हद तक कम हो सकती है। ध्यान रहे, कभी भी बहुत कड़वा खीरा न खाएं, इससे पेट में जलन, उल्टी या गैस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
खीरा खरीदते समय हल्के से उसे उंगलियों से दबाएं।
अगर खीरा बहुत सख्त या बहुत मुलायम लग रहा है, तो समझ जाइए कि कुछ गड़बड़ है।
एक अच्छा खीरा हल्का सा टाइट और क्रिस्पी फील देगा।
बहुत सख्त खीरा भी कड़वा निकल सकता है क्योंकि वो ज्यादा पक चुका होता है।
छोटे और पतले खीरे चुनें
ज्यादातर लोग सोचते हैं कि बड़ा खीरा ज्यादा अच्छा होगा, लेकिन हकीकत इसके उलट है।
बड़े और मोटे खीरे अक्सर ज्यादा पके होते हैं और इनमें कड़वाहट होने की संभावना बढ़ जाती है।
हमेशा छोटे, पतले और एक जैसे आकार वाले खीरे चुनें – ये ताजगी और स्वाद में बेहतर होते हैं।
सूंघ कर भी लगाएं अंदाजा
जी हां, खीरे को सूंघना भी एक पुरानी लेकिन कारगर ट्रिक है।
एक फ्रेश खीरे से हल्की सी मिट्टी जैसी खुशबू आती है।
अगर खीरे से कोई तीखी या अजीब गंध आ रही हो, तो हो सकता है वो कड़वा या खराब हो।
अगर घर आ जाए कड़वा खीरा तो…
अगर फिर भी कड़वे खीरे से बच नहीं पाए, तो इन्हें छीलने के बाद सिरों को काटकर हल्का सा रगड़ें। इससे कड़वाहट काफी हद तक कम हो सकती है। ध्यान रहे, कभी भी बहुत कड़वा खीरा न खाएं, इससे पेट में जलन, उल्टी या गैस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।