क्यों हुआ सीजफायर?
दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात बन चुके थे। पाकिस्तान अपनी कायराना हरकतों से बाज नहीं आ रहा था और जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाक को खूब नुकसान पहुंचाया। मगर 10 मई को आखिर ऐसा क्या हुआ कि दोनों देशों ने सीजफायर का एलान कर दिया?
1. एयरबेस की तबाही
2. पाकिस्तान को सताने लगा डर
भारत के द्वारा पाकिस्तानी एयरबेस पर हमले से बौखलाए पाक को रक्षा सूत्रों से खबर मिली कि भारत का अगला निशाना उनके परमाणु कमांड और कंट्रोल इंफ्रास्ट्रक्चर हो सकते हैं। ऐसे में पाकिस्तान ने रावलपिंडी समेत सभी संवेदनशील जगहों की सुरक्षा बढ़ा दी।
पाकिस्तान को डर था कि कहीं भारत उनके परमाणु ठिकानों पर हमला न कर दे। ऐसे में पाकिस्तान ने अमेरिका से मदद मांगी। अमेरिका पहले से दोनों देशों के संपर्क में था। मगर, परमाणु की बात सुनकर अमेरिका भी हड़बड़ी में आ गया। अमेरिका ने तत्परता दिखाते हुए दोनों देशों से तुरंत पीछे हटने के लिए कहा।
4. पाक DGMO ने भारत को किया फोन
अमेरिका ने इस्लामाबाद को बिना किसी देरी के बॉर्डर पर गोलीबारी बंद करने और भारत से बात करने का आदेश दिया। 10 मई की दोपहर को लगभग 03:35 बजे पाकिस्तान के DGMO मेजर जनरल काशिफ अब्दुल्ला ने अपने भारतीय समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई को फोन किया और सीजफायर का ऑफर दिया।
5. पाकिस्तान को दिया मौका
भारत सीजफायर के लिए राजी तो हो गया, लेकिन भारत ने प्रोटोकॉल के बाहर जाकर पाकिस्तान के साथ कोई भी औपचारिक कूटनीतिक और सैन्य वार्ता में शामिल होने से साफ मना कर दिया। भारत कथित रूप से पाकिस्तान के ऊर्जा और आर्थिक लक्ष्यों पर हमले की तैयारी कर रहा था। हालांकि, पाकिस्तान की गुजारिश पर उसे सीजफायर के रूप में एक मौका दिया गया है।
भारत की शर्तों पर हुआ सीजफायर
भारत ने पाकिस्तान से अपनी शर्तों पर सीजफायर किया है। सिंधु जल समझौता अभी भी रद है। साथ ही भारत ने साफ कर दिया है कि भविष्य में कोई भी आतंकवादी हमला भारत के लिए ‘एक्ट ऑफ वॉर’ माना जाएगा।