HOUSE PROPERTY TAX CALCULATION: हाउस प्रॉपर्टी कितना देना होता है टैक्स, जानिए कैसे क्लेम कर सकते हैं डिडक्शन

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नई दिल्ली(एजेंसी):भारत में बहुत से लोग अपनी प्रॉपर्टी से कमाई करते हैं। यहीं उनका सोर्स ऑफ इनकम होता है। हाउस प्रॉपर्टी से होने वाले इनकम पर टैक्स लगाया जाता है। प्रॉपर्टी का जो लीगल ओनर होता है, उसे ही टैक्स देना होता है।

हाउस प्रॉपर्टी में घर, ऑफिस, दुकान या फिर किसी भी तरह की जमीन शामिल होती है। इनकम टैक्स विभाग रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रॉपर्टी को लेकर किसी भी तरह का अंतर नहीं करती है।

कैसे होता है टैक्स का कैलकुलेशन?
क्या है हाउस प्रॉपर्टी के नियम?

इनकम टैक्स रिटर्न में सभी तरह की प्रॉपर्टी पर टैक्स लगाया जाता है। यह इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत लगता है। अगर किसी प्रॉपर्टी को बिजनेस या फिर किस और पेशे के लिए इस्तेमाल किया जाता है, तब उस पर इनकम फ्रॉम बिजनेस एंड प्रोफेशन के तहत टैक्स लगाया जाता है। हाउस प्रॉपर्टी की कैटेगरी में मौजूद प्रॉपर्टी की टैक्सेबल वैल्यू ही उसकी एनुअल वैल्यू होती है।

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