HEALTH TIPS : उम्र बढ़ते ही इन 5 चीजों से बना लें दूरी, जीवनभर रहेंगे सेहतमंद

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नई दिल्ली(एजेंसी):बढ़ते तनाव और गलत ईटिंग हैबिट्स की वजह से आजकल व्यक्ति उम्र से पहले ही बूढ़ा नजर आने लगता है। ऐसे में अगर आपकी उम्र 50 के आस-पास है तो आपको अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आइए आपको बताते हैं बढ़ती उम्र के साथ डाइट में वो कौन से 5 बदलाव हैं जिनकी मदद से आप कोई भी व्यक्ति एक स्वस्थ शरीर पा सकता है।

कच्ची सब्जियां-
उम्र बढ़ने के साथ यदि आपके दांत गिरने लग गए हैं या फिर आपको दांतों में झनझनाहट महसूस होने के साथ सड़न की शिकायत हो रही है तो आपको कच्ची सब्जियों का सेवन करने से बचें। शरीर के लिए जरूरी विटामिन और फाइबर की मात्रा बनाए रखने के लिए हो सके तो इन सब्जियों को उबालकर पहले नरम कर लें। इसके अलावा गाजर, कद्दू जैसी कठोर सब्जियों का सेवन करने की जगह उनका सूप पीएं।

ग्रेप फ्रूट-
आपको जानकर हैरानी होगी कि विटामिन सी, पोटेशियम और स्वाद से भरा यह फल आपकी दवाईयों के असर को प्रभावित कर सकता हैं। यदि आप अगर कोई दवा ले रहे हैं तो इस फल का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह अवश्य लें। उदाहरण के लिए अगर आप हाई ब्लड प्रेशर, तनाव या इनसोमिनया की दवाई ले रहे हैं तो ग्रेपफ्रूट का जूस आपकी दवाओं के असर पर प्रभाव डालेगा।

शराब-
बढ़ती उम्र के साथ शराब के सेवन को कम कर देना चाहिए। इसका अधिक सेवन करने से व्यक्ति को हार्ट अटैक, ब्लड़ प्रेशर और नींद से जुड़ी समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। कई बार तो शराब डायबिटीज से पीड़ित रोगी में हाइपोग्लिसमिया का भी कारण बन जाती है। ऐसे में कई बार शराब का सेवन करने से दवाओं का असर भी प्रभावित होता है।

डेयरी उत्पाद-
बढ़ती उम्र में अक्सर व्यक्ति दूध या उससे बने अन्य डेयरी उत्पादों को पचा नहीं पाता है। ऐसे में शरीर में कैल्शियम और प्रोटीन की कमी को पूरा करने के लिए आप इन डेयरी उत्पादों का कम मात्रा में सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने से आपका पेट भी खराब नहीं होगा।

ज्यादा नमक-
अगर आप उम्र के 50वें पड़ाव पर हैं तो आपको अपनी सेहत का ज्यादा ध्यान रखना होगा। डॉक्टर भी इस उम्र के लोगों को अक्सर यह सलाह देते हैं कि अपने आहार में सोडियम की मात्रा कम रखें। विशेषज्ञों के मुताबिक प्रति दिन व्यक्ति को 2,300 मिली ग्राम तक अपनी सोडियम की मात्रा को सीमित करना चाहिए। डाइट में सोडियम की मात्रा अधिक होने से ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ सकता है जो हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों के जोखिम को भी बढ़ा देता है।

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