नई दिल्ली(एजेंसी):गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) परिषद इन दिनों फर्जी पंजीकरण पर लगाम लगाने के लिये एक के बाद एक बड़ा कदम उठा रही है।
हाल ही में केंद्र और राज्य के जीएसटी अधिकारियों ने फर्जी पंजीकरण के खिलाफ सर्च अभियान भी चलाया था और अब एक बार फिर से फर्जी पंजीकरण पर लगाम लगाने के लिए नियमों को कड़ा करने की खबर सामने आ रही है।
क्या होगा नया नियम?
नए नियम के तहत अब पंजीकरण चाहने वाले व्यक्ति के पैन से जुड़े बैंक खाते की डिटेल टैक्स अधिकारियों के पास जमा करने को लेकर अब मौजूदा समय अवधि को 45 दिनों से घटाकर 30 दिन तक करने की संभावना है।
फिजिकल वेरिफिकेश होगा अनिवार्य
आपको बता दें कि जीएसटी परिषद की 11 जुलाई को होने वाली बैठक में, जीएसटी पंजीकरण देने से पहले ‘उच्च जोखिम’ वाले आवेदकों के कारोबारी परिसर के अनिवार्य रूप से भौतिक सत्यापन (Physical Verification) का प्रावधान कर सकती है।
इसके अलावा जीएसटी नियमों में यह प्रावधान किया जा सकता है कि जिस व्यक्ति के व्यावसायिक परिसर का सत्यापन किया जा रहा है, उसे उस दौरान मौके पर मौजूद नहीं रहना चाहिए।
हाल ही में जीएसटी के अधिकारियों ने की थी कार्रवाई
आपको बता दें कि केंद्र और राज्य जीएसटी अधिकारी इस समय फर्जी रजिस्ट्रेशन को पकड़ने के लिए विशेष अभियान चला रहे हैं।
इसी अभियान के तहत अभी तक जीएसटी अधिकारियों ने 17,000 ऐसे GSTINs पाया जिसका कोई अस्तित्व ही नहीं था। अधिकारियों ने इनमें से 11,015 GSTINs को निलंबित कर दिया और 4,972 को रद्द कर दिया जबकि 15,000 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का भी भांडा फोड़ा।
अभी तक कौन सा चल रहा है नियम?
मौजूदा जीएसटी नियमों के अनुसार, एक पंजीकृत व्यक्ति को पंजीकरण दिए जाने के 45 दिनों की अवधि के भीतर या जिस तारीख को रिटर्न देय है, उसके पैन-लिंक्ड बैंक खाते का विवरण प्रस्तुत करना आवश्यक है, जो पंजीकृत व्यक्ति के नाम पर है।
कानून समिति ने सुझाव दिया कि जीएसटीआर-1 में वस्तुओं या सेवाओं की बाहरी आपूर्ति या चालान प्रस्तुत सुविधा का उपयोग करने की तारीख से समय अवधि को घटाकर 30 दिन कर दिया जाए।