कोरबा@M4S:आज वित्त मंत्री ने फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के लिए पूर्ण बजट प्रस्तुत किया हालांकि की सरकार बारम्बार दावा कर रही है कि देश की इकोनामी तेजी से बढ़ रही है लेकिन उसके मुताबिक नौकरियां पैदा करने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही आज बजट में विकराल होती बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए बजट में कोई खास घोषणा नहीं की गई वहीं टैक्स पेयर्स को इस बजट में भारी उम्मीद थी खास कर सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले और खर्च करने वाले मिडिल क्लास को बहुत ज्यादा राहत नहीं दी गई है इस क्रम में न्यू टैक्स रिजीम में स्टैंडर्ड डिडक्शन 50000 रूपये से बढ़ाकर 75000 रूपये किया गया जो कि ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर है हालांकि न्यू टैक्स रिजीम में टैक्स स्लैब में बदलाव किया गया लेकिन पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है इसी तरह देश के 52 करोड़ असंगठित श्रमिकों और कृषि श्रमिकों के सामाजिक सूरक्षा के लिए बजट मे कोई प्रावधान नहीं किया गया है वहीं केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने मनरेगा का दायरा बढ़ाने और प्रत्येक परिवार को 200 दिन काम की गारंटी देने की मांग की थी पर बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया वहीं कमरतोड़ बेकाबू महंगाई पर काबू करने के लिए बजट मे कोई प्रावधान नहीं किया गया इसी तरह बजट मे कृषि से जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रूपये घोषणा हुई लेकिन किसानों की लगातार मांग मिनिमम सपोर्ट प्राइस(MSP) को लेकर बजट मे कोई घोषणा नही हुई कुल मिलाकर यह बजट अपेक्षाओं की कसौटी पर पूर्ण तरह निराशाजनक है।