गुरुग्राम (एजेंसी):जिंदगी के मानदंड बदल रहे हैं। पहले करियर और बाद में जब चाहें तब बच्चा पैदा करें।..कुछ इस उम्मीद के साथ महिलाएं अपना शुक्राणु फ्रीज (Egg Freezing) करवा रही हैं।डॉक्टरों की रिपोर्ट बताती है कि बड़ी संख्या में युवतियां 25-35 साल की उम्र में शुक्राणु दस साल के लिए सुरक्षित करवा रही हैं और बाद गर्भधारण कर संतान भी प्राप्त कर रही हैं। गुरुग्राम में ही हर साल ऐसी 200 से ज्यादा मामले आ रहे हैं। जिन्होंने अपने अंडाणु को फ्रीज कराया है।
जिन्दगी बहुत तेजी से भाग रही है और इसके साथ प्राथमिकताएं भी बदल रही हैं। हो यूं रहा है.. महिलाएं नौकरी और अपने पैरा पर खड़े होने के दबाव में अंडाणुओं को सुरक्षित करा रही हैं। ताकि एक समय बाद जहां अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।
करियर बनाने के चक्कर में देर से शादी
वहीं मां भी बन सकें। क्योंकि करियर बनाने के चक्कर में महिलाएं और पुरुष दोनों देर से शादी कर रहे हैं। देर से शादी होने पर महिलाओं में अंडाणुओं की संख्या और उनकी क्वालिटी घट जाती है और शिशु में मंदबुद्धिता, आटिज्म सरीखी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे मामलों को देखते हुए महिलाओं ने बीच का रास्ता निकाल रही हैं। यानी ”क्रायोप्रिजर्वेशन” का सहारा लें रही हैं।
क्या है एग फ्रीजिंग?
बिरला फर्टिलिटी एंड आइवीएफ में वरिष्ठ आईवीएफ सलाहकार डॉ. प्राची बेनारा ने बताया कि एग फ्रीजिंग (Egg Freezing) की प्रक्रिया में पहले एक महिला के ओवरीज को हार्मोन देकर कई परिपक्व अंडे बनाने के लिए उत्तेजित किया जाता है, फिर छोटी-सी सर्जिकल प्रक्रिया से अंडों को निकाला जाता है। इ
सके बाद इन्हें फ्रीज करने के लिए लैब में स्टोर किया जाता है, ताकि जब महिला गर्भ धारण करने के लिए तैयार हो, तो अंडों को भविष्य में उपयोग किया जा सके। मानकों के अनुसार अंडों को दस साल तक फ्रीज किया जा सकता है।
हर चौथा दंपती इनफर्टिलिटी का शिकार
वरिष्ठ सलाहकार और प्रमुख नैदानिक डॉ. रचिता मुंजाल बताती हैं कि पांच साल पहले जहां इक्का-दुक्का महिलाएं एग फ्रीजिंग (Egg Freezing) के लिए आती थी। वहीं अब आंकड़ा बढ़कर 10 से 12 पहुंच गया है।
इसमें उच्च मध्यम वर्ग और हाई प्रोफाइल की महिलाएं शामिल हैं। एग फ्रीजिंग के प्रति जागरूकता बढ़ी है। बच्चे और शादी को लेकर महिलाएं अपने करियर को खत्म नहीं करना चाहती हैं। इसके अलावा तलाकशुदा महिलाएं भी।
एम्ब्रियो फ्रीजिंग के लिए आगे आ रहे कपल
विशेषज्ञों की माने तो सोशल लाइफ होने के चलते अब कपल भी एम्ब्रियो फ्रीजिंग के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसे मामलों में दो से तीन प्रतिशत इजाफा हुआ है।
अब कपल बच्चे करने से पहले एकदूसरे को समझना चाहते है।इसी का नतीजा है कि वह एम्ब्रियो फ्रीजिंग का निर्णय ले रहे हैं।
अब हर दंपती के लिए उपयोग हो रही तकनीक
इंट्रासाइटोप्लाज्मिक शुक्राणु इंजेक्शन (आईसीएसआई)- ब्लास्टोसिस्ट – लेजर-असिस्टेड हैचिंग
अंडों की क्वालिटी में सुधार के लिए भी शोध जारी
डॉ. प्राची बताती हैं कि अंडों की क्वालिटी में सुधार के लिए शोध जारी है। आने वाले सालों में प्लेटलेट रिच प्लाज्मा (पीआरपी) से अंडों की क्वालिटी और क्वांटिटी को बढ़ाया जा सकें। हालांकि अभी ऐसा कुछ अभी नहीं हैं।
लोगों में बढ़ा आइवीएफ के प्रति भरोसा
पांच साल 25-30 प्रतिशत बढ़ गए हैं। आईवीएफ के मामले विशेषज्ञों की माने तो बदलती जीवनशैली के साथ-साथ लोगों का आइवीएफ के प्रति भी भरोसा बढ़ा है। पांच सालों गौर करें तो आइवीएफ में 25-30 प्रतिशत इजाफा दर्ज किया गया है। पहले जहां 15-18 प्रतिशत लोग आइवीएफ को पसंद करते थे।
ये भी जानें
- जिले में हैं 50 से ज्यादा फ्रीज बैंक
- 1.2 से 1.5 लाख आता है खर्च
- 15 से 25 हजार रुपये देना होता है हर साल रिनुअल चार्ज
केस-1 36 वर्षीय युवती पेशे से मॉडल है। अभी शादी का कोई प्लान नहीं हैं। फिलहाल करियर पर फोकस कर रहीं हैं। ऐसे में उन्होंने परिवार के सहयोग से युवती ने अंडाणु को फ्रीज कराया है। उनका है कि अब उन्हें बढ़ती उम्र के कारण अपने आप को शादी में बांधना नहीं पड़ेगा।
केस-2 32 वर्षीय युवती पेशे से आर्टिस्ट हैं जोकि खुद की आर्ट गैलरी का संचालन कर रही हैं। सही लाइफपार्टनर नहीं मिलने के कारण शादी का कोई प्लान नहीं हैं। माता का सपोर्ट मिलने पर उन्होंने एग फ्रीज कराए हैं। उनका मानना है कि अब वह पाटर्नर को लेकर समझौता नहीं करना पड़ेगा।
केस-3 28 वर्षीय युवती जिसका लक्ष्य सरकारी नौकरी हासिल करने का है। ऐसे में युवती ने सात सालों के लिए एग को फ्रीज कराया है। वह कहती हैं कि शादी और बच्चों की चिंता में वह अपने करियर को खत्म नहीं करना चाहिए। परिवार के सहयोग से उन्होंने यह निर्णय लिया।
केस-4 ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित एक 29 वर्षीय महिला ने कीमोथेरेपी कराने से पहले एग फ्रीज कराने का निर्णय लिया था। दिसंबर में उन्होंने अपने सुरक्षित बच्चों को जन्म दिया है।