तिहाड़ से लेकर अदालत तक. जिसके लिए मचा हंगामा, क्या होता है इंसुलिन; सीएम केजरीवाल के लिए क्यों है जरूरी

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नई दिल्ली(एजेंसी):दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल Delhi Excise Policy Scam में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। वह जब से जेल में हैं उनके स्वास्थ्य पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।बीते पूरे सप्ताह आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल को डायबटीज का मरीज होने के बाद भी जेल में इंसुलिन न मुहैया कराए जाने को मुद्दा बनाया। केजरीवाल ने यह मुद्दा कोर्ट में भी उठाया। हालांकि अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया। अदालत से याचिका खारिज हो जाने के बाद सोमवार शाम से केजरीवाल को इंसुलिन दी जा रही है।

जिस इंसुलिन को लेकर आम आदमी पार्टी ने यह तक आरोप लगा दिया कि जेल में मुख्यमंत्री को इंसुलिन न देकर उन्हें जान से मारने की साजिश रची जा रही थी, आखिर वह इंसुलिन क्या होती है, कब दी जाती, कैसे ली जाती और डायबिटीज के किस मरीज को दी जाती है, जानें सबकुछ

इंसुलिन क्या है(What Is Insulin)

डायबिटीज के मरीज इंसुलिन के इंजेक्शन लेते हैं ऐसा अक्सर आपने सुना होगा। दरअसल इंसुलिन हमारे शरीर में पैदा होने वाले एक तरह के हार्मोन हैं, जिनका निर्माण Pancreas यानी अग्नाशय में होता है।

हमारा आमाशय (पेट) कार्बोहाइड्रेट्स को ब्लड शुगर में बदलता है। इंसुलिन के जरिए ही यह ब्लड शुगर एनर्जी में बदल जाती है। अगर अग्नाशय में इंसुलिन का बनना बंद हो जाए तो ब्लड ग्लूकोज एनर्जी में नहीं बदलेगी और ऊर्जा की कमी की वजह से जल्द थकान होने लगती है। ऊर्जावान रहने के लिए इंसुलिन का बनना बहुत जरूरी है।

Insulin ऐसे करता है काम (How does Insulin Work)

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि इंसुलिन न बनने पर व्यक्ति को शरीर में थकान होने लगती है, ऐसे में इंसुलिन हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी है। इंसुलिन की मदद से ही खून में मौजूद सेल्स को शुगर मिलती है। यह भी कहा जाता है कि पूरे शरीर में इंसुलिन ही शुगर पहुंचाता है, जिससे पूरे शरीर को ऊर्जा मिलती है।

क्यों डायबिटीज के मरीज के लिए इंसुलिन है जरूरी

मधुमेह के रोगियों में ब्लड शुगर को सामान्य बनाए रखने के लिए इंसुलिन दिया जाता है। हालांकि सामान्य धारणा के उलट शुगर के मरीज को हमेशा इंसुलिन की जरूरत नहीं होती। यहां तक की डायबिटीज टाइप-2 के मरीज का इलाज भी बिना इंसुलिन के चलता रह सकता है। दवाओं के साथ-साथ उचित खानपान और नियमित दिनचर्या के साथ टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है।

इंसुलिन के प्रकार

मोटे तौर पर इंसुलिन को चार प्रकार का बताया गया है। शॉर्ट एक्टिंग इंसुलिन, इंटरमीडिएट एक्टिंग इंसुलिन, लॉन्ग एक्टिंग इंसुलिन और आखिरी वो इंसुलिन जो सभी को मिलाकर दिया जाता है। इनके नाम के अनुसार ही यह इंसुलिन अपना असर भी करते हैं।

बिना इंसुलिन के भी शुगर के रोगी रह सकते हैं स्वस्थ

बिना इंसुलिन के भी डायबिटीज के रोगी अपना शुगर कंट्रोल में रख सकते हैं। इसके लिए रोजाना व्यायाम और अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना होगा। टाइप2 डायबिटीज की शुरूआत में या फिर गर्भावस्‍था के दौरान में इंसुलिन का प्रयोग करें, इसके बाद बेहतह लाइफस्टाइल से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

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