कोरबा@M4S: वैसे तो दोस्ती के कई किस्से आपने सुने और देखे होंगे। मगर आज हम आपको एक किसान और खूबसूरत कोटरी के बीच अनोखी दोस्ती से रूबरू कराने वाले हैं। इंसानी बस्तियों से दूर जंगल में उछल-कूद करने वाली कोटरी की दोस्ती एक किसान से हो गई। ये अनोखी फ्रेंडशिप कैसी हुई इसकी कहानी फिल्मी है।
खूबसूरत जंगली जीव (कोटरी) का साइंटिफिक नाम मुंतियाकस है और इंग्लिश मे मंटजैक डियर कहते हैं। इसे हिंदी में कोटरी कहते हैं। वैसे तो कोटरी जंगली जीव है। मगर पिछले एक साल से किसान खेमसिंह के घर में इत्मीनान से रहती है। दरअसल ख़ेम सिंह लकड़ी लेने गए थे। कोटरी जंगल में अकेले जख्मी हालत में पड़ी थी। खूंखार जानवरों से बचाकर किसान इसे अपने साथ घर ले आया। तब से ये कोटरी भी इस घर की सदस्य बन गई है।
खेमसिंह के पोते मुस्कान सिंह ने इसका नाम बबली रखा है। आवाज लगाते ही बबली दौड़ी चली आती है। बबली को नया परिवार मिला है। यहां बच्चों की तरह इसकी देखभाल होती है। दूध, चावल, सब्जी और हरी घास इसका मुख्य आहार है। खेम सिंह इसे कैद करके नहीं रखते। बबली सुबह के वक्त जंगल की ओर जाती है और शाम ढलने से पहले वापस लौट आती है। इलाके में शिकारियों की कमी नहीं है, लिहाजा सुरक्षा को देखते हुए खेमसिंह कोटरी के लिए भी सुरक्षित घरौंदा बना दिया है, जहां वह सुरक्षित रहती है।
कोटरी और इंसान की दोस्ती, एक साल पहले से याराना जंगल में घायल मिली थी कोटरी, तब से बन चुका है परिवार का सदस्य

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