चंडीगढ़(एजेंसी):भ्रष्ट कर्मचारियों पर समुचित कार्रवाई नहीं करने पर फाजिल्का के एसएसपी वरिंदर सिंह बराड़ (Fazilka SSP Suspended) को निलंबित कर दिया गया है। यह पहला अवसर है जब भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं करने पर किसी एसएसपी पर निलंबन की गाज गिरी है।
उनकी जगह गुरमीत सिंह को फाजिल्का का एसएसपी नियुक्त किया गया है। एक किशोर की ओर से पोर्न साइट क्लिक करने पर टिपलाइन साइबर थाने पहुंची थी।मामला बेहद मामूली होने के बावजूद साइबर सेल के एसएचओ मंजीत सिंह व तीन कर्मचारियों हेड कॉन्स्टेबल राजपाल, हेड कॉन्स्टेबल शिंदर पाल और कॉन्स्टेबल सुमित कुमार ने किशोर के परिवार से एक लाख रुपये रिश्वत मांगी थी।
पीड़ित परिवार ने की थी शिकायत
पीड़ित परिवार ने इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन नंबर पर की थी। इसके पश्चात विजिलेंस ने मंगलवार को चारों के खिलाफ केस दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया था। अब राज्य सरकार ने मामले में एसएसपी पर भी कार्रवाई की है।
इससे पहले भ्रष्टाचार के मामले में विजिलेंस के प्रमुख एसपीएस परमार, श्री मुक्तसर साहिब के डीसी रहे आइएएस राजेश त्रिपाठी सहित दो अन्य पुलिस अधिकारियों को भी सस्पेंड किया गया था।
पीपीएस अधिकारी स्वर्णदीप सिंह व हरप्रीत सिंह मंडेर को आइपीएस परमार के साथ निलंबित किया गया था, लेकिन जांच के बाद दोनों पीपीएस अधिकारियों को फिर से उसी पद पर बहाल कर दिया गया।
2022 में भ्रष्टाचार को खत्म करने का वादा कर सत्ता में आई आम आदमी पार्टी (आप) के चार विधायकों को अब तक जेल की हवा खानी पड़ी है। तीन साल के कार्यकाल में तीन विधायकों को खुद सरकार ने ही पकड़ा।
विधायकों को ईडी ने पकड़ा
चौथे विधायक को केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने पकड़ा। दो मंत्रियों को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित ऑडियो-वीडियो के बाद विवाद के कारण कुर्सी छोड़नी पड़ी। एक मंत्री को कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई जिससे वह कुर्सी बचा पाए। 2022 में पूर्व सेहत मंत्री डॉ. विजय सिंगला के खिलाफ कार्रवाई हुई।
सिंगला हर काम और टेंडर में एक प्रतिशत कमिशन मांग रहे थे। बठिंडा ग्रामीण से विधायक अमित रतन कोटफत्ता को भ्रष्टाचार में गिरफ्तार किया गया। उन पर सरपंच से रिश्वत मांगने का आरोप था। जालंधर सेंट्रल सीट के विधायक रमन अरोड़ा को बीते दिनों भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
विधायक जसवंत सिंह गज्जनमाजरा को ईडी ने 2023 में गिरफ्तार किया था। इससे पहले भी भ्रष्टाचार को लेकर विजिलेंस ब्यूरो आइएएस अधिकारियों, उनकी पत्नियों, पूर्व विधायकों और पूर्व मंत्रियों पर कार्रवाई कर चुका है।