कोरबा@M4S:वन मंडल कोरबा अंतर्गत कुदमुरा रेंज के गीतकुंवारी व लबेद गांव में हाथियो की सक्रियता बढ़ गई है। जिसे देखते हुए वन विभाग ने क्षेत्र में तेंदुपत्ता संग्रहण का कार्य फिलहाल रोक दिया है। यहां के जंगल में 25 हाथी घूम रहे हैं जो दिन में कोरबा व धरमजयगढ़ वन मंडल की सीमा पर पहुंच जाता है और रात में लबेद व गीतकुंवारी पहुंचकर यहां खेतो में उत्पात मचाते हुए ग्रामीणों के धान व मुंगफली की फसल को रौंद देता है। हाथियों के उत्पात से क्षेत्र के ग्रामीण काफी हलाकान है। वहीं उनमें दहशत भी व्याप्त है। हाथियों के उत्पात से परेशान ग्रामीणों में जिला प्रशासन व वन विभाग से समस्या के समाधान व सुरक्षा की मांग की है। लेकिन वन अमला असफल साबित हो रहा है। बीटी रात पहुंचे 27 हाथियों के इस दल ने गीतकुंवारी व लबेद गांव में फिर उत्पात मचाते हुए ग्रामीणों के खेतो में लगे धान व मुंगफली फसल को जमकर नुकसान पहुंचाया। पीडि़त ग्रामीणों द्वारा सूचना दिए जाने पर वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचकर नुकसानी का आंकलन शुरू कर दिया है। हाथियों की सक्रियता को देखते हुए विभाग द्वारा क्षेत्र में तेंदू पत्ता संग्रहण का कार्य रोक दिया गया है। ग्रामीणों से कहा जा रहा है कि वे जंगल से दूरी बनाए रखे।
कटघोरा वन मंडल में भी बनी है सक्रियता
उधर कटघोरा वन मंडल के एतमा नगर, केंदई पसान व जटगा रेंज में हाथियों की उपस्थिति लगातार बनी हुई है। पसान के बर्राबीट में मौजूद हाथियों का दल बीती रात बासिन पहुंच गया और यहां चिकनी पारा में बांस बाड़ी में प्रवेश कर बांस के पौधों को तहस नहस कर दिया। हाथियों का उत्पात काफी देर तक चला। वन अमला द्वारा खदेड़े जाने पर दल वापस बर्रा लौटा केंदई रेंज के कापानवापारा व लालपुर तथा एतमा नगर क्षेत्र में मौजूद हाथियों ने फिलहाल कोई बड़ा नुकसान नही पहुंचाया है। फिर भी वन विभाग इसे लेकर सतर्क है और लगातार निगरानी में जुटा हुआ है।