कोरबा@M4S: जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में व्यवस्थाओं और सुविधाओं को दुरुस्त करने पर जोर दिया जा रहा है। इसी कड़ी में आग से निपटने की कवायद तेज कर दी गई है।इसके लिए 1.50 करोड़ की लागत फायर फायटिंग कक्ष की स्थापना होगी। जिसमें स्वयं के दमकल वाहन के अलावा आग बुझाने वाली उपकरण सामग्री के लिए राज्य सरकार ने 1.40 करोड़ की स्वीकृति दी है। निर्माण शुरू करने और उपकरण क्रय करने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने राज्य के मेडिकल सर्विस कारपोरेशन को पत्र लिखा है। राशि मिलते ही कार्य शुरू हो जाएगा।जिला अस्पताल में प्रतिदिन डेढ़ हजार से भी अधिक मरीज और उनके स्वजन अस्पताल पहुंचते हैं। सार्वजनिक स्थल होने के बाद भी अग्निशमन कायदे की यहां धज्जियां उड़ रहीं हैं। व्यवस्था में सुधार कराने के बजाए उसके हाल में ही छोड़ दिया गया है। फायर फायटिंग की स्वीकृति से दशा में सुधार की संभावना बढ़ गई है। आग लगने की ज्यादातर घटनाएं लूज वायरिंग और शार्ट सर्किट की वजह से होती है। सिपेज युक्त बिल्डिंग की दीवारों में जगह-जगह खुले वायरिंग शार्ट सर्किट को आमंत्रण दे रहे हैं। फायर फायटिंग कक्ष स्थापना के साथ इन अव्यवस्थाओं में सुधार की जाएगी। भूमिगत फ्लोर से तीन तल में बंटे 38 साल पुराने बिल्डिंग में अग्निशमन सुरक्षा दुरूस्त नहीं है। मेडिकल कालेज के अस्तित्व मे आने से अस्पताल में सुविधाएं बढऩे के साथ संसाधन से संबंधित नई मशीने भी लगी हैं। उपर तल में ही टीबी, एड्स के मरीजों की जांच कक्ष के अलाव ब्लड बैंक भी संचालित हैं। ऐसे में आग लगने की स्थित में एक साथ इतने विभागों के मरीजों को सकरी सीढी से उतारा जाना संभव नहीं। उपरी तल में जल आपूर्ति के टैंक तो लगे हैं लेकिन अग्निशमन सुरक्षा की दृष्टि से एक भी टैंक का निर्माण नहीं हुआ है। फायर फायटिंग व्यवस्था के तहत अस्पताल में उपरी कक्ष से नीचे उतरने के लिए आपात कालीन सीढ़ी व पानी टैंक बनाया जाएगा।