कोरबा@M4S: कोरबा-अंबिकापुर रेल लाइन निर्माण से पहले अंतिम स्थान सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है। यह कार्य दिल्ली की कंपनी एलएन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कर रही है।रेल मंत्रालय की तरफ से साढ़े चार करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। इसकी दूरी 180 किलोमीटर है। सर्वेक्षण टीम संभावित रास्तों का मूल्यांकन कर यह तय करेगी कि कौन सा रूट अच्छा होगा। इसी आधार पर रिपोर्ट तैयार कर जमा की जाएगी।
अनुपपुर-अंबिकापुर रेलखंड पर अंबिकापुर अंतिम स्टेशन है। यहां से रेल लाइन विस्तार की मांग लंबे अरसे से की जा रही है। अंबिकापुर-रेणुकूट और अंबिकापुर बरवाडीह रेल लाइन का सर्वेक्षण हो चुका है। रेणुकूट से अंबिकापुर होते कोरबा को जोडऩे के प्रस्ताव में अंबिकापुर-कोरबा रेल लाइन के लिए अंतिम स्थान सर्वेक्षण जरूरी था। कोरबा से अंबिकापुर होते रेणुकूट तक नई रेल लाइन के लिए वर्ष 2020-21 में सर्वे कराया गया है।
इस सर्वे में कोरबा से रेणुकूट तक नई रेल लाइन की दूरी 351.70 किलोमीटर बताई गई है। इसमें कोरबा से अंबिकापुर तक 207 किलोमीटर तथा अंबिकापुर से रेणुकूट तक की दूरी 144 किमी बताई गई है। सर्वे में इस रेल लाइन निर्माण में कुल लागत 4973.84 करोड़ आंकी गई है। इसी सर्वे के साथ गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) से बचेली तक (बीजापुर) होते नई रेल लाइन के अंतिम स्थान सर्वेक्षण के लिए 1225 लाख स्वीकृत किए गए हैं। यह 490 किलोमीटर लंबी रेल लाइन है। अंबिकापुर होते कोरबा तक रेल लाइन के लिए वर्ष 2020-21 में हुए सर्वे में अंबिकापुर से कोरबा तक की दूरी लगभग 207 किलोमीटर बताई गई है। इस सर्वे में कोरिया जिले से होते हुए रेल लाइन को अंबिकापुर से कोरबा तक जोड़ा गया है। इसी कारण दूरी अधिक बढ़ गई है। यदि अंबिकापुर से लखनपुर, केदमा, मतरिगा, सियांग, बताती होते कोरबा को जोड़ा जाए तो पूर्व के सर्वे के विपरीत दूरी काफी कम हो जाएगी।
कोरबा-अंबिकापुर रेल लाइन निर्माण से पहले अंतिम स्थान सर्वेक्षण शुरू संभावित रास्तों का मूल्यांकन करेगी टीम

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